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औरंगाबाद में उमगा पहाड़ी पर पौराणिक गौरी-शंकर की मूर्ति के साथ तोड़फोड़

औरंगाबाद के मदनपुर की उमगा पहाड़ी (Umga Mountain) पर गौरी-शंकर खोह में स्थापित पौराणिक गौरी-शंकर की मूर्ति और अति प्राचीन शिवलिंग को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. हालांकि पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि एफआईआर दर्ज कर मामले में कार्रवाई की जा रही है.

उमगा पहाड़ी
उमगा पहाड़ी
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Published : Aug 29, 2021, 5:04 PM IST

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद (Aurangabad) शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक धार्मिक स्थल उमगा पहाड़ी (Umga Mountain) पर गौरी-शंकर की पौराणिक प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई है. मंदिर की गुफा में स्थित शिवलिग और अरघा को भी तोड़कर गायब कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: पटना: मनेर में समाजसेवी कृष्ण मुरारी शर्मा की मूर्ति का अनावरण

मंदिर के पुजारी दिलीप बाबा ने बताया कि सुबह में लोगों से पता चला कि मूर्ति खंडित है. शंकर-पार्वती की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई है. इसके अलावे मंदिर की गुफा में स्थित शिवलिंग और अरघा को भी तोड़कर गायब कर दिया गया है. साथ ही कई पत्थरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है.

गौरीशंकर की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़

इस बारे में पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा (SP Kantesh Kumar Mishra) ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद हमने जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पास के आजन गांव के अशोक सिंह के विक्षिप्त बेटे रविरंजन उर्फ बजरंगी ने प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त किया है. यह शख्स 2 साल रांची के कांके में रहकर अपना इलाज भी करवा चुका है.

एसपी ने कहा कि मंदिर के पुजारी से इस बारे में लिखित आवेदन मांगा गया है. उसी आधार पर एफआईआर दर्जकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल खंडित मूर्ति को दुरुस्त कर शिवलिंग को पुर्नस्थापित करने की कोशिश की जा रही है.

आपको बताएं कि उमगा पहाड़ी पर 52 मंदिरों का समूह है और समूह के हर मंदिर में देवी-देवताओं की एक से बढ़कर एक दुर्लभ और अति प्राचीन मूर्तियां स्थापित है .इस स्थल की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उमगा पहाड़ी पर स्थित 52 मंदिरों के समूह को यूनेस्को (UNESCO) के विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने की चर्चा जोर पकड़ चुकी थी.

ये भी पढ़ें: पटना: 2 सौ साल पुरानी भगवान कृष्ण की मूर्ति चोरी, जांच में जुटी पुलिस

पौराणिक कथाओं के अनुसार मां सती के शव को लेकर भगवान शिव जब क्रोधित होकर तांडव नृत्य शुरू किया था. उस समय मां का शरीर का अंग उमगा पहाड़ पर गिरा था. तब से यह स्थल शक्तिपीठ के नाम से विख्यात हुआ है. आज भी यहां का प्रसाद बिना पकाएं हुए ढकने में चावल और गुड़ मिलाकर लड्डू जैसा बनाकर चढ़ाया जाता है. जिसे मगह में कसार कहा जाता है.

पहाड़ी पर मां उमंगेश्वरी मंदिर में मे पूजा अर्चना करने से 52 शक्तिपीठों का लाभ मिलता है. मां पूजन सरस्वती के रुप मे बसंत पंचमी को किया जाता है. यह देवी मनोकामना पूर्ण करने वाली एवं सिद्धिदात्री हैं. पहाड़ की ऊपरी चोटी पर भगवान शिव और गौरी मौजूद हैं. यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की सैलाब उमड़ती है.

हाल में ही बिहार सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने मदनपुर प्रखंड में उमगा पहाड़ पर स्थित 52 मंदिरों की श्रृंखला के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी. उन्होंने उमगा को इको टूरिज्म प्लेस के रुप में विकसित करने का भी ऐलान किया था.

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद (Aurangabad) शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक धार्मिक स्थल उमगा पहाड़ी (Umga Mountain) पर गौरी-शंकर की पौराणिक प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई है. मंदिर की गुफा में स्थित शिवलिग और अरघा को भी तोड़कर गायब कर दिया गया है.

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मंदिर के पुजारी दिलीप बाबा ने बताया कि सुबह में लोगों से पता चला कि मूर्ति खंडित है. शंकर-पार्वती की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई है. इसके अलावे मंदिर की गुफा में स्थित शिवलिंग और अरघा को भी तोड़कर गायब कर दिया गया है. साथ ही कई पत्थरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है.

गौरीशंकर की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़

इस बारे में पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा (SP Kantesh Kumar Mishra) ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद हमने जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पास के आजन गांव के अशोक सिंह के विक्षिप्त बेटे रविरंजन उर्फ बजरंगी ने प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त किया है. यह शख्स 2 साल रांची के कांके में रहकर अपना इलाज भी करवा चुका है.

एसपी ने कहा कि मंदिर के पुजारी से इस बारे में लिखित आवेदन मांगा गया है. उसी आधार पर एफआईआर दर्जकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल खंडित मूर्ति को दुरुस्त कर शिवलिंग को पुर्नस्थापित करने की कोशिश की जा रही है.

आपको बताएं कि उमगा पहाड़ी पर 52 मंदिरों का समूह है और समूह के हर मंदिर में देवी-देवताओं की एक से बढ़कर एक दुर्लभ और अति प्राचीन मूर्तियां स्थापित है .इस स्थल की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उमगा पहाड़ी पर स्थित 52 मंदिरों के समूह को यूनेस्को (UNESCO) के विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने की चर्चा जोर पकड़ चुकी थी.

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पौराणिक कथाओं के अनुसार मां सती के शव को लेकर भगवान शिव जब क्रोधित होकर तांडव नृत्य शुरू किया था. उस समय मां का शरीर का अंग उमगा पहाड़ पर गिरा था. तब से यह स्थल शक्तिपीठ के नाम से विख्यात हुआ है. आज भी यहां का प्रसाद बिना पकाएं हुए ढकने में चावल और गुड़ मिलाकर लड्डू जैसा बनाकर चढ़ाया जाता है. जिसे मगह में कसार कहा जाता है.

पहाड़ी पर मां उमंगेश्वरी मंदिर में मे पूजा अर्चना करने से 52 शक्तिपीठों का लाभ मिलता है. मां पूजन सरस्वती के रुप मे बसंत पंचमी को किया जाता है. यह देवी मनोकामना पूर्ण करने वाली एवं सिद्धिदात्री हैं. पहाड़ की ऊपरी चोटी पर भगवान शिव और गौरी मौजूद हैं. यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की सैलाब उमड़ती है.

हाल में ही बिहार सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने मदनपुर प्रखंड में उमगा पहाड़ पर स्थित 52 मंदिरों की श्रृंखला के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी. उन्होंने उमगा को इको टूरिज्म प्लेस के रुप में विकसित करने का भी ऐलान किया था.

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