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बक्सर: संतान की लंबी उम्र के लिए लाखों महिलाओं ने रखा जितिया व्रत - corona in buxar

बक्सर के राम रेखा घाट पर झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल और बिहार के कोने-कोने से आई निर्जला जितिया व्रत वाली लाखों महिलाओं ने उत्तरायणी गंगा में डुबकी लगाई. उन्होंने अपने बच्चों के लिए लंबी उम्र की दुआ मांगी.

मां ने रखा निर्जला व्रत
मां ने रखा निर्जला व्रत
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Published : Sep 10, 2020, 7:54 PM IST

बक्सर: अपने संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए जिले की तमाम महिलाओं ने निर्जला जितिया व्रत रखा. इस दौरान पड़ोसी राज्यों की महिलाएं रामरेखा घाट पर उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करती नजर आई. कोरोना महामारी के कारण इस साल त्योहारों का रंग फीका नजर आ रहा है. जितिया पर्व पर भी मंदिरों में वीरानी छाई रही.

शहर के कई स्थानों पर महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए भी तपती धूप में अपने संतान का पेट भरने के लिए भिक्षा मांगते दिखाई दी. महिलाओं ने बताया कि संतान की लंबी उम्र के लिए हमने व्रत किया. लेकिन घर में अन्न का एक दाना नहीं है.

मंदिर परिसर के बाहर बैठे
मंदिर परिसर के बाहर बैठे

घाटों पर दिखी भीड़
वही गंगा में स्नान करने पहुंची पिंकी उपाध्याय ने कहा कि संतान के लंबी उम्र और संतान की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है. आज के दिन उत्तरायणी गंगा में स्नान करना काफी फलदायक होता है. यही कारण है कि बक्सर के राम रेखा घाट पर इतना भीड़ देखने को मिल रहा है.

भिक्षा मांगती महिलाएं
भिक्षा मांगती महिलाएं

मंदिर पुजारी ने बताई मान्यता
जितिया व्रत को लेकर पुजारी लाला बाबा ने बताया कि आज जो महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, उनके संतान के जीवन मे सुख और समृद्धि आती है. यही कारण है कि झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल बिहार के कोने-कोने से लाखों व्रती उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के लिए बक्सर के रामरेखा घाट पर आई हुई हैं. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपने सभी पुण्य का फल उतरा की अजन्मी संतान को देकर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को पुनः जीवित कर दिया. भगवान श्री कृष्ण की कृपा से जीवित होने वाले इस बच्चे को जीवित्पुत्रिका नाम दिया गया. तभी से संतान की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए हर साल जितिया व्रत रखने की परंपरा को निभाया जाता है.

बक्सर: अपने संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए जिले की तमाम महिलाओं ने निर्जला जितिया व्रत रखा. इस दौरान पड़ोसी राज्यों की महिलाएं रामरेखा घाट पर उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करती नजर आई. कोरोना महामारी के कारण इस साल त्योहारों का रंग फीका नजर आ रहा है. जितिया पर्व पर भी मंदिरों में वीरानी छाई रही.

शहर के कई स्थानों पर महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए भी तपती धूप में अपने संतान का पेट भरने के लिए भिक्षा मांगते दिखाई दी. महिलाओं ने बताया कि संतान की लंबी उम्र के लिए हमने व्रत किया. लेकिन घर में अन्न का एक दाना नहीं है.

मंदिर परिसर के बाहर बैठे
मंदिर परिसर के बाहर बैठे

घाटों पर दिखी भीड़
वही गंगा में स्नान करने पहुंची पिंकी उपाध्याय ने कहा कि संतान के लंबी उम्र और संतान की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है. आज के दिन उत्तरायणी गंगा में स्नान करना काफी फलदायक होता है. यही कारण है कि बक्सर के राम रेखा घाट पर इतना भीड़ देखने को मिल रहा है.

भिक्षा मांगती महिलाएं
भिक्षा मांगती महिलाएं

मंदिर पुजारी ने बताई मान्यता
जितिया व्रत को लेकर पुजारी लाला बाबा ने बताया कि आज जो महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, उनके संतान के जीवन मे सुख और समृद्धि आती है. यही कारण है कि झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल बिहार के कोने-कोने से लाखों व्रती उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के लिए बक्सर के रामरेखा घाट पर आई हुई हैं. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपने सभी पुण्य का फल उतरा की अजन्मी संतान को देकर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को पुनः जीवित कर दिया. भगवान श्री कृष्ण की कृपा से जीवित होने वाले इस बच्चे को जीवित्पुत्रिका नाम दिया गया. तभी से संतान की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए हर साल जितिया व्रत रखने की परंपरा को निभाया जाता है.

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