बक्सर: बिहार में जहरीली शराब से ( Bihar Liquor Death Case ) मौत का मामला थमने का नाम नही ले रहा है. बक्सर जिले में मंगलवार को एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. इस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है. इसके साथ ही पिछले 15 दिनों में जिले के अलग-अलग प्रखंड में ऐसे चार लोगों की मौत हुई है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मौत जहरीली शराब (Poisonous Liquor) पीने से हुई है या बीमारी ने जान ले ली. इसका सस्पेंस बरकरार है.
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बक्सर जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत नदाव पंचायत के नदाव गांव के रहने वाले जगदेव चौहान की मौत इलाज के दौरान सदर अस्पताल में हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार 2 नवम्बर की रात्रि में मृतक भोजन कर सोने चला गया, सुबह जब परिजन जगाने के लिए गए तो बेड पर ही बेहोश पड़ा हुआ था. जिसके बाद परिजन पहले घर में ही 2 दिनों तक इलाज कराए, स्थिति खराब होते देख उसे 4 नवम्बर को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां मंगलवार यानी आज इलाज के दौरान मौत हो गई. हालांकि मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है.
बात दें कि जिले के चौसा प्रखण्ड में तीन एवं सदर प्रखंड में एक व्यक्ति की मौत से चर्चाओं का बाजार गर्म है. कहा जा रहा है कि जहरीली शराब पीने के कारण चारों की मौत हुई है. हालांकि परिजनों के द्वारा किसी भी मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराने दिया गया. जिसके कारण मौत का असली वजह क्या है इसका पता नहीं चल पाया है. पुलिस बीमारी के कारण मौत होने की बात कह रही है.
सदर प्रखंड के नदाव पंचायत के नदाव गांव के रहने वाले 70 वर्षीय जगदेव चौहान की मौत को लेकर पड़ोसियों ने बताया कि चुप्पे चोरी शराब की विक्री हो रही है. तो लोग चुप्पे चोरी ही शराब का सेवन कर रहे हैं. जगदेव चौहान दामा बीमारी से ग्रसित थे, 2 दिनों तक स्थानीय चिकित्सकों से घरों में ही इलाज कराया गया. लेकिन जब स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
वहीं, इस घटना को लेकर मुफस्सिल थाना प्रभारी अमित कुमार ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि जगदेव चौहान की ब्रेन हैमरेज के कारण मौत हुई है. बेहोशी के हालात में परिजनों के द्वारा 4 नवम्बर को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सदर अस्पताल में मृतक का इलाज कर रहे डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि 4 नवम्बर को परिजन बेहोशी के हालात में मरीज को सदर अस्पताल में लेकर आये थे. उस समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सोनू कुमार के द्वारा सिटी स्कैन कराने के लिए कहा गया. लेकिन परिजन सिटी स्कैन नहीं कराए, मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना रेफर किया गया था. लेकिन परिजनों ने अपनी असमर्थता जताते हुए सदर अस्पताल में ही इलाज करने की बात कहने लगे. जिसकी आज मौत हो गई है. सिटी स्कैन या पोस्टमार्टम हुआ रहता तो मौत की असली वजह पता चलता. हमलोग ब्रेन हैमरेज के कारण मौत होने की बात मानकर चल रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का कानून लागू है. कई जिलों में जहरीली शराब पीने के कारण लोगों की मौत हुई है. पिछले 15 दिनों में जिले के चौसा और सदर प्रखंड में 4 लोगों की मौत हुई है. हालांकि परिजनों के द्वारा किसी भी मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराने दिया गया. जिसके कारण मौत की वजह पुलिस बीमारी मानकर चल रही है.
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