बक्सर: कोविड 19 के प्रसार काे रोकने के लिए घोषित 14 दिनों का लॉकडाउन 3.0 सोमवार से आरंभ हो रहा है. राज्य के पांच जिले रेड जोन में तो शेष सभी 33 जिले ऑरेंज जोन में हैं. राज्य में अब कोई ग्रीन जोन नहीं है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद राज्य सरकार के गृह सचिव सुबहानी ने इस बाबत जारी अपने आदेश में बताया है कि बिहार में अब केवल रेड और ऑरेंज जोन होंगे.
डीएम और एसपी ने किया दौरा
राज्य सरकार की ओर से इस बात का निर्देश जारी होने के बाद बक्सर में भी सख्ती बरती जानी शुरू हो गई है. राज्य सरकार के आदेश के आलोक में जिला प्रशासन ने भी अपना नया आदेश जारी कर दिया है. इसका असर रविवार को देर शाम में ही देखने को मिला जब डीएम अमन समीर और एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा शहर के विभिन्न इलाकों के भ्रमण पर निकलते. इस दौरान सड़क पर घूम रहे लोगों से सख्ती से पूछताछ की गई.
कोई जिला नहीं है ग्रीन जोन
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पटना सहित पांच जिलों को रेड जोन में और 20 जिलों को ऑरेंज और 13 जिलों को ग्रीन जोन में रखा था. केंद्र सरकार ने इस संबंध में जारी गाइडलाइन में यह भी लिखा है कि राज्य सरकार चाहे तो अपनी जरूरतों के अनुसार इसमें परिवर्तन कर सकती है. इसी के तहत राज्य सरकार ने ग्रीन जोन में रखे गए जिलों को ऑरेंज जोन में शामिल कर लिया है.
शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू
लॉकडाउन को लेकर जारी नई गाइडलाइंस में कहा कि जो भी लॉकडाउन को तोड़ेगा, उसके खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी. शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू जैसी सख्ती बरती जाएगी. स्कूल-कॉलेज और कोचिंग सहित सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. होटल, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, जिम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि वैसी जगहें, जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं, भी बंद रहेंगे.
ये 5 जिले हैं रेड जोन
बिहार के पांच जिले कोरोना के रेड जोन (हॉट-स्पॉट) में हैं, जिसमें बक्सर सहित मुंगेर, पटना, रोहतास और गया शामिल है. यहां केवल हॉस्पिटल और अतिआवश्यक जरूरत की दुकानें खुली रहेंगी. फिजिकल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए अस्पतालों की ओपीडी और क्लीनिक खोले जा सकेंगे. बाइक पर एक और चारपहिया वाहन में एक साथ दो लोगों को ही जाने की अनुमति होगी. शहरी क्षेत्रों में अनुमति लेकर औद्योगिक इकाइयां खोली जा सकेंगीं. हालांकि, इस संबंध में जिलाधिकारी फैसला करेंगे. वहीं, मालवाहक वाहनों को चलाने के लिए अलग से पास बनाने की जरूरत नहीं होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण और फूड प्रोसेसिंग इकाइयां खोली जा सकेंगी. ईट-भट्ठे भी खोले जा सकेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि संबंधी कार्यों में भी छूट दी गई है.