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इटाढ़ी स्कूल मामले पर डीएम सख्त, बोले- 'शिक्षक पर होगी विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई' - उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल

इटाढ़ी प्रखंड के नोनिया डेरा प्राथभिक विद्यालय का मामला तूल पकड़त जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डीडीसी की ओर से स्कूल के निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक से जिले के डीएम, राज्य के सीएम और डिप्टी सीएम के नामों के बारे में पूछा गया था. शिक्षक तीनों का उत्तर नहीं दे पाये. इसे डीएम ने गंभीरता से लिया है. पढ़ें पूरी खबर..

इटाढ़ी स्कूल मामला
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Published : Jul 28, 2022, 11:07 PM IST

Updated : Jul 29, 2022, 7:23 AM IST

बक्सरः बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता (Quality Of Education In Bihar) पर आये दिन सवाल उठते रहे हैं. इसी बीच बक्सर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक स्कूल के प्रधानाध्यापक ने मुख्यमंत्री का नाम लालू यादव और उप मुख्यमंत्री का नाम सुशील मोदी बताया. इस मामले पर ईटीवी भारत ने जिलाधिकारी अमन समीर से बातचीत की.

पढ़ें-VIDEO : 'संज्ञा की क्या परिभाषा है'.. बिहार के शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती तस्वीर

..वे बच्चों को क्या योग्य बनाएंगेः फोन पर हुई बातचीत में डीएम ने कहा कि मामला गंभीर है. जिले के इटाढ़ी स्कूल से यह मामला जुड़ा हुआ है. डीएम ने कहा कि एक हेडमास्टर को ऐसी जानकारी नहीं होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दुःखद है. अच्छे राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसे में जब शिक्षक ही योग्य नहीं होंगे तो विद्यार्थी योग्य कैसे होंगे? जिस शिक्षक या प्रधानाध्यापक को इतनी भी जानकारी नहीं है, वे बच्चों को क्या योग्य बनाएंगे? डीएम अमन समीर ने कहा कि उप विकास आयुक्त के प्रतिवेदन के आधार पर ऐसे हेडमास्टर के खिलाफ निश्चित तौर पर विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई (Buxar DM Announces Strict Action In Itari School Case) की जाएगी.

डीएम ने डीडीसी से मांगी विस्तृत रिपोर्टः वहीं उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल (DDC Dr Mahendra Pal ) ने बताया कि जिलाधिकारी बक्सर द्वारा इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गई. जल्दी ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी. उप विकास ने बताया कि बहुत ही आश्चर्यजनक है कि एक प्रधानाध्यापक को इतना भी मालूम नहीं है. चौथी बार प्रदेश के सीएम बने मुख्यमंत्री का नाम नहीं पता है. ऐसे शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई होनी ही चाहिए.

बुधवार को डीडीसी ने किया था स्कूल का निरीक्षणः आपको बता दें की बुधवार की सुबह जिले के इटाढ़ी प्रखंड अंतर्गत अतरौना पंचायत के नोनिया डेरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल निरीक्षण करने गए थे. विद्यालय परिसर के निरीक्षण के बाद उप विकास आयुक्त ने पूछा इस विद्यालय का प्रधानाध्यापक कौन है? पास में खड़े एक व्यक्ति सामने आते हुए अपने को प्रधानाध्यापक बताया.

डीडीसी के तीनों सवाल पर गलत जवाबः फिर सबसे पहले प्रधानाध्यापक से उप विकास आयुक्त ने पूछा कि बक्सर के डीएम का क्या नाम है?किंतु प्रधानाध्यापक बक्सर के डीएम का नाम नहीं बता पाए. डीडीसी ने आगे पूछा कि बिहार के मुख्यमंत्री कौन हैं? तो हेड मास्टर साहब ने बताया कि लालू यादव. फिर अगला सवाल उप विकास आयुक्त ने पूछा कि उपमुख्यमंत्री कौन हैं? तो प्रधानाचार्य ने कहा कि सुशील मोदी. इसके बाद उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल ने माथा पकड़ लिया और प्रधानाचार्य से कहा कि रिजाइन क्यों नहीं कर देते हैं ?

पढ़ें-VIDEO: ये हैं बिहार की नवाबी टीचर! क्लास रूम में आराम फरमाती हैं मैडम, छात्राओं से झलवाती हैं पंखे

बक्सरः बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता (Quality Of Education In Bihar) पर आये दिन सवाल उठते रहे हैं. इसी बीच बक्सर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक स्कूल के प्रधानाध्यापक ने मुख्यमंत्री का नाम लालू यादव और उप मुख्यमंत्री का नाम सुशील मोदी बताया. इस मामले पर ईटीवी भारत ने जिलाधिकारी अमन समीर से बातचीत की.

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..वे बच्चों को क्या योग्य बनाएंगेः फोन पर हुई बातचीत में डीएम ने कहा कि मामला गंभीर है. जिले के इटाढ़ी स्कूल से यह मामला जुड़ा हुआ है. डीएम ने कहा कि एक हेडमास्टर को ऐसी जानकारी नहीं होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दुःखद है. अच्छे राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसे में जब शिक्षक ही योग्य नहीं होंगे तो विद्यार्थी योग्य कैसे होंगे? जिस शिक्षक या प्रधानाध्यापक को इतनी भी जानकारी नहीं है, वे बच्चों को क्या योग्य बनाएंगे? डीएम अमन समीर ने कहा कि उप विकास आयुक्त के प्रतिवेदन के आधार पर ऐसे हेडमास्टर के खिलाफ निश्चित तौर पर विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई (Buxar DM Announces Strict Action In Itari School Case) की जाएगी.

डीएम ने डीडीसी से मांगी विस्तृत रिपोर्टः वहीं उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल (DDC Dr Mahendra Pal ) ने बताया कि जिलाधिकारी बक्सर द्वारा इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गई. जल्दी ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी. उप विकास ने बताया कि बहुत ही आश्चर्यजनक है कि एक प्रधानाध्यापक को इतना भी मालूम नहीं है. चौथी बार प्रदेश के सीएम बने मुख्यमंत्री का नाम नहीं पता है. ऐसे शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई होनी ही चाहिए.

बुधवार को डीडीसी ने किया था स्कूल का निरीक्षणः आपको बता दें की बुधवार की सुबह जिले के इटाढ़ी प्रखंड अंतर्गत अतरौना पंचायत के नोनिया डेरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल निरीक्षण करने गए थे. विद्यालय परिसर के निरीक्षण के बाद उप विकास आयुक्त ने पूछा इस विद्यालय का प्रधानाध्यापक कौन है? पास में खड़े एक व्यक्ति सामने आते हुए अपने को प्रधानाध्यापक बताया.

डीडीसी के तीनों सवाल पर गलत जवाबः फिर सबसे पहले प्रधानाध्यापक से उप विकास आयुक्त ने पूछा कि बक्सर के डीएम का क्या नाम है?किंतु प्रधानाध्यापक बक्सर के डीएम का नाम नहीं बता पाए. डीडीसी ने आगे पूछा कि बिहार के मुख्यमंत्री कौन हैं? तो हेड मास्टर साहब ने बताया कि लालू यादव. फिर अगला सवाल उप विकास आयुक्त ने पूछा कि उपमुख्यमंत्री कौन हैं? तो प्रधानाचार्य ने कहा कि सुशील मोदी. इसके बाद उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल ने माथा पकड़ लिया और प्रधानाचार्य से कहा कि रिजाइन क्यों नहीं कर देते हैं ?

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Last Updated : Jul 29, 2022, 7:23 AM IST
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