बक्सरः अहिरौली गांव में नए साल के पहले दिन असामाजिक तत्वों ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया. आसपास शराब की कई बोतलें, डिस्पोजेबल ग्लास वगैरह बिखरी पड़ीं थीं. जिससे प्रतीत होता है कि लोगों नें पहले तो शराब पी होगी. फिर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया होगा. सुबह लोगों की नींद खुली तो यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई. देखते ही देखते सैकड़ों की भीड़ जुट गई.
प्रतिमा स्थल है शराबियों का सेफ जोन
मामले की सूचना मिलने के बाद घटना स्थल पर पहुंचे पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को समझा बुझाकर वहां से हटाया. औद्योगिक थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव में जिस स्थान पर डॉक्टर भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित है, वहां आंगनबाड़ी सेंटर भी चलता है. उस आंगनबाड़ी सेंटर से लेकर प्रतिमा स्थल तक सैकड़ों शराब की बोतलें बिखरी पड़ी थीं. इससे स्पष्ट होता है कि वहां धड़ल्ले से शराब खरीदी, बेची और पी जाती है.
शराबबंदी का नहीं है असर
स्थानीय लोगों ने बताया कि उत्तरप्रदेश की सीमा से लगने वाले इस गांव में शराबबंदी का कोई असर नहीं है. रात के अंधेरे में ही नहीं, दिन के उजाले में भी गंगा नदी मार्ग से शराब तस्कर उत्तरप्रदेश से शराब की तस्करी कर बक्सर में लाते हैं. लोगों ने कहा, बक्सर जिला का यह गांव शराब तस्करी एवं अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के लिए सेफ जोन माना जाता है. कोई भी शराब तस्कर खुद नाव पर सवार होकर उत्तरप्रदेश पहुंच जाता है. वहां से शराब लेकर आ जाता है. जिसकी भनक तक पुलिस को नहीं लगती है.
त्रेता युग से जुड़ा है गांव का इतिहास
गौरतलब है कि त्रेता युग में जब भगवान राम बक्सर आये थे. उस समय ताड़का राक्षस का वध करने के बाद इसी अहिरौली गांव में पहुंचकर पत्थर रूपी देवी अहिल्या का उद्धार किया था. यहीं से पंचकोशी परिक्रमा की शुरुआत की थी. तब से प्रत्येक अगहन मास में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यहां पर आते हैं. एक बार फिर यह गांव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर चर्चा में है.