बक्सर: शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Manjhi raised question on prohibition) ने फिर से सवाल उठाए हैं. बिहार में सत्ताधारी गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक मांझी ने कहा कि थोड़ी-थोड़ी शराब पीना गलत नहीं. उन्होने अपनी ही सरकार की शराब नीति की आलोचना करते हुए कहा कि शराबनीति के कारण गरीब अधिक त्रस्त हैं. यदि शराब थोड़ी-थोड़ी पी जाए तो वह दवा का काम करेगी अधिक ली जाए तो शरीर को हानि पहुंचाएगी.
ये भी पढ़ें: पटना में शराब पीने से 2 युवकों की संदिग्ध मौत, एक ही हालत गंभीर
मांझी ने फिर उठाए शराबबंदी पर सवाल: बक्सर में बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए मांझी ने कहा कि डाक्टर भी थोड़ी सी शराब दवा के रूप में लेने के लिए बोलते हैं. हमारे वर्ग के भी लोग शुरू से ही शराब बनाने के काम में रहे हैं लेकिन मैंने कभी भी शराब को हाथ नहीं लगाया. उन्होंने कहा कि दरअसल शराबबंदी के कारण लाखों लोग अभी भी जेल में सजा काट रहे हैं जिसके कारण गरीब और कमजोर तबके के लोगों को अभी भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा जरूरी: हम संरक्षक जीतनराम मांझी ने कहा कि मैं शुरू से ही कुछ मुद्दों पर सरकार से अलग राय रखता हूं. मेरे साथ विपक्ष को भी आगे आना चाहिए ताकि सरकार को लगे कि शराबबंदी से गरीब लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
"मैं स्वयं उस घर से आता हूं, जहां चुलाई शराब बनाई जाती थी. हालांकि उनके होठों तक कभी शराब नहीं आई है. इस के लिए जागरूकता की जरूरत है. समय-समय पर शराबबंदी कानून की समीक्षा होती रही है. मुझे उम्मीद है कि आगे भी इसमें संशोधन जरूर होगा"- जीतनराम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
ये भी पढ़ें: जहां सुशासन बाबू कर रहे थे शराबबंदी की समीक्षा, वहीं मिलीं दारू की बोतलें