बेगूसरायः केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने खाद कारखाना बरौनी के निर्माण कार्य का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर निर्माण के विभिन्न पहलुओं और उससे जुड़े कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अमोनिया टैंक के पानी सप्लाई कार्य का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां से 2021 में उत्पादन शुरू हो जाएगा.
2021 में होगा शुरू
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि बिहार के बेगूसराय में निर्माणाधीन हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) बरौनी में नवम्बर 2021 खाद का उत्पादन शुरू हो जाएगा. निर्माण का काम तीव्र गति से चल रहा है. करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. यहां प्रत्येक 22 सौ एमटीपीडी अमोनिया और 3850 एमटीपीडी नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा. प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से उत्पादन शुरू होने के बाद बिहार उर्वरक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा.
उर्वरक में आत्मनिर्भर होगा बिहार
गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस योजना का शिलान्यास करते हैं, उसका उद्घाटन भी करते हैं. फरवरी 2019 में मोदी जी ने खाद कारखाना का शिलान्यास किया था और तक 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. कोरोना के कारण काम में कुछ परेशानी हुई. लेकिन अब फिर से यह कम तेजी से शुरू हो गया है. नवम्बर 2021 में यहां से उत्पादन शुरू होगा और प्रधानमंत्री खुद लोकार्पण करेंगे।. मोदी जी ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत कर बिहार को उर्वरक की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने का अनूठा काम किया है. यूरिया की उपयोगिता प्रत्येक वर्ष दस प्रतिशत बढ़ रही है. यूरिया के साथ ही ऑर्गेनिक खाद को बढ़ावा देने की योजना है.
हो रही है राजनीति
इस कारखानें से बिहार में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पांच हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. प्रधानमंत्री खुद समय पर कार्य पूरा होने पर नजर रख रहे हैं. प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने सबसे पहला काम देश के डिमांड और सप्लाई चेन को ठीक करने में किया. पहले यहां बिहार के दो बड़े चेहरों ने मिलकर शिलान्यास का किया लेकिन काम नहीं हुआ तो लोगों का भरोसा उठ गया था. अब मोदी जी वह भरोसा जीत रहे हैं. बिहार का एक बड़ा सपना पूरा हो रहा है. लेकिन कुछ लोग इसे राजनीति का अड्डा बना रहे हैं. इसी राजनीतिक दलों के कारण पूर्व से चल रहा खाद कारखाना बंद हो चुका है. इसलिए लोगों को ऐसे राजनीतिक दल से सतर्क रहने की जरूरत है. यहां आंदोलन कर काम रोका जाता है.