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औरंगाबाद: गोह विधानसभा सीट पर पहली बार RJD का कब्जा - जनता दल यूनाइटेड

गोह के इतिहास में राष्ट्रीय जनता दल 5 बार से लगातार विधानसभा के चुनाव हार रही थी, लेकिन इस बार नवीनगर के पूर्व विधायक भीम कुमार यादव पर पार्टी ने दांव खेला और रिकॉर्ड 35,638 मतों से चुनाव जीत लिया.

Aurangabad
गोह विधानसभा क्षेत्र से RJD ने पहली बार लहराया परचम
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Published : Nov 13, 2020, 9:11 AM IST

औरंगाबाद: जिले के गोह विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी ने पहली बार परचम लहराया है. इस क्षेत्र में आरजेडी का ट्रेक रिकॉर्ड काफी खराब रहा है, लेकिन इस बार नवीनगर के पूर्व विधायक भीम कुमार यादव ने 35,638 मतों के अंतर से भाजपा के वर्तमान विधायक मनोज शर्मा को पटखनी दी है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि नवीनगर से राजद के पहले विधायक भीम कुमार यादव ही थे.

'गोह विस में पहली बार चुनाव जीती आरजेडी'
आजादी के बाद से ही गोह विधानसभा अस्तित्व में बना हुआ है. पहले यहां सोशलिस्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक चुने जाते थे. बाद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के रामशरण यादव लगातार चुने गए. बीच में दो बार देव कुमार शर्मा भी, एक बार कांग्रेस से और एक बार समता पार्टी से चुने गए थे. इसके बाद से तीन बार जेडीयू से डॉ रणविजय कुमार चुनाव जीते थे. वहीं, 2015 के चुनाव में देव कुमार शर्मा के बेटे मनोज शर्मा भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते थे.

'पार्टी के गठन के बाद लगातार 5 चुनाव हारी थी आरजेडी'
गोह के इतिहास में राष्ट्रीय जनता दल 5 बार से लगातार विधानसभा के चुनाव हार रही थी, लेकिन इस बार नवीनगर के पूर्व विधायक भीम कुमार यादव पर पार्टी ने दांव खेला और रिकॉर्ड 35,638 मतों से चुनाव जीत लिया. भीम कुमार पार्टी के लिए लक्की रहे हैं. वे साल 2000 में भी नवीनगर से चुनाव जीतकर आरजेडी के पहले विधायक बने थे, उस समय भी वे लगभग 47,000 से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीते थे.

'31 साल की उम्र में पहली बार बने थे विधायक'
भीम कुमार यादव जिले के बारुण नरेश कहे जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और शिक्षाविद बाबू केशव सिंह के पोते हैं और पूर्व विधायक नारायण सिंह के बेटे हैं.
भीम कुमार पहली बार 31 साल की उम्र में नवीनगर से साल 2000 में विधायक बने थे. इसके बाद वे 2005 के फरवरी में भी लगातार दूसरी बार जीतकर सदन पहुंचे थे.

'ओबर में चुनाव जीतने में नाकाम रही जेडीयू'
वहीं, ओबरा विधानसभा से भी जेडीयू अभी तक चुनाव नहीं जीत सकी है. इस बार ओबरा का गढ़ तोड़ने के लिए जेडीयू ने भीम यादव के चचेरे भाई सुनील यादव को प्रत्याशी बनाकर भेजा था, लेकिन ओबरा से आरजेडी के ऋषि कुमार यादव ने बाजी मार ली और सुनील यादव तीसरे स्थान पर चले गए. दूसरे स्थान पर लोजपा प्रत्याशी डॉ प्रकाश चंद्रा रहे, जिन्हें ऋषि यादव ने लगभग 22,000 मतों से हराया.

औरंगाबाद: जिले के गोह विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी ने पहली बार परचम लहराया है. इस क्षेत्र में आरजेडी का ट्रेक रिकॉर्ड काफी खराब रहा है, लेकिन इस बार नवीनगर के पूर्व विधायक भीम कुमार यादव ने 35,638 मतों के अंतर से भाजपा के वर्तमान विधायक मनोज शर्मा को पटखनी दी है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि नवीनगर से राजद के पहले विधायक भीम कुमार यादव ही थे.

'गोह विस में पहली बार चुनाव जीती आरजेडी'
आजादी के बाद से ही गोह विधानसभा अस्तित्व में बना हुआ है. पहले यहां सोशलिस्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक चुने जाते थे. बाद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के रामशरण यादव लगातार चुने गए. बीच में दो बार देव कुमार शर्मा भी, एक बार कांग्रेस से और एक बार समता पार्टी से चुने गए थे. इसके बाद से तीन बार जेडीयू से डॉ रणविजय कुमार चुनाव जीते थे. वहीं, 2015 के चुनाव में देव कुमार शर्मा के बेटे मनोज शर्मा भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते थे.

'पार्टी के गठन के बाद लगातार 5 चुनाव हारी थी आरजेडी'
गोह के इतिहास में राष्ट्रीय जनता दल 5 बार से लगातार विधानसभा के चुनाव हार रही थी, लेकिन इस बार नवीनगर के पूर्व विधायक भीम कुमार यादव पर पार्टी ने दांव खेला और रिकॉर्ड 35,638 मतों से चुनाव जीत लिया. भीम कुमार पार्टी के लिए लक्की रहे हैं. वे साल 2000 में भी नवीनगर से चुनाव जीतकर आरजेडी के पहले विधायक बने थे, उस समय भी वे लगभग 47,000 से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीते थे.

'31 साल की उम्र में पहली बार बने थे विधायक'
भीम कुमार यादव जिले के बारुण नरेश कहे जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और शिक्षाविद बाबू केशव सिंह के पोते हैं और पूर्व विधायक नारायण सिंह के बेटे हैं.
भीम कुमार पहली बार 31 साल की उम्र में नवीनगर से साल 2000 में विधायक बने थे. इसके बाद वे 2005 के फरवरी में भी लगातार दूसरी बार जीतकर सदन पहुंचे थे.

'ओबर में चुनाव जीतने में नाकाम रही जेडीयू'
वहीं, ओबरा विधानसभा से भी जेडीयू अभी तक चुनाव नहीं जीत सकी है. इस बार ओबरा का गढ़ तोड़ने के लिए जेडीयू ने भीम यादव के चचेरे भाई सुनील यादव को प्रत्याशी बनाकर भेजा था, लेकिन ओबरा से आरजेडी के ऋषि कुमार यादव ने बाजी मार ली और सुनील यादव तीसरे स्थान पर चले गए. दूसरे स्थान पर लोजपा प्रत्याशी डॉ प्रकाश चंद्रा रहे, जिन्हें ऋषि यादव ने लगभग 22,000 मतों से हराया.

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