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Corona Effect In Buxar: प्रतिबंध से हो रहे नुकसान से लोग परेशान, बोले- 'सरकार करे कुछ उपाय' - ramrekha ghat in buxar

बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण का सीधा असर लोगों (People earnings are affected in buxar) की कमाई पर पड़ रहा है. बक्सर में भी प्रतिबंध के कारण इस बार मकर संक्रांति में घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं हुई जिसके कारण पुजारी से लेकर नाविक तक परेशान हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

Corona Effect In Buxar
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Published : Jan 15, 2022, 12:57 PM IST

बक्सर: कोरोना की तीसरी लहर से पूरी दुनिया परेशान है. भारत में भी संक्रमितों की संख्या में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. बक्सर में कोरोना (Corona Third Wave In Buxar) का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. इस पर काबू पाने के लिए कई तरह के प्रशासन की ओर से प्रतिबंध (restriction in buxar due to corona) लगाए गए हैं, जिसका सीधा असर लोगों की रोजी रोटी पर पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः Covid-19 Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर में कैसे बचें, AIIMS के डॉक्टर ने बताया 4B फार्मूला

जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण से लोग दहशत में हैं. जिलाधिकारी ,सिविल सर्जन सहित कई चिकित्सा कर्मी भी इसकी चपेट में आ चुके हैं. कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगभग 250 के आसपास पहुंच चुकी है. ऐसे में अनियंत्रित हो रहे संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने मकर संक्रांति के मौके पर होने वाले सामूहिक गंगा स्नान, धार्मिक जुलूस और मंदिरों में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया.

बक्सर में कोरोना का असर

प्रतिबंध के कारण मकर संक्रांति के जरिए अपने घर का चूल्हा जलाने वाले लोगों को भारी परेशानी झेलने पड़ रही है. श्रद्धालुओं के आगमन से जिन लोगों को रोजगार मिलता है ,उनके तो चूल्हे ठंठे होने की नौबत आ गई है. घाट पर पूजा कराने वाले पंडो की बात करें या नाव चलाने वाले नाविक की या फिर दुकानदार की, सभी की आर्थिक हालत बेहद खराब होती जा रही है.

ये भी पढ़ें: पटना में कोरोना का संकट, 24 घंटे में डॉक्टर समेत सैकड़ों मेडिकल स्टाफ संक्रमित, 2 की मौत

रामरेखा घाट (ramrekha ghat in buxar ) पर पूजा और गंगा आरती कराने वाले अमर नाथ पांडेय उर्फ लाला बाबा बताते हैं कि, 'कोरोनो की दो लहर में हमारे हालात बहुत खराब हो चुके थे. अब इस तीसरी लहर में तो भूखों मरने वाली स्थिति बनती जा रही है. यहां श्रद्धालुओं के आगमन से ही हमलोगों के घर के चूल्हे गर्म होतें हैं. इसी पर पूरे परिवार की खुशी निर्भर करती है.'

वहीं रामरेखा घाट पर नाव चलाकर अपना गुजर बसर करने वाले नाविक बलि चौधरी ने कहा कि, 'हमलोगों को कोई पूछने वाला नहीं है. हमारी स्थिति बहुत ही बुरी होती जा रही है. ऐसे ही हालात बने रहे तो कोरोना से नहीं हम भूख से मर जाएंगे. मकर संक्रांति में श्रद्धालु घाट पर आएंगे सोचकर नावों को दुरुस्त करने में काफी खर्चा भी किया था. यह तीसरा साल है जब प्रतिबंध के कारण परेशानी हो रही है. बड़े बड़े स्टीमर चल रहें हैं पर हमलोगों के नाव को प्रतिबंधित कर दिया गया है.'

नाविक राजगृह चौधरी बतातें हैं कि, 'त्योहार के आगमन पर हमलोग अपनी नावों को रंग रोगन कराकर तैयार रखे थे. श्रद्धालु आएंगे तो नाव में बैठकर घाट देखेंगे. इस उम्मीद में सारी तैयारी कर रखी थी. किंतु अब तो प्रतिबंध लग गया है. श्रद्धालु नहीं आ रहें हैं ,ऐसे में हम तो बर्बाद हो गए हैं. कमाई हुई नहीं और जो घर मे रखी जमा पूंजी थी उसे नावों के मरम्मती में खर्च कर दिया. हम मांग करते हैं कि, जिस तरह सरकार किसानों को हर साल 6000 -7000 आर्थिक सहायता के रूप में पैसे देती है.'

फिलहाल कोरोना की तीसरी लहर का सीधा असर लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है. सभी मांग कर रहे हैं कि, प्रतिबंध के कारण जो समस्या हो रही है,इसके लिए सरकार कोई रास्ता निकाले. बता दें कि, बिहार में बीते 24 घंटे में 6 हजार 500 से अधिक कोविड संक्रमित मरीज (Bihar Corona Update) मिले हैं. अब प्रदेश में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 31 हजार के पार हो गई है.

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बक्सर: कोरोना की तीसरी लहर से पूरी दुनिया परेशान है. भारत में भी संक्रमितों की संख्या में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. बक्सर में कोरोना (Corona Third Wave In Buxar) का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. इस पर काबू पाने के लिए कई तरह के प्रशासन की ओर से प्रतिबंध (restriction in buxar due to corona) लगाए गए हैं, जिसका सीधा असर लोगों की रोजी रोटी पर पड़ रहा है.

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जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण से लोग दहशत में हैं. जिलाधिकारी ,सिविल सर्जन सहित कई चिकित्सा कर्मी भी इसकी चपेट में आ चुके हैं. कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगभग 250 के आसपास पहुंच चुकी है. ऐसे में अनियंत्रित हो रहे संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने मकर संक्रांति के मौके पर होने वाले सामूहिक गंगा स्नान, धार्मिक जुलूस और मंदिरों में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया.

बक्सर में कोरोना का असर

प्रतिबंध के कारण मकर संक्रांति के जरिए अपने घर का चूल्हा जलाने वाले लोगों को भारी परेशानी झेलने पड़ रही है. श्रद्धालुओं के आगमन से जिन लोगों को रोजगार मिलता है ,उनके तो चूल्हे ठंठे होने की नौबत आ गई है. घाट पर पूजा कराने वाले पंडो की बात करें या नाव चलाने वाले नाविक की या फिर दुकानदार की, सभी की आर्थिक हालत बेहद खराब होती जा रही है.

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रामरेखा घाट (ramrekha ghat in buxar ) पर पूजा और गंगा आरती कराने वाले अमर नाथ पांडेय उर्फ लाला बाबा बताते हैं कि, 'कोरोनो की दो लहर में हमारे हालात बहुत खराब हो चुके थे. अब इस तीसरी लहर में तो भूखों मरने वाली स्थिति बनती जा रही है. यहां श्रद्धालुओं के आगमन से ही हमलोगों के घर के चूल्हे गर्म होतें हैं. इसी पर पूरे परिवार की खुशी निर्भर करती है.'

वहीं रामरेखा घाट पर नाव चलाकर अपना गुजर बसर करने वाले नाविक बलि चौधरी ने कहा कि, 'हमलोगों को कोई पूछने वाला नहीं है. हमारी स्थिति बहुत ही बुरी होती जा रही है. ऐसे ही हालात बने रहे तो कोरोना से नहीं हम भूख से मर जाएंगे. मकर संक्रांति में श्रद्धालु घाट पर आएंगे सोचकर नावों को दुरुस्त करने में काफी खर्चा भी किया था. यह तीसरा साल है जब प्रतिबंध के कारण परेशानी हो रही है. बड़े बड़े स्टीमर चल रहें हैं पर हमलोगों के नाव को प्रतिबंधित कर दिया गया है.'

नाविक राजगृह चौधरी बतातें हैं कि, 'त्योहार के आगमन पर हमलोग अपनी नावों को रंग रोगन कराकर तैयार रखे थे. श्रद्धालु आएंगे तो नाव में बैठकर घाट देखेंगे. इस उम्मीद में सारी तैयारी कर रखी थी. किंतु अब तो प्रतिबंध लग गया है. श्रद्धालु नहीं आ रहें हैं ,ऐसे में हम तो बर्बाद हो गए हैं. कमाई हुई नहीं और जो घर मे रखी जमा पूंजी थी उसे नावों के मरम्मती में खर्च कर दिया. हम मांग करते हैं कि, जिस तरह सरकार किसानों को हर साल 6000 -7000 आर्थिक सहायता के रूप में पैसे देती है.'

फिलहाल कोरोना की तीसरी लहर का सीधा असर लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है. सभी मांग कर रहे हैं कि, प्रतिबंध के कारण जो समस्या हो रही है,इसके लिए सरकार कोई रास्ता निकाले. बता दें कि, बिहार में बीते 24 घंटे में 6 हजार 500 से अधिक कोविड संक्रमित मरीज (Bihar Corona Update) मिले हैं. अब प्रदेश में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 31 हजार के पार हो गई है.

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