औरंगाबाद: लॉक डाउन के कारण जिले के किसान इन दिनों अपनी फसल काटने को लेकर परेशान हैं. शुरुआत में फसल काटने की मशीनें और ऑपरेटर जो दूसरे राज्यों खासकर पंजाब से आते थे. इस बार नहीं आ सके हैं. इसके अलावा मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. इस कारण कुछ छोटे किसानों ने आपसी सहमति से एक दूसरे की फसल काटने का काम शुरू कर दिया है.
कोविड-19 का भारत में संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए लॉक डाउन का खामियाजा सिर्फ अन्य क्षेत्र ही नहीं बल्कि कृषि क्षेत्र भी भुगत रहा है. जिले में रबी की फसल को काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. रबी की फसल, दलहन और खासकर गेहूं की फसल आज खेत में खड़े-खड़े झड़ रहे हैं. लेकिन ना ही फसल काटने की मशीन पहुंच सकी है और ना ही मजदूर पहुंच रहे हैं. इस कारण से किसानों में घोर निराशा का भाव है.
छोटे किसान कर रहे आपसी साझेदारी
कुछ किसान आपसी समझदारी का परिचय देते हुए एक-दूसरे की खेत की फसल काट रहे हैं. जिसे स्थानीय बोलचाल की भाषा में बदलैन कहा जाता है. बारुण प्रखण्ड के किसान कमल किशोर सिंह और विनय सिंह बताते हैं कि छोटे किसानों में अधिकतर यह साझेदारी शुरू हुई है जो मजदूर नहीं आने के कारण आपस में ही मिलकर एक दूसरे के खेत को काट रहे हैं. ऐसा करने से फसल खलिहान तक पहुंच सकती है.
कोरोना संक्रमण से सचेत पुलिस
हालांकि सरकार द्वारा लॉक डाउन की स्थिति में कृषि यंत्रों की आवाजाही और खेतों में 6 फुट की दूरी पर काम करने को लेकर के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. लेकिन पुलिस द्वारा पूर्व में ही मशीनें रोके जाने और खेतों में जाकर मजदूरों की पिटाई करने के बाद सचेत हो गई थी. जिसके बाद से खेत में जाने से मना किया जा रहा है.