औरंगाबाद: जिले के उत्तर कोयल नहर में पानी नहीं छोड़े जाने कारण किसान धान की रोपनी नहीं कर पाए थे. इसी से गुस्साए किसान और आरजेडी नेताओं ने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता के कार्यालय का घेराव किया और तालाबंदी की. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलायी थी. जिसका असर हुआ कि कोयल नहर में विभाग ने पानी छोड़ा है.
कोयल नहर में पानी छोड़े जाने के बाद से दर्जनों गांव के किसानों ने धान की रोपनी शुरू कर दी है. बता दें कि उत्तर कोयल नहर जो झारखंड से निकलती है. इससे बिहार के औरंगाबाद और गया के कई प्रखंडों के जमीनों की सिंचाई होती है. नहर में पानी छोड़े जाने से किसान खुश हैं और आरजेडी नेता ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.
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40 से 50 प्रतिशत तक धान की रोपनी पूरी
बता दें कि नहर में पानी आने से किसानों की सैकड़ों बीघे जमीन में धान की रोपनी शुरू हो गई. नहर के आसपास के दर्जनों गांव में 40 से 50 प्रतिशत तक धान की रोपनी हो चुकी है. अगर पानी की सप्लाई इसी तरह से एक सप्ताह और हुआ तो किसानों के खेतों में धान की रोपनी जल्द ही समाप्त हो जाएगी.
अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति
बताया जाता है कि औरंगाबाद जिले के उत्तरी क्षेत्र में सोन मुख्य केनाल और इससे निकलने वाली नहर सिंचाई का मुख्य साधन है. जहां सालों भर पानी रहता है. वहीं औरंगाबाद से दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्र में ज्यादातर जगह पर जहां उत्तर कोयल नहर का सिर्फ संपर्क है, वहां पानी नहीं रहने के कारण सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है.