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फर्जी शिक्षक मामले में बड़ी कार्रवाई: DEO समेत 72 शिक्षकों पर FIR के आदेश

बक्सर के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण और 72 ऐसे शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं, जिन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी ली. निगरानी जांच में इस बात का खुलासा हुआ था और निगरानी ने शिक्षा विभाग से कार्रवाई की इजाजत मांगी थी.

शिक्षा विभाग
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Published : Oct 30, 2021, 6:53 AM IST

Updated : Oct 30, 2021, 2:21 PM IST

पटना: फर्जी टीचर मामला में जिला शिक्षा पदाधिकारी (District Education Officer) और 72 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआरदर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. इस मामले में निगरानी ने शिक्षा विभाग से इजाजत मांगी थी. जिसके बाद शिक्षा विभाग (Education Department) ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. इन सभी पर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने और देने का आरोप है.

ये भी पढ़ेंः शिक्षक नियोजन में बड़ा फर्जीवाड़ा, DEO की जांच में खुलासा, दर्ज होगी FIR, मचा हड़कंप

बिहार में वर्ष 2015 से ही जारी निगरानी जांच में एक बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल सुपौल के तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और वर्तमान में बक्सर के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण पर शिक्षा विभाग ने प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिया हैं. निगरानी जांच में उनकी भूमिका सामने आई और निगरानी ने शिक्षा विभाग से इस मामले में इजाजत मांगी थी. अमर भूषण के अलावा 72 ऐसे शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं, जो फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे थे.

प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने सुपौल डीईओ को निर्देश दिया है कि निगरानी जांच में तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना अमर भूषण और 72 शिक्षकों के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रमाणित पाए गए हैं. इसलिए प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत दोषी मानते हुए अमर भूषण और 72 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाए.

ये भी पढ़ेंः लालू यादव ने दोहराया, सोनिया गांधी ने किया था फोन, कहा- बिहार में नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकना है

आपको बता दें कि अमर भूषण वर्तमान में बक्सर के जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं. उन पर सुपौल के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) रहते हुए फर्जी सर्टिफिकेट पर 72 शिक्षकों को बहाल करने का आरोप है. निगरानी वर्ष 2015 से ही इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

वर्ष 2015 से पहले बहाल करीब 10,0000 शिक्षकों के फोल्डर गायब हैं और उन्हें निगरानी जांच में अपने सर्टिफिकेट जमा करने को कहा गया था. जिन लोगों के फोल्डर गायब थे शिक्षा विभाग ने उन्हें ऑनलाइन पोर्टल के जरिए अपने सर्टिफिकेट अपलोड करने का आदेश जुलाई महीने में ही दिया था.

निगरानी ने फर्जी फोल्डर मामले की जांच के दौरान अब तक 16 साल से भी ज्यादा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की है. वर्तमान में करीब 10,0000 शिक्षकों के फोल्डर की जांच की जा रही है. जिन्हें ऑनलाइन फोल्डर जमा करने को कहा गया था.

पटना: फर्जी टीचर मामला में जिला शिक्षा पदाधिकारी (District Education Officer) और 72 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआरदर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. इस मामले में निगरानी ने शिक्षा विभाग से इजाजत मांगी थी. जिसके बाद शिक्षा विभाग (Education Department) ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं. इन सभी पर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने और देने का आरोप है.

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बिहार में वर्ष 2015 से ही जारी निगरानी जांच में एक बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल सुपौल के तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और वर्तमान में बक्सर के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण पर शिक्षा विभाग ने प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिया हैं. निगरानी जांच में उनकी भूमिका सामने आई और निगरानी ने शिक्षा विभाग से इस मामले में इजाजत मांगी थी. अमर भूषण के अलावा 72 ऐसे शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं, जो फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे थे.

प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने सुपौल डीईओ को निर्देश दिया है कि निगरानी जांच में तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना अमर भूषण और 72 शिक्षकों के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रमाणित पाए गए हैं. इसलिए प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत दोषी मानते हुए अमर भूषण और 72 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाए.

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आपको बता दें कि अमर भूषण वर्तमान में बक्सर के जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं. उन पर सुपौल के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) रहते हुए फर्जी सर्टिफिकेट पर 72 शिक्षकों को बहाल करने का आरोप है. निगरानी वर्ष 2015 से ही इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

वर्ष 2015 से पहले बहाल करीब 10,0000 शिक्षकों के फोल्डर गायब हैं और उन्हें निगरानी जांच में अपने सर्टिफिकेट जमा करने को कहा गया था. जिन लोगों के फोल्डर गायब थे शिक्षा विभाग ने उन्हें ऑनलाइन पोर्टल के जरिए अपने सर्टिफिकेट अपलोड करने का आदेश जुलाई महीने में ही दिया था.

निगरानी ने फर्जी फोल्डर मामले की जांच के दौरान अब तक 16 साल से भी ज्यादा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की है. वर्तमान में करीब 10,0000 शिक्षकों के फोल्डर की जांच की जा रही है. जिन्हें ऑनलाइन फोल्डर जमा करने को कहा गया था.

Last Updated : Oct 30, 2021, 2:21 PM IST
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