बक्सर: सुशासन की सरकार में, बढ़ते आपराधिक घटनाओं से जिलेवासी त्राहिमाम कर रहे हैं. न्याय की आस लगाये लोग इधर से उधर भटकने को मजबूर है. और इन मुद्दों को लेकर पुलिस का जो बयान सामने आ रहा है. उसपर परिजन सवाल उठा रहे हैं.
ये 4 मामले पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती....
- केस नम्बर 1
12 अक्टूबर को औद्योगिक थाना क्षेत्र के निरंजनपुर से अपराधियो ने मॉर्निंग वॉक पर निकले, वीरप्रताप नामक 19 साल के युवक को अगवा कर लिया. परिजनों ने थाने में नेम्ड एफआईआर की. जिसके बाद एक आरोपी नाटकीय ढंग से गंगा नदी के ओभर ब्रिज पर अपना चप्पल और कपड़ा खोलकर, वहां से गायब हो गया. आरोपी के परिजनों ने आरोपी द्वारा ,आत्महत्या करने की अफवाह उड़ाकर जमकर बवाल किया. हालांकि पुलिस तफ्तीश में यह बात निकलकर सामने आई कि वह जीवित है. और उत्तरप्रदेश में अपने किसी रिश्तेदार के यहां रह रहा है. पीड़ित परिवार उपमुख्यमंत्री से लेकर एसपी तक गुहार लगा चुका है. उसके बाद भी उन्हें इंसाफ नहीं मिला. - केस नम्बर 2
अक्टूबर में ही औद्योगिक थाना के दलसागर गांव से,चंदा देवी नाम की महिला के पुत्र को अगवा कर लिया गया. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने तीन महिना पहले नामजद एफआईआर दर्ज करवाया था. उसके बाद भी कोई सुराग नहीं मिला. एसपी कार्यालय पहुंची पीड़ित महिला का कहना है कि उसके बेटे का अपहरण एक महिला पुलिस कर्मी ने किया है. उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही. उल्टा पीड़ित परिवार को ही पूछताछ के नाम पर दौड़ाया जा रहा है. - केस नम्बर 3
नवरात्रि व्रत करने के लिए औद्योगिक थाना क्षेत्र के ही एक गांव के रहने वाली 25 साल की महिला गंगाजल लेने के लिए बक्सर पहुंची थी. जहां से अचानक वह गायब हो गई. नगर थाना से लेकर महिला थाना, एवं औद्योगिक थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए कई दिनों तक परिजनों ने चक्कर काटा. उसके बाद भी मामला जब दर्ज नहीं हुआ तो, मीडिया के हस्तक्षेप और एसपी के निर्देश पर मामला दर्ज हुआ. इस पूरे मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं. - केस नम्बर 4
एसपी नीरज कुमार सिंह के पदभार ग्रहण करने के कुछ ही घंटे बाद, मुफ्सील थाना क्षेत्र के लालगंज इलाके में , कोर्ट जा रहे एक अधिवक्ता को, अपराधियो ने गोली मारकर हत्या कर दी. घटना से नाराज अधिवक्ताओं ने न्यायायिक कार्य का बहिष्कार कर सड़क जाम कर दिया. जिसके बाद एसपी एवं डीएम ने 24 घंटे के अंदर सभी अपराधियो की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था. लेकिन महीनों बीत गये कोई करवाई नहीं हुई.
परिजनों से नहीं मिले डीआईजी
शाहाबाद के डीआईजी पी कन्नन के बक्सर पहुंचने की सूचना मिलने के बाद, पीड़ित दर्जनों परिजनों ने न्याय की गुहार लगाने के लिए एसपी कार्यालय का रूख किया. लेकिन किसी भी परिजन को डीआईजी से मिलने नहीं दिया गया. जिसके बाद वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से लोगों ने अपनी आपबीती सुनायी
क्या कहते हैं बक्सर पुलिस कप्तान
बक्सर में लंबित पड़े मामलो एवं बिगड़ती विधि व्यवस्था को लेकर, मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए, एसपी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि, परिजनों के द्वारा जिन लोगों पर शक जाहिर किया गया है. उन सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस अभी किसी भी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. जल्द ही सभी की गिरफ्तारी होगी.
गौरतलब है कि जिले की बिगड़ती विधि व्यवस्था के कारण जिलेवासियों में भय का माहौल कायम है. देखने वाली बात यह होगी कि, नीतीश कुमार की पुलिस कब तक अपराधियों पर लगाम लगाती है. और कब तक बक्सर में शांति व्यवस्था कायम हो पाती है.