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औरंगाबादः सेंट्रल स्कूल बनाने के लिए मठ ने दान की जमीन, नीतीश सरकार नहीं दे रही NOC - महंत कन्हैया नंद पुरी

महंत ने कहा कि जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी गई है. लेकिन राज्य सरकार इसमें रोड़ा अटका रही है. वो एनओसी नहीं देना चाहती. जिससे बच्चों का भविष्य अधर में है.

औरंगाबाद
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Published : Jan 5, 2020, 8:15 AM IST

Updated : Jan 5, 2020, 8:22 AM IST

औरंगाबादः जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय प्रस्तावित है. सरकार से जमीन नहीं मिलने के कारण इसका निर्माण नहीं हो पा रहा था. फिर देवकुंड मठ के महंत ने स्कूल के लिए 5 एकड़ जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी, लेकिन सरकार से एनओसी नहीं मिलने के कारण स्कूल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो रहा है. जबकि केंद्र सरकार ने इसके लिए राशि भी जारी कर दिया है.

पिछड़ा है ये इलाका
मठ के महंत कन्हैया नंद पुरी ने कहा कि देवकुंड, हसपुरा और गोह का इलाका काफी पिछड़ा है. यहां की ज्यादातर आबादी पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लोगों की है. ऐसे में यदि यहां केंद्रीय विद्यालय बनता है तो इलाके के बच्चों का फायदा होगा. इसी सोच के साथ मठ ने स्कूल के लिए जमीन देने का फैसला लिया.

'शिक्षा और स्वास्थ्य मौलिक अधिकार'
महंत ने कहा कि जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी गई है. लेकिन राज्य सरकार इसमें रोड़ा अटका रही है. वो एनओसी नहीं देना चाहती. जिससे बच्चों का भविष्य अधर में है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य हमारे मौलिक अधिकार हैं. इसे सरकार को मुफ्त में उपलब्ध कराना चाहिए. ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

देवकुंड मठ के महंत कन्हैया नंद पुरी से खास बातचीत

ये भी पढ़ेंः इस मुद्दे पर लालू यादव के साथ खड़े हुए सुशील मोदी

मठ पहले भी दे चुका जमीन
बता दें कि इससे पहले भी देवकुंड मठ यहां आईटीआई कॉलेज और थाना भवन के निर्माण के लिए जमीन दान में दे चुका है. स्कूल के लिए दी गई जमीन को एनओसी दिए जाने की मांग को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में अनशन भी किया था.

औरंगाबादः जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय प्रस्तावित है. सरकार से जमीन नहीं मिलने के कारण इसका निर्माण नहीं हो पा रहा था. फिर देवकुंड मठ के महंत ने स्कूल के लिए 5 एकड़ जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी, लेकिन सरकार से एनओसी नहीं मिलने के कारण स्कूल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो रहा है. जबकि केंद्र सरकार ने इसके लिए राशि भी जारी कर दिया है.

पिछड़ा है ये इलाका
मठ के महंत कन्हैया नंद पुरी ने कहा कि देवकुंड, हसपुरा और गोह का इलाका काफी पिछड़ा है. यहां की ज्यादातर आबादी पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लोगों की है. ऐसे में यदि यहां केंद्रीय विद्यालय बनता है तो इलाके के बच्चों का फायदा होगा. इसी सोच के साथ मठ ने स्कूल के लिए जमीन देने का फैसला लिया.

'शिक्षा और स्वास्थ्य मौलिक अधिकार'
महंत ने कहा कि जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी गई है. लेकिन राज्य सरकार इसमें रोड़ा अटका रही है. वो एनओसी नहीं देना चाहती. जिससे बच्चों का भविष्य अधर में है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य हमारे मौलिक अधिकार हैं. इसे सरकार को मुफ्त में उपलब्ध कराना चाहिए. ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

देवकुंड मठ के महंत कन्हैया नंद पुरी से खास बातचीत

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मठ पहले भी दे चुका जमीन
बता दें कि इससे पहले भी देवकुंड मठ यहां आईटीआई कॉलेज और थाना भवन के निर्माण के लिए जमीन दान में दे चुका है. स्कूल के लिए दी गई जमीन को एनओसी दिए जाने की मांग को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में अनशन भी किया था.

Intro:संक्षिप्त- देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय बनाने के लिए जमीन नहीं थी। 5 एकड़ जमीन देवकुंड मठ के महंत ने दान कर दी। अब राज्य सरकार एनओसी नहीं दे रही है। इसी मांग को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पटना में उपवास भी रखा था।

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औरंगाबाद- जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय बनाने के लिए देवकुंड मठ के महंत कन्हैया नंद पुरी ने जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी थी लेकिन बिहार सरकार द्वारा एनओसी नहीं मिलने के कारण काम अधर में लटक गया। जबकि केंद्र सरकार ने इस विद्यालय के नाम पर राशि भी जारी कर दिए है । मठ के महंत कन्हैया नन्द पूरी इस विद्यालय के लिए एक बार फिर से आवाज़ उठाई है।


Body:देवकुंड मठ द्वारा सेंट्रल स्कूल बनाने के लिए दिए गए जमीन को लेकर मामला एक बार फिर तूल पकड़ता जा रहा है। देवकुंड के मठाधीश कन्हैया नन्द पुरी जी महाराज द्वारा दान में दिए गए जमीन पर आईटीआई कॉलेज और थाना भवन बन चुका है। लेकिन सेंट्रल स्कूल के लिए राज्य सरकार ने एनओसी नहीं दिया। राज्य सरकार द्वारा जमीन को एनओसी नहीं देने पर महंत ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उनके द्वारा दिए गए जमीन पर बिहार सरकार आईटीआई कॉलेज और थाना भवन का निर्माण करा सकती है तो फिर उनके द्वारा दिए गए जमीन पर सेंट्रल स्कूल क्यों नहीं बन सकती ।

बहुत पहले हो गई थी जमीन की रजिस्ट्री

देवकुंड मठ के महंत कन्हैया नन्द पूरी ने ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में बताया कि जमीन काफी पहले ही राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी थी जब उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय मंत्री थे। लेकिन बिहार सरकार द्वारा एनओसी नहीं दिया जा रहा है । उन्होंने बताया कि देवकुंड, हसपुरा और गोह के बीच का यह पिछड़ा इलाका है जो कि बिहार के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है । यहां की अधिकतर आबादी भी पिछड़े और अति पिछड़ी जातियों से आते हैं ।अगर ऐसे में यहां सेंट्रल विद्यालय बनता है तो इसका फायदा स्थानीय लोगों को बखूबी मिलता। लेकिन बिहार सरकार के अड़ंगा लगाने वाली रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है और जमीन मठ द्वारा देने के बावजूद भी बिहार सरकार द्वारा एनओसी नहीं देना कहीं ना कहीं राजनीति के कारण स्थानीय लोगों को एक अच्छे विद्यालय से वंचित करता है।


Conclusion:महंत की बातों में सच्चाई दिखती है । वैसे भी शिक्षा और स्वास्थ्य जितना बेहतर हो उतना ही अच्छा । इसमें किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए।

बाइट- महंत कन्हैया नन्दन पूरी गोस्वामी
Last Updated : Jan 5, 2020, 8:22 AM IST
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