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औरंगाबाद: सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण के दौरान गायब थे कई अफसर, लल्लन पासवान ने लगाई फटकार

सभापति सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. वहां उन्होंने डॉक्टरों से अस्पताल संबंधित कुछ बुनियादी सवाल किया. सभी डॉक्टर जबाब देने में असमर्थ नजर आए. इसके बाद सभापति सदर अस्पताल के मुख्य भवन पहुंचे. जहां अधीक्षक और उपाधीक्षक कार्यालय में ताला लटका हुआ था.

सदर अस्पताल में हुआ औचक निरीक्षण
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Published : Aug 26, 2019, 4:38 PM IST

औरंगाबाद: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है. ताजा मामला सदर अस्पताल का है. जहां बिहार विधानसभा के एससी-एसटी कोर्डिनेशन कमेटी के सभापति सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान अस्पताल के कई कर्मचारी गायब थे. जिसके बाद सभापति ने सदर अस्पताल की व्यवस्था देख मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई.

निरीक्षण के दौरान सभापति ने अस्पताल के कई अधिकारियों से पूछताछ की. साथ ही वहां की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. इस दौरान कई कामियां भी सामने आईं. जिसको लेकर उन्होंने अधिकारियों की जमकर क्लास ली.

सदर अस्पताल में हुआ औचक निरीक्षण

अस्पताल का किया औचक निरीक्षण
सभापति सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. वहां उन्होंने डॉक्टरों से अस्पताल संबंधित कुछ बुनियादी सवाल किया. सभी डॉक्टर जबाब देने में असमर्थ नजर आए. इसके बाद सभापति सदर अस्पताल के मुख्य भवन पहुंचे. जहां अधीक्षक और उपाधीक्षक कार्यालय में ताला लटका हुआ था. अधीक्षक और उपाधीक्षक अस्पताल में नहीं थे. अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही पर सभापति भड़क गए. उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को सख्त चेतावनी दी.

aurangabad
सदर अस्पताल

सभापति ने मरीजों से की बात
सभापति लल्लन पासवान ने मरीजों से बात की तो, पता चला कि बेड पर मरीज तड़प रहे हैं. इलाज करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है. सुई देने के लिए मरीजों के पास एनएम भी नहीं दिख रही हैं. यहां तक चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा भी मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही है. सभापति ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था सही नहीं है. आईसीयू पिछले 5 वर्षों से बंद पड़ा है. उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कारवाई की जाएगी.

औरंगाबाद: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है. ताजा मामला सदर अस्पताल का है. जहां बिहार विधानसभा के एससी-एसटी कोर्डिनेशन कमेटी के सभापति सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान अस्पताल के कई कर्मचारी गायब थे. जिसके बाद सभापति ने सदर अस्पताल की व्यवस्था देख मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई.

निरीक्षण के दौरान सभापति ने अस्पताल के कई अधिकारियों से पूछताछ की. साथ ही वहां की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. इस दौरान कई कामियां भी सामने आईं. जिसको लेकर उन्होंने अधिकारियों की जमकर क्लास ली.

सदर अस्पताल में हुआ औचक निरीक्षण

अस्पताल का किया औचक निरीक्षण
सभापति सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. वहां उन्होंने डॉक्टरों से अस्पताल संबंधित कुछ बुनियादी सवाल किया. सभी डॉक्टर जबाब देने में असमर्थ नजर आए. इसके बाद सभापति सदर अस्पताल के मुख्य भवन पहुंचे. जहां अधीक्षक और उपाधीक्षक कार्यालय में ताला लटका हुआ था. अधीक्षक और उपाधीक्षक अस्पताल में नहीं थे. अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही पर सभापति भड़क गए. उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को सख्त चेतावनी दी.

aurangabad
सदर अस्पताल

सभापति ने मरीजों से की बात
सभापति लल्लन पासवान ने मरीजों से बात की तो, पता चला कि बेड पर मरीज तड़प रहे हैं. इलाज करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है. सुई देने के लिए मरीजों के पास एनएम भी नहीं दिख रही हैं. यहां तक चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा भी मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही है. सभापति ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था सही नहीं है. आईसीयू पिछले 5 वर्षों से बंद पड़ा है. उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कारवाई की जाएगी.

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एंकर:- औरंगाबाद सदर अस्पताल बिहार विधानसभा के एससी एसटी कोर्डिनेशन कमेटी सदर अस्पताल में पहुंचे वहां की व्यवस्था देखकर भड़क उठे और कहा की ऐसी दोस्तों मरीज का इलाज संभव नहीं है। ऐसी व्यवस्था के खिलाफ करवाई की की मांग।


Body:vo.1.गौरतलब है कि राज्य सरकार करोड़ों रूपए आम हो या खास इलाज के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है, सभापति सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड पहुंचे और वहां चिकित्सक अस्पताल संबंधित कुछ बुनियादी सवाल पूछे मगर वे बताने में असमर्थ दिखे उसके बाद सभापति सदर अस्पताल के मुख्य भवन पहुंचे तो देखा कि अधीक्षक उपाधीक्षक कार्यालय में ताला लटका हुआ है और दोनों गायब हैं इतना ही नहीं स्पात अस्पताल प्रबंधक और डीपीएमबी नजर नहीं आए। इसका मतलब है दूर दराज के मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाए।


Conclusion:v.o.2सभापति लल्लन पासवान मरीजों से बात की तो पता चला कि बेड पर मरीज तड़प रहे हैं पार्थ इलाज करने वाला कोई डॉक्टर नहीं है सुई देने के लिए मरीजों के पास एनएम भी नहीं पहुंची यहां तक चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा भी मरीजों को बाहर से खरीद कर लाना पड़ रहा है, उसके बाद अस्पताल में बने किचन का निरीक्षण किया और देखा कि मरीज की उपस्थिति से ज्यादा खाना बन रहा है। सभापति ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था सही नहीं है और यहां आईसीयू पिछले 5 वर्षों से बंद पड़ा है।
वाईट:- ललन पासवान सभापति कमेटी बिहार विधानसभा।
नोट:-wrap वीडियो और फोटो है
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