बक्सर: कर्नाटक चुनाव में मिली बड़ी सफलता के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने वैसे नेताओं को किनारा करना शुरू कर दिया है, जो पार्टी के अंदर कुंडली मारकर बैठे हुए थे. इसी कड़ी में पार्टी के वरीय नेताओं ने किसान परिवार से आने वाले जमीनी कार्यकर्ता डॉक्टर मनोज पांडेय (New President Of Buxar Congress) को जिले की कमान सौंपी है. जिसको लेकर शिथिल पड़े कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में फिर से उत्साह भर उठा है.
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कांग्रेस के नेता बनेंगे महागठबंधन उम्मीदवार?: 2024 की लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए विभिन्न दलों के द्वारा लगातार मैराथन बैठक की जा रही है. बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष समेत दर्जनों नेताओ ने अपने ही पार्टी के स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिसका महागठबंधन के नेता भरपूर लाभ उठाने की कोशिश में लगे हुए है. इस बीच सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि इस बार महागठबंधन की ओर से बक्सर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो बक्सर सदर से विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी 2024 में बीजेपी सांसद अश्विनी कुमार चौबे को टक्कर देंगे. हालांकि महागठबंधन में भाकपा माले की निगाहें भी इस बार बक्सर लोकसभा सीट पर टिकी हुई है.
जिलाध्यक्ष माने जाते हैं जमीनी कार्यकर्ता: निवर्तमान जिलाध्यक्ष तथागत हर्षवर्धन के स्थान पर बक्सर कांग्रेस की कमान अब ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ मनोज पांडेय को दी गई है. डॉ पांडेय जमीनी कार्यकर्ता मानें जाते हैं. एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष के साथ-साथ युवा कांग्रेस के जिला कमिटी का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति को और भी मजबूत करने के लिए तैयारी जोरों पर है. 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस की तैयारियों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. इसके साथ ही बिहार के अरवल जिले को छोड़कर सभी जिलों के जिलाध्यक्षों को भी बदला गया है. वर्तमान जिलाध्यक्ष के लिए बिखरे पड़े कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है.
तीन बार जिलाध्यक्ष रह चुके तथागत हर्षवर्धन: निवर्तमान जिलाध्यक्ष तथागत हर्षवर्धन ने साल 2015 में पार्टी जिलाध्यक्ष की कमान संभाल रखी है. दो बार सदर विधानसभा का प्रतिनिधित्व भी कांग्रेस को मिला है. वहीं राजपुर में भी पार्टी को सफलता मिली है. वहां से भी विधानसभा की सीट कांग्रेस के जिम्मे आई है. इसके साथ साथ संगठन को मजबूत बनाने के उद्देश्य से चलाए गए सदस्यता अभियान में भी पूरे बिहार में बक्सर अव्वल रहा है. वह तीन बार बक्सर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. उनका तीसरा कार्यकाल भी पूरा हो चुका था.