औरंगाबाद: बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन ने जिले के मदनपुर प्रखंड कार्यालय में किसान और मजदूरों से संबंधित 11 सूत्री मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. धरना के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक मांग पत्र सौंपा गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार प्रदेश खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला सचिव महेंद्र यादव ने की.
मजदूरों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है. यह सरकार निकम्मी हो गई है. इसे किसानों की कोई चिंता नहीं है. जबकि अन्नदाता ही सभी का जीवन उद्धार करते हैं.
पेट भरने के लिए अनाज की जरूरत
जिला सचिव महेंद्र यादव ने कहा कि लोग कितना ही ऊंचा क्यों ना उठ जाएं, पेट भरने के लिए अनाज की ही जरूरत होगी. लॉकडाउन में किसानों को काफी समस्या उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि इन सभी समस्याओं को देखते हुए यूनियन ने सरकार से 11 सूत्री मांग की है. जिससे किसानों को सहयोग प्रदान होगी.
अगर सरकार इस मांग को मानकर किसानों के हित में कार्य करती है, तो किसानों के लिए अच्छा होगा और अगर नहीं मानती है तो चरणबद्ध तरीके से आगे भी आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान धरने में शामिल महिलाओं ने अपने गीतों के माध्यम से सरकार की नाकामी का जिक्र किया और अपनी मांगों को रखा.
संगठन के 11 सूत्री मांग इस प्रकार है:-
- तमाम खेतिहर मजदूरों को जॉब कार्ड निर्गत किया जाए.
- खेतिहर मजदूरों को एक वर्ष में 200 दिन काम की गारंटी दी जाए और प्रति मजदूर 500 रुपये की दर से मजदूरी निर्धारित की जाए.
- मनरेगा में व्याप्त अनियमितता और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए
- मजदूरों को काम नहीं मिलने पर प्रतिदिन ढाई सौ रूपया प्रति मजदूरों को बेकारी भत्ता दिया जाए.
- किसान-मजदूरों के सभी तरह के कर्ज को माफ किया जाए और अनुदानित दर पर कर दिया जाए.
- सभी गरीबों का राशन कार्ड बनाया जाए और परिवार के सभी सदस्य को 10 किलो अनाज वितरण किया जाए और जन वितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जाए.
- गैरमजरूआ जमीन को चिन्हित कर भूमिहीनों के बीच वितरण किया जाए.
- जमीन नहीं होने पर आवास के लिए 10 डिसमिल जमीन खरीद कर दिया जाए.
- परचाधारी को जमीन पर कब्जा दिलाया जाए.
- गैरमजरूआ जमीन पर बसे भूमिहीनों को अभिलंब बंदोबस्त कर वासिगत का पर्चा निर्गत किया जाए.
- संकट को अविलंब दूर किया जाए और अन्य स्थानीय समस्याओं का निदान किया जाए.