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CM के काफिले पर हमला: जांच टीम के अध्यक्ष बोले- 'नंदन गांव में नीतीश को मारने की थी साजिश'

जनवरी 2018 में मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले के दौरान कई सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे. जिसके बाद राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष विद्यानंद विकल के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया था.

विद्यानंद विकल
विद्यानंद विकल
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Published : Sep 3, 2020, 1:11 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 2:17 PM IST

बक्सरः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एकदिवसीय दौरे पर बक्सर पहुंचे राज्य खाद्य आयोग अध्यक्ष विद्यानंद विकल के बयान से खलबली मच गई है. जनवरी 2018 में जिले के नंदन गांव में मुख्यमंत्री के काफ़िले पर हुए हमले का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को मारने की तैयारी थी. सुरक्षाकर्मियों की सूझबूझ से सीएम की जान बची थी.

दरअसल, जनवरी 2018 में बक्सर के नंदन गांव में समीक्षा यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हमला हुआ था. इस मामले का खुलासा राज्य सरकार के अनुसूचित जाति आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने किया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मुख्यमंत्री को मारने के लिए विपक्ष के नेताओं एवं एक विशेष जाति के लोगों की तैयारी थी. लेकिन इस घटना में सुरक्षाकर्मियों ने आपने जान पर खेलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुरक्षित बाहर निकाला'
विद्यानंद विकल, राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष

कई सुरक्षाकर्मी हुए थे घायल
जनवरी 2018 में मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले के दौरान कई सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे. जिसके बाद राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष विद्यानंद विकल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. टीम ने नंदन गांव में पहुंच कर पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार की.

'गांव के लोगों के बयान से सच्चाई सामने आई है और यह खुलासा हुआ कि एक विशेष जाति के लोग विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को मारने के लिए उनके काफिले पर ईंट पत्थर से हमला किया था. मामले में जितने भी निर्दोष दलितों को इस घटना में पुलिस ने पकड़ा था, उन्हें मुक्त किया गया है'.
विद्यानंद विकल, राज्य खाद्य आयोग केअध्यक्ष

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन जांच टीम के नेतृत्वकर्ता के इस बयान से जिले में खलबली मच गई है. कोई इस बयान को सियासी तो कोई इसे सच्चाई से जोड़कर देख रहा है.

बक्सरः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एकदिवसीय दौरे पर बक्सर पहुंचे राज्य खाद्य आयोग अध्यक्ष विद्यानंद विकल के बयान से खलबली मच गई है. जनवरी 2018 में जिले के नंदन गांव में मुख्यमंत्री के काफ़िले पर हुए हमले का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को मारने की तैयारी थी. सुरक्षाकर्मियों की सूझबूझ से सीएम की जान बची थी.

दरअसल, जनवरी 2018 में बक्सर के नंदन गांव में समीक्षा यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हमला हुआ था. इस मामले का खुलासा राज्य सरकार के अनुसूचित जाति आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने किया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मुख्यमंत्री को मारने के लिए विपक्ष के नेताओं एवं एक विशेष जाति के लोगों की तैयारी थी. लेकिन इस घटना में सुरक्षाकर्मियों ने आपने जान पर खेलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुरक्षित बाहर निकाला'
विद्यानंद विकल, राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष

कई सुरक्षाकर्मी हुए थे घायल
जनवरी 2018 में मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले के दौरान कई सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे. जिसके बाद राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष विद्यानंद विकल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. टीम ने नंदन गांव में पहुंच कर पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार की.

'गांव के लोगों के बयान से सच्चाई सामने आई है और यह खुलासा हुआ कि एक विशेष जाति के लोग विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को मारने के लिए उनके काफिले पर ईंट पत्थर से हमला किया था. मामले में जितने भी निर्दोष दलितों को इस घटना में पुलिस ने पकड़ा था, उन्हें मुक्त किया गया है'.
विद्यानंद विकल, राज्य खाद्य आयोग केअध्यक्ष

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन जांच टीम के नेतृत्वकर्ता के इस बयान से जिले में खलबली मच गई है. कोई इस बयान को सियासी तो कोई इसे सच्चाई से जोड़कर देख रहा है.

Last Updated : Sep 3, 2020, 2:17 PM IST
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