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खबर का असर: औरंगाबाद के उत्तर कोयल नहर में छोड़ा गया पानी, धान रोपनी शुरू - Paddy transplantation after release of water in canal

उत्तर कोयल नहर में पानी छोड़े जाने के बाद किसानों में खुशी है. किसानों ने धान की रोपनी करनी शुरू कर दी है. नहर के आसपास के दर्जनों गांव में 40 से 50 प्रतिशत तक धान की रोपनी हो चुकी है.

Water released in North Koyal Canal of aurangabad
Water released in North Koyal Canal of aurangabad
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Published : Jul 30, 2020, 1:04 PM IST

औरंगाबाद: जिले के उत्तर कोयल नहर में पानी नहीं छोड़े जाने कारण किसान धान की रोपनी नहीं कर पाए थे. इसी से गुस्साए किसान और आरजेडी नेताओं ने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता के कार्यालय का घेराव किया और तालाबंदी की. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलायी थी. जिसका असर हुआ कि कोयल नहर में विभाग ने पानी छोड़ा है.

कोयल नहर में पानी छोड़े जाने के बाद से दर्जनों गांव के किसानों ने धान की रोपनी शुरू कर दी है. बता दें कि उत्तर कोयल नहर जो झारखंड से निकलती है. इससे बिहार के औरंगाबाद और गया के कई प्रखंडों के जमीनों की सिंचाई होती है. नहर में पानी छोड़े जाने से किसान खुश हैं और आरजेडी नेता ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

Water released in North Koyal Canal of aurangabad
नहर में छोड़ा गया पानी

40 से 50 प्रतिशत तक धान की रोपनी पूरी
बता दें कि नहर में पानी आने से किसानों की सैकड़ों बीघे जमीन में धान की रोपनी शुरू हो गई. नहर के आसपास के दर्जनों गांव में 40 से 50 प्रतिशत तक धान की रोपनी हो चुकी है. अगर पानी की सप्लाई इसी तरह से एक सप्ताह और हुआ तो किसानों के खेतों में धान की रोपनी जल्द ही समाप्त हो जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति
बताया जाता है कि औरंगाबाद जिले के उत्तरी क्षेत्र में सोन मुख्य केनाल और इससे निकलने वाली नहर सिंचाई का मुख्य साधन है. जहां सालों भर पानी रहता है. वहीं औरंगाबाद से दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्र में ज्यादातर जगह पर जहां उत्तर कोयल नहर का सिर्फ संपर्क है, वहां पानी नहीं रहने के कारण सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है.

औरंगाबाद: जिले के उत्तर कोयल नहर में पानी नहीं छोड़े जाने कारण किसान धान की रोपनी नहीं कर पाए थे. इसी से गुस्साए किसान और आरजेडी नेताओं ने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता के कार्यालय का घेराव किया और तालाबंदी की. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलायी थी. जिसका असर हुआ कि कोयल नहर में विभाग ने पानी छोड़ा है.

कोयल नहर में पानी छोड़े जाने के बाद से दर्जनों गांव के किसानों ने धान की रोपनी शुरू कर दी है. बता दें कि उत्तर कोयल नहर जो झारखंड से निकलती है. इससे बिहार के औरंगाबाद और गया के कई प्रखंडों के जमीनों की सिंचाई होती है. नहर में पानी छोड़े जाने से किसान खुश हैं और आरजेडी नेता ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

Water released in North Koyal Canal of aurangabad
नहर में छोड़ा गया पानी

40 से 50 प्रतिशत तक धान की रोपनी पूरी
बता दें कि नहर में पानी आने से किसानों की सैकड़ों बीघे जमीन में धान की रोपनी शुरू हो गई. नहर के आसपास के दर्जनों गांव में 40 से 50 प्रतिशत तक धान की रोपनी हो चुकी है. अगर पानी की सप्लाई इसी तरह से एक सप्ताह और हुआ तो किसानों के खेतों में धान की रोपनी जल्द ही समाप्त हो जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति
बताया जाता है कि औरंगाबाद जिले के उत्तरी क्षेत्र में सोन मुख्य केनाल और इससे निकलने वाली नहर सिंचाई का मुख्य साधन है. जहां सालों भर पानी रहता है. वहीं औरंगाबाद से दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्र में ज्यादातर जगह पर जहां उत्तर कोयल नहर का सिर्फ संपर्क है, वहां पानी नहीं रहने के कारण सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है.

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