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Loklaj In Democracy: ललन सिंह पर अश्विनी चौबे ने कसा तंज- 'भूल गए राबड़ी देवी का बयान'

लोकसभा में मॉनसून सत्र के दौरान दिल्ली अध्यादेश बिल पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने भाजपा को खूब खड़ी खोटी सुनायी थी. कहा था कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी चीज लोकलाज होती है. ललन सिंह के इस बयान पर भाजपा नेताओं में आक्रोश है. वे लगातार सदन के बाहर ललन सिंह पर हमला कर रहे हैं. रविवार को बक्सर में अश्विनी चौबे ने ललन सिंह पर राबड़ी देवी के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए हमला किया है.

अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री
अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री
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Published : Aug 6, 2023, 4:07 PM IST

अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री.

बक्सर: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने संसद में अमित शाह पर हमला करते हुए कहा था कि लोकतंत्र में लोकलाज बड़ी चीज होती है. ललन सिंह के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति गरमा गयी है. सदन में दिये लोक लाज वाले बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने ललन सिंह पर बड़ा हमला किया है. अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बयान को याद दिलाते हुए कहा कि जो परिवार का लोक लाज नहीं बचा पाया वह लोकतंत्र की लोक लाज का दुहाई दे रहा है.

इसे भी पढ़ेंः lok laj in democracy: अमित शाह के बयान पर विजय चौधरी ने कहा- 'INDIA से घबरायी हुई है मोदी सरकार'

"ऐसे लल्लू पंजू नेताओं से तो शर्म भी शर्मा जा रही है. वह भूल गए हैं कि बिहार विधानसभा में सत्र के दौरान बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने उनको और नीतीश कुमार के संबंध को लेकर क्या बयान दिया था. जो अपने परिवार का, कुल और वंश का लोक लाज नहीं रखा वह लोकतंत्र की लोक लाज की बात करता है. आखिर किस लालच में केस को वापस लिया यह भी बताना चाहिए."- अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री

राबड़ी देवी ने क्या कहा थाः राबड़ी देवी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सारण जिले के गरखा में 5 अप्रैल 2009 को ललन सिंह और नीतीश कुमार के रिश्ते को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद राजीव रंजन ने पटना सिविल कोर्ट में 13 अप्रैल 2009 को राबड़ी देवी के खिलाफ एक परिवाद पत्र दाखिल किया था. जिसमें मानहानि का आरोप लगाया गया था. 2015 में जदयू और राजद का गठबंधन बनने के बाद ललन सिंह और राबड़ी देवी ने 12 जनवरी 2015 में इस केस में सुलह कर लिया था.

ललन सिंह और अमित शाह के बीच क्या हुआ था विवादः लोकसभा का मॉनसून सत्र तीन अगस्त को दिल्ली अध्यादेश बिल पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी चीज लोकलाज होती है. इसके बाद सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया था. अमित शाह ने भी जवाब देते हुए कहा था कि राजीव रंजन लोकलाज के बारे में आप तो मत ही बोलिए. क्योंकि जिस चारा घोटाला को लेकर बिहार की जनता के सामने गए थे, अब वही चारा घोटाला करने वालों के साथ बैठे हैं.

अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री.

बक्सर: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने संसद में अमित शाह पर हमला करते हुए कहा था कि लोकतंत्र में लोकलाज बड़ी चीज होती है. ललन सिंह के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति गरमा गयी है. सदन में दिये लोक लाज वाले बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने ललन सिंह पर बड़ा हमला किया है. अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बयान को याद दिलाते हुए कहा कि जो परिवार का लोक लाज नहीं बचा पाया वह लोकतंत्र की लोक लाज का दुहाई दे रहा है.

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"ऐसे लल्लू पंजू नेताओं से तो शर्म भी शर्मा जा रही है. वह भूल गए हैं कि बिहार विधानसभा में सत्र के दौरान बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने उनको और नीतीश कुमार के संबंध को लेकर क्या बयान दिया था. जो अपने परिवार का, कुल और वंश का लोक लाज नहीं रखा वह लोकतंत्र की लोक लाज की बात करता है. आखिर किस लालच में केस को वापस लिया यह भी बताना चाहिए."- अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री

राबड़ी देवी ने क्या कहा थाः राबड़ी देवी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सारण जिले के गरखा में 5 अप्रैल 2009 को ललन सिंह और नीतीश कुमार के रिश्ते को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद राजीव रंजन ने पटना सिविल कोर्ट में 13 अप्रैल 2009 को राबड़ी देवी के खिलाफ एक परिवाद पत्र दाखिल किया था. जिसमें मानहानि का आरोप लगाया गया था. 2015 में जदयू और राजद का गठबंधन बनने के बाद ललन सिंह और राबड़ी देवी ने 12 जनवरी 2015 में इस केस में सुलह कर लिया था.

ललन सिंह और अमित शाह के बीच क्या हुआ था विवादः लोकसभा का मॉनसून सत्र तीन अगस्त को दिल्ली अध्यादेश बिल पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी चीज लोकलाज होती है. इसके बाद सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया था. अमित शाह ने भी जवाब देते हुए कहा था कि राजीव रंजन लोकलाज के बारे में आप तो मत ही बोलिए. क्योंकि जिस चारा घोटाला को लेकर बिहार की जनता के सामने गए थे, अब वही चारा घोटाला करने वालों के साथ बैठे हैं.

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