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पंजाब से साइकिल से बिहार के लिए निकले 9 प्रवासी मजूदर, कहा- एक और दिन गुजारना था मुश्किल

श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के बावजूद भी सैकड़ों मजदूर पैदल अपने घर पहुंच रहे हैं. औरंगाबाद में आए दिन इस तरह के मजदूरों के जत्थे को देखा जा रहा है.

साइकिल से घर जा रहे मजदूर
साइकिल से घर जा रहे मजदूर
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Published : May 26, 2020, 9:43 AM IST

औरंगाबाद: लॉकडाउन 4.0 में सरकार मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है. साथ ही बसों की भी व्यवस्था की गई है. बावजूद इसके मजदूरों का पैदल आना जारी है. आज भी पैदल और साइकिल पर सवार कई प्रवासी सड़कों पर देखे जा रहे हैं. जिले में रोजाना लगभग सैकड़ों की संख्या में मजदूरों को अपने घर वापसी के लिए साइकिल या पैदल देखा जाता है.

इसी क्रम में राजेश सदा और रंजन कुमार समेत 9 मजदूर पिछले 18 मई को पंजाब के मुक्तसर से भागलपुर और आसपास के जिलों के लिए निकले हैं. ये सभी तपती गर्मी में साइकिल के सहारे हजारों किमी का सफर नाप रहे हैं. मजदूर सदा ने बताया कि वे लोग वहां राइस मिल में काम करते थे. जहां 23 मार्च के बाद काम बंद है. जमापूंजी से वे किसी तरह 17 मई तक वहां रुके. लेकिन, आगे रुकना संभव नहीं था. ऐसे में उन्होंने साइकिल खरीदी और घर के लिए निकल पड़े.

aurangabad
साइकिल से घर जा रहे मजदूर

तय किया हजारों किमी का सफर
मजदूरों ने बताया कि वो साइकिल से ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज 1600 किलोमीटर के सफर पर जा रहे हैं. मजदूरों ने ये भी बताया कि यूपी पुलिस रास्ते में मजदूरों के साइकिल रखकर उन्हें वाहन से भेज रही थी. इससे बचने के लिए वे कई जगह ग्रामीण रास्तों से होकर आए हैं. उन्होंने बताया कि रास्ते में औरंगाबाद के बारूण में जीटी रोड पर स्थित चेकपोस्ट पर पुलिस ने भोजन कराया. चेक पोस्ट पर भोजन के बाद वे आगे बढ़े और सोन नहर के किनारे से पटना की ओर जाएंगे.

aurangabad
मजदूरों ने बताई आपबीती

मदद के लिए आगे आये आरजेडी नेता
साइकिल से भागलपुर के सुल्तानगंज और खगड़िया जा रहे मजदूरों ने बताया कि अब उनके पास एक रुपया भी नहीं बचा है. इनकी परेशानी को देखते हुए स्थानीय राजद अध्यक्ष बिजेंद्र यादव ने सभी को नकद 500-500 रुपये की राशि देकर आगे विदा किया. पैसे मिलने के बाद मजदूरों के चेहरे पर खुशी दिखी और वे अपने सफर पर आगे बढ़ गए. उन्होंने राजद नेता का धन्यवाद किया.

औरंगाबाद: लॉकडाउन 4.0 में सरकार मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है. साथ ही बसों की भी व्यवस्था की गई है. बावजूद इसके मजदूरों का पैदल आना जारी है. आज भी पैदल और साइकिल पर सवार कई प्रवासी सड़कों पर देखे जा रहे हैं. जिले में रोजाना लगभग सैकड़ों की संख्या में मजदूरों को अपने घर वापसी के लिए साइकिल या पैदल देखा जाता है.

इसी क्रम में राजेश सदा और रंजन कुमार समेत 9 मजदूर पिछले 18 मई को पंजाब के मुक्तसर से भागलपुर और आसपास के जिलों के लिए निकले हैं. ये सभी तपती गर्मी में साइकिल के सहारे हजारों किमी का सफर नाप रहे हैं. मजदूर सदा ने बताया कि वे लोग वहां राइस मिल में काम करते थे. जहां 23 मार्च के बाद काम बंद है. जमापूंजी से वे किसी तरह 17 मई तक वहां रुके. लेकिन, आगे रुकना संभव नहीं था. ऐसे में उन्होंने साइकिल खरीदी और घर के लिए निकल पड़े.

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साइकिल से घर जा रहे मजदूर

तय किया हजारों किमी का सफर
मजदूरों ने बताया कि वो साइकिल से ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज 1600 किलोमीटर के सफर पर जा रहे हैं. मजदूरों ने ये भी बताया कि यूपी पुलिस रास्ते में मजदूरों के साइकिल रखकर उन्हें वाहन से भेज रही थी. इससे बचने के लिए वे कई जगह ग्रामीण रास्तों से होकर आए हैं. उन्होंने बताया कि रास्ते में औरंगाबाद के बारूण में जीटी रोड पर स्थित चेकपोस्ट पर पुलिस ने भोजन कराया. चेक पोस्ट पर भोजन के बाद वे आगे बढ़े और सोन नहर के किनारे से पटना की ओर जाएंगे.

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मजदूरों ने बताई आपबीती

मदद के लिए आगे आये आरजेडी नेता
साइकिल से भागलपुर के सुल्तानगंज और खगड़िया जा रहे मजदूरों ने बताया कि अब उनके पास एक रुपया भी नहीं बचा है. इनकी परेशानी को देखते हुए स्थानीय राजद अध्यक्ष बिजेंद्र यादव ने सभी को नकद 500-500 रुपये की राशि देकर आगे विदा किया. पैसे मिलने के बाद मजदूरों के चेहरे पर खुशी दिखी और वे अपने सफर पर आगे बढ़ गए. उन्होंने राजद नेता का धन्यवाद किया.

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