बक्सर: एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस को लेकर सहमी हुई है. वहीं, अब न्यायालय ने भी कोरोना वायरस से बचने के लिए नरमी दिखाई है. साथ ही कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए न्यायालय की ओर से जागरुकता भी फैलाई जा रही है. जिससे कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके. इसी क्रम में जिला जज हरेंद्र नाथ ने व्यवहार न्यायालय परिसर का निरीक्षण किया. मौके पर लोगों से उन्होंने बहुत जरूरी मैटर होने पर ही कोर्ट आने का अनुरोध किया.
कोरोना वायरस को लेकर कोर्ट में बरसी जा रही सतर्कता
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देश पर बक्सर न्यायालय ने यह निर्णय लिया है कि 31 मार्च तक यदि कोई पक्षकार न्यायालय में हाजिर नहीं होते हैं, तो उनका जमानत रद्द नहीं किया जाएगा. साथ ही साथ न्यायालय ने यह भी निर्णय लिया है कि अति महत्वपूर्ण मुकदमों को छोड़कर अन्य मुकदमों की सुनवाई भी नहीं की जाएगी. इसके पीछे का मकसद कोर्ट परिसर में लगने वाली भीड़ को रोकना है ताकि लोगों में कोरोना वायरस का खतरा उत्पन्न न हो. राहत की बात यह है कि न्यायालय की ओर से जिस तरह से मुकदमों की सुनवाई में नरमी बरती गई है. वह कोरोना वायरस न फैलने की दिशा में कारगर कदम साबित होगा.
कीटाणु नाशक डिटर्जेंट का छिड़काव
न्यायालय की ओर से कोरोना वायरस से निबटने और उससे संबंधित जागरूकता के तहत न्यायालय परिसर में हर जगह कीट नाशक डिटर्जेंट का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही लोगों को साफ-सफाई के लिए कई सामानों की व्यवस्था की गई है. ताकि लोग हमेशा हाथ धोते रहें. पीएलबी के माध्यम से डोर टू डोर पूरे जिले में लोगों को जागरूक करने का निर्देश भी दिया गया है. अब तमाम पीएलबी भीड़ न लगाते हुए लोगों से निश्चित दूरी बनाकर सम्पर्क करेंगे. लोगो को साफ-सफाई की दिशा में जागरूक करेंगे.