औरंगाबादः जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय प्रस्तावित है. सरकार से जमीन नहीं मिलने के कारण इसका निर्माण नहीं हो पा रहा था. फिर देवकुंड मठ के महंत ने स्कूल के लिए 5 एकड़ जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी, लेकिन सरकार से एनओसी नहीं मिलने के कारण स्कूल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो रहा है. जबकि केंद्र सरकार ने इसके लिए राशि भी जारी कर दिया है.
पिछड़ा है ये इलाका
मठ के महंत कन्हैया नंद पुरी ने कहा कि देवकुंड, हसपुरा और गोह का इलाका काफी पिछड़ा है. यहां की ज्यादातर आबादी पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लोगों की है. ऐसे में यदि यहां केंद्रीय विद्यालय बनता है तो इलाके के बच्चों का फायदा होगा. इसी सोच के साथ मठ ने स्कूल के लिए जमीन देने का फैसला लिया.
'शिक्षा और स्वास्थ्य मौलिक अधिकार'
महंत ने कहा कि जमीन राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री कर दी गई है. लेकिन राज्य सरकार इसमें रोड़ा अटका रही है. वो एनओसी नहीं देना चाहती. जिससे बच्चों का भविष्य अधर में है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य हमारे मौलिक अधिकार हैं. इसे सरकार को मुफ्त में उपलब्ध कराना चाहिए. ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
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मठ पहले भी दे चुका जमीन
बता दें कि इससे पहले भी देवकुंड मठ यहां आईटीआई कॉलेज और थाना भवन के निर्माण के लिए जमीन दान में दे चुका है. स्कूल के लिए दी गई जमीन को एनओसी दिए जाने की मांग को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में अनशन भी किया था.