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बक्सर: तालाबों पर अतिक्रमण मामले में प्रशासन ने भेजा नोटिस, ग्रामीणों में हड़कंप - Buxar News

बक्सर शहर में सरकारी जमीन पर बसे लगभग 3600 परिवारों को नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस के बाद ग्रामीण दफ्तरों का चक्कर लगाना शुरु कर दिए हैं.

बक्सर
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Published : Aug 28, 2019, 6:42 PM IST

बक्सर: प्रदेश में तालाबों पर अतिक्रमण मामले में हाईकोर्ट के फटकार के बाद प्रशासन की नींद खुली है. जिले में प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजना शुरु कर दिया है. इससे लोगों में हड़कंप मच गया है.

बक्सर शहर में सरकारी जमीन पर बसे लगभग 3600 परिवारों को नोटिस भेजा गया है. ये लोग सरकारी जमीन पर वर्षो से आवास बना कर रह रहे हैं. प्रशासन ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर जमीन खाली करने का नोटिस भेजा है. इस नोटिस को लेकर ग्रामीणों ने दफ्तरों का चक्कर लगाना शुरु कर दिया है.

नोटिस के बाद लोगों की प्रतिक्रिया

'दूसरा कोई आश्रय स्थल नहीं'
ग्रामीणों का कहना है कि हम यहां चार पीढ़ियों से रह रहे हैं. इसके आलवा कोई दूसरा आश्रय स्थल भी नहीं है. हमलोग भूमिहीन हैं. सरकार ने अब खाली करने का नोटिस दिया है. इस समस्या को लेकर अंचलाधिकारी के पास गए थे. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में जमीन खाली करना होगा.

'भूमिहीनों के लिए है दूसरा विकल्प'
अंचलाधिकारी बक्सर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सभी लोगो को नोटिस भेजा जा रहा है. जो भूमिहीन होंगे उनके लिए सरकार व्यवस्था करेगी. वहीं, बक्सर विधायक संजय तिवारी ने बताया कि भूमिहीन लोगों के लिए अंचलाधिकारी से बात की जा रही है. सरकार की योजना के तहत ऐसे सभी लोगों के लिए पक्के मकान बनाए जाएंगे.

बक्सर: प्रदेश में तालाबों पर अतिक्रमण मामले में हाईकोर्ट के फटकार के बाद प्रशासन की नींद खुली है. जिले में प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजना शुरु कर दिया है. इससे लोगों में हड़कंप मच गया है.

बक्सर शहर में सरकारी जमीन पर बसे लगभग 3600 परिवारों को नोटिस भेजा गया है. ये लोग सरकारी जमीन पर वर्षो से आवास बना कर रह रहे हैं. प्रशासन ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर जमीन खाली करने का नोटिस भेजा है. इस नोटिस को लेकर ग्रामीणों ने दफ्तरों का चक्कर लगाना शुरु कर दिया है.

नोटिस के बाद लोगों की प्रतिक्रिया

'दूसरा कोई आश्रय स्थल नहीं'
ग्रामीणों का कहना है कि हम यहां चार पीढ़ियों से रह रहे हैं. इसके आलवा कोई दूसरा आश्रय स्थल भी नहीं है. हमलोग भूमिहीन हैं. सरकार ने अब खाली करने का नोटिस दिया है. इस समस्या को लेकर अंचलाधिकारी के पास गए थे. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में जमीन खाली करना होगा.

'भूमिहीनों के लिए है दूसरा विकल्प'
अंचलाधिकारी बक्सर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सभी लोगो को नोटिस भेजा जा रहा है. जो भूमिहीन होंगे उनके लिए सरकार व्यवस्था करेगी. वहीं, बक्सर विधायक संजय तिवारी ने बताया कि भूमिहीन लोगों के लिए अंचलाधिकारी से बात की जा रही है. सरकार की योजना के तहत ऐसे सभी लोगों के लिए पक्के मकान बनाए जाएंगे.

Intro:हाईकोर्ट के फटकार के बाद,बक्सर अंचलाधिकारी ने आहर ,तालाब पर अतिक्रमण कर बसे सैकड़ो परिवार को भेजा नोटिस तो,महादलित परिवार ने सदर बिधायक से लगाई गुहार,पीड़ित परिवार के फरियाद सुन बिधायक ने सीओ को बैकल्पिक व्यवस्था करने का दिया निर्देश।


Body:बढ़ रहे जलसंकट को दूर करने के लिए तालाब एवं आहर को खाली करा कर खुदाई कराने का निर्देश सरकार के साथ ही साथ प्रशासनिक अधिकारियों के लिए गले का फ़ांस बनते जा रहा है। 4 पीढ़ियों से शहरी क्षेत्र के सरकारी जमीन पर बसे लगभग 3600 परिवारों को अंचलाधिकारी द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद महादलित समुदाय के सैकड़ो परिवार के लोगो ने सदर बिधायक मुन्ना तिवारी उर्फ संजय तिवारी से गुहार लगाया पीड़ित परिवार की समश्या सुन सदर विधायक ने अंचलाधिकारी को तत्काल व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
वही सर्किट हाउस पहुचे पीड़ित परिवार ने बताया पिछले 4 पीढ़ियों से हम लोग वहां रह रहे है,लेकिन अचानक खाली करने के लिए नोटिस भेज दिया गया हम लोग कहा जाए।

byte-पीड़ित परिवार

वही इस मामले को लेकर अंचलाधिकारी बक्सर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सभी लोगो को नोटिस दिया गया है, जो भूमिहीन होंगे उनके लिए सरकार व्यवस्था करेगी।लेकिन जो लोग उस श्रेणी से बाहर है,उनके लिए कोई स्किम नही है।

byte-अंचलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह

पीड़ित परिवारों के गुहार के बाद बक्सर बिधायक संजय तिवारी ने बताया कि,हमारे विधानसभा क्षेत्र में,3600 परिवार है जो भिन्न भिन्न इलाके में सरकारी जमीन पर बसे है ,हमने अंचलाधिकारी को निर्देश दिया है,की जब तक इन परिवारों के लिए पक्की मकान नही बन जाता है,तब तक उन्हें उसी जमीन पर रहने दिया जाए।

byte संजय तिवारी कांग्रेस बिधायक


Conclusion:गौरतलब है,की सरकार द्वारा भूमिहीन परिवारों को तीन डिसमिल जमीन देने का पूर्व से निर्णय सरकार ने लिया है,इसके बाद भी प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह योजना में तेजी नही आ सका
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