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रेस में हारा अनंत सिंह का 'लाडला', 'साधु' ने दी शिकस्त

बक्सर में घुड़दौड़ प्रतियोगिता (Horse Racing Competition in Buxar) का आयोजन किया गया था. जहां आरजेडी विधायक अनंत सिंह का घोड़ा रेस हार गया (Anant Singh Horse Lost in Race) है. बक्‍सर जिले के ही चौसा के साधु नाम के घोड़े ने पहला स्‍थान हासिल किया है.

अनंत सिंह का घोड़ा रेस हारा
अनंत सिंह का घोड़ा रेस हारा
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Published : Mar 6, 2022, 4:08 PM IST

बक्सर: सियासत के मैदान में लगातार बाजी जीतने वाले मोकामा विधायक अनंत सिंह (Mokama MLA Anant Singh) को रेस के मैदान में शिकस्त हाथ लगी है. दरअसल बक्सर में घुड़दौड़ प्रतियोगिता (Horse Racing Competition in Buxar) का आयोजन किया गया था. जहां में चौसा के 'साधु' ने अनंत के 'लाडला' को मात दे दी. वहीं, नदमा के विवेका पहलवान का घोड़ा 'बागी' तीसरे स्थान पर रहा.

ये भी पढ़ें: गोला-बारूद से अनंत सिंह का है पुराना नाता, 2004 में हुई थी पहली कार्रवाई

ब्रह्मपुर फाल्‍गुनी पशु मेला: सुप्रसिद्ध बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की नगरी ब्रह्मपुर में देश भर से घोड़ों का जमावड़ा लगा. 8 दिवसीय ब्रह्मपुर फाल्‍गुनी पशु मेला (Brahmapur Falguni Cattle Fair) का समापन घुड़दौड़ प्रतियोगिता के साथ हुआ. जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश के नामचीन लोगों के घोड़े ने भाग लिया. इस घुड़दौड़ प्रतियोगिता में बक्सर के चौसा के साधु ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि मोकामा विधायक अनंत सिंह के लाडले को द्वितीय स्थान मिला.

अनंत सिंह का 'लाडला' हारा: फाइनल में चार चक्कर लगाने थे. इस दौरान सबको पीछे छोड़ते हुए बक्सर के चौसा के निवासी मधु यादव का घोड़ा साधु ने प्रथम पुरस्कार पर कब्जा जमाया. वहीं, मोकामा विधायक अनंत सिंह के घोड़े लाडले को दूसरा पुरस्कार मिला. बाढ़ के नदमा के विवेका पहलवान के घोड़े बागी को तीसरा पुरस्कार मिला. निर्णायक समिति द्वारा प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कारों की घोषणा की गई. इसके बाद आयोजकों द्वारा फाइनल में हिस्सा लेने वाले अन्य पांच घोड़ों के मालिकों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विशेष पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया.

44 घोड़ों ने लिया हिस्सा: इस प्रतियोगिता को देखने के लिए दूर-दूर से भारी संख्या में लोग आए थे. कुल 44 घोड़ों ने हिस्सा लिया था. जहां चार ग्रुप में सेमीफाइनल मुकाबला कराया गया. इस दौरान प्रत्येक ग्रुप में 11 घोड़े शामिल हुए. जिनमें से दो-दो घोड़े फाइनल मुकाबले के लिए चयनित किए, वहीं फाइनल प्रतियोगिता में कुल 8 को प्रवेश मिला था.

मेले का विस्तार होगा-मंत्री: घुड़दौड़ प्रतियोगिता का उद्घाटन करने पहुंचे मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि घुड़दौड़ हमारी एक सांस्कृतिक विरासत है, जिसे बचा कर रखना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि मैं खुद घोड़ा पालता हूं. भविष्य में मेले का विस्तार किया जाएगा. ऐसे में यह नहीं सोचना है कि मेरा घोड़ा नहीं जीत पाया. सभी लोगों को आगे की तैयारी करनी चाहिए. हार-जीत तो होती ही रहती है.

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बक्सर: सियासत के मैदान में लगातार बाजी जीतने वाले मोकामा विधायक अनंत सिंह (Mokama MLA Anant Singh) को रेस के मैदान में शिकस्त हाथ लगी है. दरअसल बक्सर में घुड़दौड़ प्रतियोगिता (Horse Racing Competition in Buxar) का आयोजन किया गया था. जहां में चौसा के 'साधु' ने अनंत के 'लाडला' को मात दे दी. वहीं, नदमा के विवेका पहलवान का घोड़ा 'बागी' तीसरे स्थान पर रहा.

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ब्रह्मपुर फाल्‍गुनी पशु मेला: सुप्रसिद्ध बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की नगरी ब्रह्मपुर में देश भर से घोड़ों का जमावड़ा लगा. 8 दिवसीय ब्रह्मपुर फाल्‍गुनी पशु मेला (Brahmapur Falguni Cattle Fair) का समापन घुड़दौड़ प्रतियोगिता के साथ हुआ. जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश के नामचीन लोगों के घोड़े ने भाग लिया. इस घुड़दौड़ प्रतियोगिता में बक्सर के चौसा के साधु ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि मोकामा विधायक अनंत सिंह के लाडले को द्वितीय स्थान मिला.

अनंत सिंह का 'लाडला' हारा: फाइनल में चार चक्कर लगाने थे. इस दौरान सबको पीछे छोड़ते हुए बक्सर के चौसा के निवासी मधु यादव का घोड़ा साधु ने प्रथम पुरस्कार पर कब्जा जमाया. वहीं, मोकामा विधायक अनंत सिंह के घोड़े लाडले को दूसरा पुरस्कार मिला. बाढ़ के नदमा के विवेका पहलवान के घोड़े बागी को तीसरा पुरस्कार मिला. निर्णायक समिति द्वारा प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कारों की घोषणा की गई. इसके बाद आयोजकों द्वारा फाइनल में हिस्सा लेने वाले अन्य पांच घोड़ों के मालिकों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विशेष पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया.

44 घोड़ों ने लिया हिस्सा: इस प्रतियोगिता को देखने के लिए दूर-दूर से भारी संख्या में लोग आए थे. कुल 44 घोड़ों ने हिस्सा लिया था. जहां चार ग्रुप में सेमीफाइनल मुकाबला कराया गया. इस दौरान प्रत्येक ग्रुप में 11 घोड़े शामिल हुए. जिनमें से दो-दो घोड़े फाइनल मुकाबले के लिए चयनित किए, वहीं फाइनल प्रतियोगिता में कुल 8 को प्रवेश मिला था.

मेले का विस्तार होगा-मंत्री: घुड़दौड़ प्रतियोगिता का उद्घाटन करने पहुंचे मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि घुड़दौड़ हमारी एक सांस्कृतिक विरासत है, जिसे बचा कर रखना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि मैं खुद घोड़ा पालता हूं. भविष्य में मेले का विस्तार किया जाएगा. ऐसे में यह नहीं सोचना है कि मेरा घोड़ा नहीं जीत पाया. सभी लोगों को आगे की तैयारी करनी चाहिए. हार-जीत तो होती ही रहती है.

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