बक्सरः बिहार के बक्सर जिले के राजपुर प्रखण्ड स्थित पिपराढ़ गांव में अचानक दक्षिण भारत से कुछ श्रद्धालु पहुंचे. 2 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर कर्नाटक से बक्सर पहुंचे श्रद्धालुओं ने जब बताया कि वह क्यों आया है तो हर कोई हैरान था. दरअसल ये श्रद्धालु सोशल मीडिया पर चल रहे भ्रामक खबरों का शिकार हुए हैं.
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क्या है मामलाः दरअसल बक्सर के पिपराढ़ में यज्ञ होने वाला है. देश भर से सन्तों का जुटान होगा. इसी यज्ञ स्थली पर 28 अक्टूबर से लेकर 4 नवम्बर तक कम्बल वाला बाबा का भी कार्यक्रम होना है. दावा किया जाता है कि वो बिना किसी दवा के कम्बल ओढ़ाकर लकवा ग्रस्त मरीज को ठीक कर देते हैं. कर्नाटक से बक्सर पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक यूट्यूबर के द्वारा यह खबर चलाया जा रहा है कि 28 अगस्त से लेकर 4 सितंबर तक राजस्थान के कम्बल वाला बाबा अपना चमत्कार दिखाएंगे. उस न्यूज को देखकर ही वेलोग अपनी समस्या को लेकर आये थे.
"श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि किसी भी भ्रामक खबर के चक्कर में ना पड़े. कार्यक्रम के संबंध में सब कुछ पूर्व से ही निर्धारित किया जा चुका है. साथ ही प्रचार प्रसार के सारे माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही है."- लक्ष्मी नारायण त्रिदंडी स्वामी, यज्ञ के कर्ताधर्ता
पिपराढ़ में होगा चतुर्मास यज्ञः जिले के पिपराढ़ गांव में चतुर्मास यज्ञ होना है. यज्ञ स्थल पर प्रत्येक दिन गंगापुत्र श्री लक्ष्मी नारायण त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के द्वारा प्रत्येक दिन प्रवचन पंडाल में प्रतिदिन श्रीमद्भागवत कथा का प्रवचन शाम को 5:00 बजे से चल रहा है. 30 अक्टूबर को श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की कलश यात्रा निकलेगी. मण्डप प्रवेश एवं अरणी मंथन 31 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे से निर्धारित की गई है. 3 नवंबर को दिन में 12 बजे से अखिल भारतीय धर्म सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. महायज्ञ की पूर्णाहुति 4 नवंबर को भंडारे के साथ हो जाएगी.
कौन है कंबल बाबाः कंबल वाले बाबा राजस्थान के रहने वाले हैं. उनका दावा है कि वे लकवा ग्रस्त लोगों का इलाज उनके अंग पर कंबल डाल कर करते हैं. इनका शिविर राजस्थान के अलावे महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में लग चुका है. बक्सर में भी इनका शिविर 28 अक्टूबर से 4 नवंबर तक लगने वाला है. यहां सुधी पाठकों को बता दें कि ईटीवी भारत कंबल वाले बाबा के दावे के सच होने की पुष्टि नहीं करता है.