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OMG : मिड डे मील के भोजन में मिला मेंढक, मासूम बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़

वैसे तो सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील को लेकर शिकायतें आती रहती हैं, लेकिन बक्सर जिले के एक सरकारी स्कूल ने लापरवाही का ऐसा नमूना पेश किया है, जो सीधे मासूम बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा है. यहां बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील के भोजन में मेंढक मिला है.

मिड डे मील में मेंढक मिला
मिड डे मील में मेंढक मिला
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Published : Oct 7, 2022, 6:38 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 10:27 PM IST

बक्सर: बिहार की शिक्षा व्यवस्था (Education System In Bihar) की हालत तो पहले से ही बदतर है, लेकिन अब तो बच्चों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. दरअसल, बक्सर के आचार्य नरेंद्र देव विद्यालय में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसको लेकर शिक्षा विभाग पर कई सवाल खड़े होते हैं. यहां बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील में मेंढक (Frog Found In mid Day Meal In Buxar) मिला है. यह स्कूल को किसी गांव मे नहीं है, बल्कि कलेक्टोरेट के ठीक सामने है.

यह भी पढ़ें: शेखपुरा में मध्याह्न भोजन खाने से दर्जनों बच्चे बीमार, सदर अस्पताल में भर्ती

भोजन में मिला उबला हुआ मेंढक: जानकारी के मुताबिक समाहरणालय के समीप स्थित आचार्य नरेंद्र देव मध्य विद्यालय में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब मिड डे मील में पका हुआ मेंढक दिख गया. ऐसे में तुरंत बच्चों को भोजन परोसा जाना बंद किया गया और जिन्हें खाना परोसा दिया गया था, उन्हें खाना खाने से रोक दिया गया. घटना की जानकारी देते हुए मध्याह्न भोजन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि दोपहर में स्कूल के प्रधानाध्यपक ने सूचना दी थी कि बच्चों के भोजन में मेंढ़क मिला है.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर: मिड डे मिल में गड़बड़ी के खिलाफ अभिभावकों ने किया हंगामा और प्रदर्शन

बच्चों का कराया गया मेडिकल जांच: मामले सामने आने के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डीपीओ के साथ स्कूल पहुंचे थे. जांच में पाया गया कि एक थाली में खाने के बीच मरा हुआ मेढ़क था. तुरंत पूरा खाना रखवा दिया गया. गनीमत था कि बच्चे अभी एक दो निवाला ही खाये थे. सिविल सर्जन को फोन कर चिकित्सक की टीम स्कूल बुलाया गया और बच्चों की मेडिकल जांच करायी. किसी बच्चे को परेशानी कोई परेशानी नहीं थी. फिर भी बच्चों को घर में ही मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया.

जिला शिक्षा विभाग करेगा मामले की जांच: डीपीओ मोहम्मद नाजेश अली के अनुसार बच्चों के अभिभावकों को सूचित कर दिया गया है कि बच्चों को मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखना है. कोई भी दिक्कत हो तो तत्काल कॉल करेंगे. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने आगे कहा कि यह एक अति गंभीर मामला है. इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध जरूर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि रसोइया कुमारी देवी के अनुसार उसने पहला शिफ्ट वाला खाना खाया था, किंतु खाने में मेढ़क देखकर उसकी तबियत खराब हो गई. रोस्टर के अनुसार आज पुलाव और छोला खाने में एनजीओ ने बनाया था. छोले में ही मरा हुआ मेढ़क मिला है. ऐसे में यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि लापरवाही कहां से हुई है. लापरवाही बरतने वाले संबंधित एनजीओ पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि यह दोबारा ना हो.

"आचार्य नरेंद्र देव विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यपक्ष ने फोटो भेजकर सूचित किया कि मिड डे मील के भोजन में उबला हुआ मेंढक मिला है. उस समय किसी ने बच्चे ने खाना तो नहीं खाया था. लेकिन बच्चों का मेडिकल जांच कराया जाएगा. मामला गंभीर है, जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी" - मोहम्मद नाजेश अली, डीपीओ मिड डे मील, बक्सर

एनजीओ भी कर रहे लापरवारही: स्कूली बच्चों को कुपोषण से बचाने और विद्यालयों में छात्र छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना लागू की. पहले मध्यान भोजन स्कूल में ही प्रधानाचार्य की देख रेख में बनवाया जाता था किंतु इस व्यवस्था से कहीं न कहीं विद्यालय का पठन पाठन प्रभावित हो रहा था, इसलिए भोजन बनाने और बना हुआ भोजन स्कूलों में पहचाने का कार्य एनजीओ को दे दिया गया है. अब एनजीओ ही मध्याह्न भोजन बनवाता है.

बक्सर: बिहार की शिक्षा व्यवस्था (Education System In Bihar) की हालत तो पहले से ही बदतर है, लेकिन अब तो बच्चों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. दरअसल, बक्सर के आचार्य नरेंद्र देव विद्यालय में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसको लेकर शिक्षा विभाग पर कई सवाल खड़े होते हैं. यहां बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील में मेंढक (Frog Found In mid Day Meal In Buxar) मिला है. यह स्कूल को किसी गांव मे नहीं है, बल्कि कलेक्टोरेट के ठीक सामने है.

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भोजन में मिला उबला हुआ मेंढक: जानकारी के मुताबिक समाहरणालय के समीप स्थित आचार्य नरेंद्र देव मध्य विद्यालय में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब मिड डे मील में पका हुआ मेंढक दिख गया. ऐसे में तुरंत बच्चों को भोजन परोसा जाना बंद किया गया और जिन्हें खाना परोसा दिया गया था, उन्हें खाना खाने से रोक दिया गया. घटना की जानकारी देते हुए मध्याह्न भोजन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि दोपहर में स्कूल के प्रधानाध्यपक ने सूचना दी थी कि बच्चों के भोजन में मेंढ़क मिला है.

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बच्चों का कराया गया मेडिकल जांच: मामले सामने आने के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डीपीओ के साथ स्कूल पहुंचे थे. जांच में पाया गया कि एक थाली में खाने के बीच मरा हुआ मेढ़क था. तुरंत पूरा खाना रखवा दिया गया. गनीमत था कि बच्चे अभी एक दो निवाला ही खाये थे. सिविल सर्जन को फोन कर चिकित्सक की टीम स्कूल बुलाया गया और बच्चों की मेडिकल जांच करायी. किसी बच्चे को परेशानी कोई परेशानी नहीं थी. फिर भी बच्चों को घर में ही मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया.

जिला शिक्षा विभाग करेगा मामले की जांच: डीपीओ मोहम्मद नाजेश अली के अनुसार बच्चों के अभिभावकों को सूचित कर दिया गया है कि बच्चों को मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखना है. कोई भी दिक्कत हो तो तत्काल कॉल करेंगे. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने आगे कहा कि यह एक अति गंभीर मामला है. इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध जरूर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि रसोइया कुमारी देवी के अनुसार उसने पहला शिफ्ट वाला खाना खाया था, किंतु खाने में मेढ़क देखकर उसकी तबियत खराब हो गई. रोस्टर के अनुसार आज पुलाव और छोला खाने में एनजीओ ने बनाया था. छोले में ही मरा हुआ मेढ़क मिला है. ऐसे में यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि लापरवाही कहां से हुई है. लापरवाही बरतने वाले संबंधित एनजीओ पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि यह दोबारा ना हो.

"आचार्य नरेंद्र देव विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यपक्ष ने फोटो भेजकर सूचित किया कि मिड डे मील के भोजन में उबला हुआ मेंढक मिला है. उस समय किसी ने बच्चे ने खाना तो नहीं खाया था. लेकिन बच्चों का मेडिकल जांच कराया जाएगा. मामला गंभीर है, जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी" - मोहम्मद नाजेश अली, डीपीओ मिड डे मील, बक्सर

एनजीओ भी कर रहे लापरवारही: स्कूली बच्चों को कुपोषण से बचाने और विद्यालयों में छात्र छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना लागू की. पहले मध्यान भोजन स्कूल में ही प्रधानाचार्य की देख रेख में बनवाया जाता था किंतु इस व्यवस्था से कहीं न कहीं विद्यालय का पठन पाठन प्रभावित हो रहा था, इसलिए भोजन बनाने और बना हुआ भोजन स्कूलों में पहचाने का कार्य एनजीओ को दे दिया गया है. अब एनजीओ ही मध्याह्न भोजन बनवाता है.

Last Updated : Oct 7, 2022, 10:27 PM IST
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