बक्सर: कोरोना संक्रमण काल में बढ़ रही बेरोजगारी के मद्देनजर जिला कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को सघन बागवानी पद्धति के तहत फल और सब्जियों का उत्पादन करने के लिए प्रेरित कर रहा है. जानकारी के मुताबिक इस पद्धति के माध्यम से खेती करके किसान एक एकड़ भूमि पर लगभग 5 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं.
इस पद्धति के तहत किसान एक एकड़ भूमि पर 800 पौधा लगा सकते हैं. साथ ही पहले साल से ही इन पौधों में फल लगना भी शुरू हो जाता है. वहीं एक अमरूद के पौधे पर पहले साल न्यूनतम 15-20 किलो फल तैयार हो जाता है.
कटाई और छंटाई का ध्यान
सघन बागवानी पद्धति में पौधे का आकार छोटा रखने के लिए समय-समय पर कटाई और छंटाई करनी पड़ती है. जिससे पौधों में नई शाखाएं न निकले और उसमें अधिक से अधिक फल लग सके. इस पद्धति में 2 क्यारियों के बीच खाली पड़े भूमि पर किसान सुरन और गोभी लगाकर किसान उससे भी मुनाफा कमा सकते हैं.
पूरे परिवार को मिलता है रोजगार
सघन बागवानी पद्धति की जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मंधाता सिंह ने बताया कि इस पद्धति को अपनाकर किसान एक एकड़ भूमि पर आम, अमरूद और केला का पौधा लगाकर 4 से 5 लाख रुपये का मुनाफा कर सकते हैं. इससे एक परिवार के सभी लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा और उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. राज्य सरकार द्वारा इस तरह की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है.
सघन पद्धति खेती पर 50% की सब्सिडी
गौरतलब है कि देश में लागू लॉकडाउन के बाद लाखों की संख्या में दूसरे प्रदेश से लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने और बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सभी विभाग के अधिकारियों द्वारा पहल शुरू कर दिया गया है. सघन बागवानी पद्धति के तहत फल और सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को सरकार प्रतोत्साहन राशि के रूप में 50% का सब्सिडी देती है.
'कम भूमि पर अच्छा उत्पादन'
देश की बढ़ती जनसंख्या और कम होती भूमि के बीच जिले के कृषि वैज्ञानिक किसानों को सघन बागवानी पद्धति के तहत फल और सब्जियों का पौधा लगाकर पैदावार बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मांधाता सिंह के अनुसार सघन बागवानी पद्धति को अपनाकर किसान कम भूमि पर अच्छा उत्पादन कर सकते हैं. यह किसानों के लिए बहुत ही लाभदायी है.