औरंगाबाद: 3 साल पहले बिहार के औरंगाबाद में 12 वर्षीय बच्चे की हत्या कर दी गई थी. अब इस मामले में औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय ने आरोपी जीजा और साले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है. मामला जिले के जम्होर थाना क्षेत्र का है.
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हत्याकांड में दो आरोपियों को उम्रकैद: औरंगाबाद सिविल कोर्ट में एडीजे प्रथम पंकज मिश्रा ने जम्होर थाना कांड संख्या -32/20 में सजा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए भारतीय दंड विधि की धारा 302 ओर 201 में 05/09/23 को दोषी ठहराए गए अभियुक्तों को सजा सुनाई है. स्पेशल पीपी रविंद्र कुमार ने बताया कि जम्होर थाना के ग्राम मखरा के रहने वाले अभियुक्त कपिल पासवान और बारुण थाना क्षेत्र के मंगरहिया गांव निवासी सुनील पासवान को भारतीय दंड विधि की धारा 302 में आजीवन कारावास और पचास हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. वहीं भारतीय दंड विधि की धारा 201 में 3 साल की सजा और 20 हजार जुर्माना लगाया गया है.
क्रिकेट खेलने गए बच्चे की मिली थी लाश: अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक जम्होर थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने शख्स ने 12 जून 2020 को प्राथमिकी में कहा था कि उनका बारह साल का पुत्र क्रिकेट देखने गया था. सुबह में उसकी लाश पास के खेत में मिली थी. उसके गर्दन पर काले निशान थे, उसका पोस्टमार्टम भी कराया गया था. संदेह के आधार पर गांव के ही कुछ लड़कों को नामजद किया था.
आरोपी जीजा-साले को आजीवन कारावास: जम्होर के तत्कालीन थानाध्यक्ष शमीम अहमद ने अनुसंधान के क्रम में घटनास्थल से गैर नामजद कपिल पासवान का वोटर कार्ड जब्त किया था. फिर नये सिरे से जांच कर कपिल पासवान और सुनील पासवान पर आरोप पत्र 31 जुलाई 2020 को न्यायालय में पेश किया था. दोनों अभियुक्त आपस में रिश्ते में साला-बहनोई हैं. उसी दौरान क्रिकेट खेलने गए एक 12 वर्षीय बच्चे की हत्या मामले में आरोपी जीजा और साले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है.
मां से अवैध संबंध में बेटे की हत्या: बताया जाता है कि आरोपी जीजा और साले का लड़के के मां के साथ अवैध संबंध थे. इस संबंध में लड़का बाधक बन रहा था, इसलिए उसे रास्ते से हटा दिया. बाद में जम्होर के तत्कालीन थानाध्यक्ष शमीम अहमद ने अनुसंधान के क्रम में घटनास्थल से गैर नामजद कपिल पासवान का वोटर कार्ड जब्त किया था. फिर नये सिरे से जांच कर कपिल पासवान और सुनील पासवान पर आरोप पत्र 31 जुलाई 2020 को न्यायालय में पेश किया था. दोनों अभियुक्त आपस में रिश्ते में साला-बहनोई हैं.