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बाढ़ पूर्व तैयारी के नाम पर 'गड़बड़झाला', तटबंधों पर बालू की जगह बोरियों में भरकर रखी गई मिट्टी

बाढ़ पूर्व तटबंध की मरम्मती के नाम पर बालू की जगह बोरियों में मिट्टी भर कर रख दी गई. इतनी बड़ी लापरवाही बरतने का मामला उजागर होने के बाद गंगा दियारा के इलाके में रहने वाले लोग अभी से ही सहम गए हैं.

तटबंध की मरम्मती
तटबंध की मरम्मती
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Published : Jun 18, 2020, 3:09 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 8:17 PM IST

बक्सरः बाढ़ से जिला को बचाने के लिए जिलाधिकारी अमन समीर और बक्सर पुलिस कप्तान उपेंद्र नाथ वर्मा ने बक्सर कोईलवर तटबंध का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने युद्ध-स्तर पर बांधों को मरम्मत करने का निर्देश दिया था. लेकिन डीएम के आदेश का पालन करने में जुटे अधिकारियों ने बालू की जगह बोरा में मिट्टी भरकर बांधों पर रख दिया. कर्मचारियों और अधिकारियों की इस धांधली की सूचना स्थानीय लोगों ने जब मीडिया को दी, तो प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया.

2 प्रखंडों में उजागर हुआ मामला
जिला को बाढ़ से बचाने के लिए साल 1960-65 में भारत सरकार के जरिए 45 किलोमीटर लंबा बक्सर कोईलवर तटबंध का निर्माण कराया गया था. जिसकी मरम्मत हर साल बाढ़ आने से पहले कराई जाती है. इस कड़ी में जिलाधिकारी ने बांधों का निरीक्षण कर अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिये थे. लेकिन जिलाधिकारी के निर्देश को दरकिनार कर महानुभावों ने सिमरी प्रखंड के केशवपुर और ब्रह्मपुर प्रखंड के नैनिजोर के इलाकों में बालू की जगह तटबंध पर बोरा में मिट्टी भरकर रख दिया.

बोरे में भरी मिट्टी
बोरे में भरी मिट्टी

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
बाढ़ का दंश झेल चुके चक्की प्रखंड के जिला परिषद के सदस्य परमानंद यादव ने कहा कि डर तो लगता है साहब! बाढ़ आने के साथ ही सबसे पहले हमारे गांव में भारी तबाही मचती है. लेकिन जिस तरह से गंगादियारा के लोगों के साथ बाढ़ की तैयारी के नाम पर क्रूर मजाक किया गया है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

परमानंद यादव ने कहा कि बाढ़ आने से पहले ही अचानक हुई बारिश ने इस राज को खोल दिया कि प्रशासन जिलावासियों को बचाने के लिए कितना गंभीर है. मामले की जांच हो और जो भी पदाधिकारी इस भ्रष्टाचार में शामिल है, उनपर सख्त करवाई हो.

ये भी पढ़ेंः '15 सालों में कुछ नहीं कर पाए CM नीतीश, जनता इस बार पक्का परिवर्तन करेगी'

'दोषी चाहे जो भी होंगे बख्शे नहीं जाएंगे'
वहीं, तटबंध की मरम्मती में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर डीएम अमन समीर ने कहा कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में आया है. बाढ़ पूर्व तैयारी के दौरान ही हमने सभी पदाधिकारियों से कहा था कि किसी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उसके बाद भी कुछ जगहों पर बालू की जगह मिट्टी भरने की शिकायत मिली है. इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है. अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद इस मामले की जांच करने जाऊंगा. दोषी चाहे जो भी होंगे बख्शे नहीं जाएंगे.

अमन समीर, डीएम
अमन समीर, डीएम

सहम गए हैं दियारा इलाके के लोग
बता दें कि बक्सर जिला के 5 प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी, ब्रह्मपुर, चक्की प्रखंड में बाढ़ का पानी हर साल भारी तबाही मचाता है. हजारों एकड़ में लगे फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाती हैं. कई गांव को खाली कराना पड़ता है. 2016 और 2019 में जिला के 5 प्रखंडो में बाढ़ ने काफी तबाही मचाई थी. हजारों एकड़ में लगी खरीफ की फसल बर्बाद हो गयी थी. उसके बाद भी इस मामले में इतनी बड़ी लापरवाही बरतने का मामला उजागर होने के बाद गंगा दियारा के इलाके में रहने वाले लोग अभी से ही सहम गए हैं.

बक्सरः बाढ़ से जिला को बचाने के लिए जिलाधिकारी अमन समीर और बक्सर पुलिस कप्तान उपेंद्र नाथ वर्मा ने बक्सर कोईलवर तटबंध का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने युद्ध-स्तर पर बांधों को मरम्मत करने का निर्देश दिया था. लेकिन डीएम के आदेश का पालन करने में जुटे अधिकारियों ने बालू की जगह बोरा में मिट्टी भरकर बांधों पर रख दिया. कर्मचारियों और अधिकारियों की इस धांधली की सूचना स्थानीय लोगों ने जब मीडिया को दी, तो प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया.

2 प्रखंडों में उजागर हुआ मामला
जिला को बाढ़ से बचाने के लिए साल 1960-65 में भारत सरकार के जरिए 45 किलोमीटर लंबा बक्सर कोईलवर तटबंध का निर्माण कराया गया था. जिसकी मरम्मत हर साल बाढ़ आने से पहले कराई जाती है. इस कड़ी में जिलाधिकारी ने बांधों का निरीक्षण कर अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिये थे. लेकिन जिलाधिकारी के निर्देश को दरकिनार कर महानुभावों ने सिमरी प्रखंड के केशवपुर और ब्रह्मपुर प्रखंड के नैनिजोर के इलाकों में बालू की जगह तटबंध पर बोरा में मिट्टी भरकर रख दिया.

बोरे में भरी मिट्टी
बोरे में भरी मिट्टी

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
बाढ़ का दंश झेल चुके चक्की प्रखंड के जिला परिषद के सदस्य परमानंद यादव ने कहा कि डर तो लगता है साहब! बाढ़ आने के साथ ही सबसे पहले हमारे गांव में भारी तबाही मचती है. लेकिन जिस तरह से गंगादियारा के लोगों के साथ बाढ़ की तैयारी के नाम पर क्रूर मजाक किया गया है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

परमानंद यादव ने कहा कि बाढ़ आने से पहले ही अचानक हुई बारिश ने इस राज को खोल दिया कि प्रशासन जिलावासियों को बचाने के लिए कितना गंभीर है. मामले की जांच हो और जो भी पदाधिकारी इस भ्रष्टाचार में शामिल है, उनपर सख्त करवाई हो.

ये भी पढ़ेंः '15 सालों में कुछ नहीं कर पाए CM नीतीश, जनता इस बार पक्का परिवर्तन करेगी'

'दोषी चाहे जो भी होंगे बख्शे नहीं जाएंगे'
वहीं, तटबंध की मरम्मती में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर डीएम अमन समीर ने कहा कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में आया है. बाढ़ पूर्व तैयारी के दौरान ही हमने सभी पदाधिकारियों से कहा था कि किसी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उसके बाद भी कुछ जगहों पर बालू की जगह मिट्टी भरने की शिकायत मिली है. इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है. अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद इस मामले की जांच करने जाऊंगा. दोषी चाहे जो भी होंगे बख्शे नहीं जाएंगे.

अमन समीर, डीएम
अमन समीर, डीएम

सहम गए हैं दियारा इलाके के लोग
बता दें कि बक्सर जिला के 5 प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी, ब्रह्मपुर, चक्की प्रखंड में बाढ़ का पानी हर साल भारी तबाही मचाता है. हजारों एकड़ में लगे फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाती हैं. कई गांव को खाली कराना पड़ता है. 2016 और 2019 में जिला के 5 प्रखंडो में बाढ़ ने काफी तबाही मचाई थी. हजारों एकड़ में लगी खरीफ की फसल बर्बाद हो गयी थी. उसके बाद भी इस मामले में इतनी बड़ी लापरवाही बरतने का मामला उजागर होने के बाद गंगा दियारा के इलाके में रहने वाले लोग अभी से ही सहम गए हैं.

Last Updated : Jun 18, 2020, 8:17 PM IST
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