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शिक्षकों के हड़ताल को RJD का समर्थन, कहा- 'सरकार बनी तो शिक्षकों को देंगे पूर्ण वेतनमान'

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Published : Mar 3, 2020, 8:08 AM IST

Updated : Mar 3, 2020, 9:36 AM IST

बिहार में 17 फरवरी से चल रहे शिक्षकों के हड़ताल को राजद ने अपना समर्थन देते हुए कहा है कि शिक्षकों की मांग बिल्कुल जायज है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षकों के प्रति संवेदनहीनता अपना रहे हैं.

aurangabad
शिक्षकों के हड़ताल को RJD का समर्थन,

औरंगाबाद: जिले में 17 फरवरी से हड़ताल पर बैठे नियोजित शिक्षकों से सरकार ने भले ही कोई वार्ता नहीं की है. लेकिन राष्ट्रीय जनता दल शिक्षकों के समर्थन में उतर आई है. राजद ने घोषणा की है कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो वह शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान देंगे. बता दें कि जिले के सभी 11 प्रखंडों के प्रखंड मुख्यालयों पर बने बीआरसी केंद्रों पर शिक्षक अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं.

शिक्षकों की प्रमुख मांगें
इंटर परीक्षा के उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन का कार्य भी चल रहा है. जिसमें कुछ शिक्षकों ने हड़ताल छोड़कर अपना योगदान भी दिया है. लेकिन शिक्षकों का श्रम कानून के अनुसार सामूहिक स्वास्थ्य बीमा, पीएफ फंड से लेकर अनुकंपा नियुक्ति और सेवा शर्तों में सुधार करने जैसी प्रमुख मांगें हैं. शिक्षक इन मांगों को लेकर लगातार डटे हुए हैं, जबकि सरकार की तरफ से कई तरह की धमकियां भी मिल रही हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

'शिक्षकों की मांग जायज है'
शिक्षकों के इस हड़ताल को राष्ट्रीय जनता दल ने समर्थन दिया है. राजद प्रवक्ता उदय उज्जवल ने बताया कि शिक्षकों की मांग बिल्कुल जायज है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षकों के प्रति संवेदनहीनता अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि आखिर शिक्षक किससे अपनी मांग करें. उनकी मांग सुनने के बजाय सरकार उनसे अपराधी जैसा सुलूक कर रही है, जो कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने दावा किया कि अगर राजद की सरकार बनती है, तो सभी शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान दिया जाएगा.

औरंगाबाद: जिले में 17 फरवरी से हड़ताल पर बैठे नियोजित शिक्षकों से सरकार ने भले ही कोई वार्ता नहीं की है. लेकिन राष्ट्रीय जनता दल शिक्षकों के समर्थन में उतर आई है. राजद ने घोषणा की है कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो वह शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान देंगे. बता दें कि जिले के सभी 11 प्रखंडों के प्रखंड मुख्यालयों पर बने बीआरसी केंद्रों पर शिक्षक अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं.

शिक्षकों की प्रमुख मांगें
इंटर परीक्षा के उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन का कार्य भी चल रहा है. जिसमें कुछ शिक्षकों ने हड़ताल छोड़कर अपना योगदान भी दिया है. लेकिन शिक्षकों का श्रम कानून के अनुसार सामूहिक स्वास्थ्य बीमा, पीएफ फंड से लेकर अनुकंपा नियुक्ति और सेवा शर्तों में सुधार करने जैसी प्रमुख मांगें हैं. शिक्षक इन मांगों को लेकर लगातार डटे हुए हैं, जबकि सरकार की तरफ से कई तरह की धमकियां भी मिल रही हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

'शिक्षकों की मांग जायज है'
शिक्षकों के इस हड़ताल को राष्ट्रीय जनता दल ने समर्थन दिया है. राजद प्रवक्ता उदय उज्जवल ने बताया कि शिक्षकों की मांग बिल्कुल जायज है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षकों के प्रति संवेदनहीनता अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि आखिर शिक्षक किससे अपनी मांग करें. उनकी मांग सुनने के बजाय सरकार उनसे अपराधी जैसा सुलूक कर रही है, जो कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने दावा किया कि अगर राजद की सरकार बनती है, तो सभी शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान दिया जाएगा.

Last Updated : Mar 3, 2020, 9:36 AM IST
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