औरंगाबादः ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. 11 फरवरी को एनजीटी के मानकों को ताक पर रखकर बालू माफियाओं द्वारा सोन और बटाने नदी से बालू के अवैध उत्खनन की खबर प्रमुखता से दिखाई गई थी. जिसके बाद हरकत में आये खनन महकमे ने बालू के अवैध कारोबारी पर 58 लाख का जुर्माना लगाया है.
बालू माफिया इस हद तक बेखौफ हो चुके हैं कि अवैध उत्खनन और उसके परिवहन की कौन कहे. प्रशासन के नाक के नीचे एनजीटी के प्रावधानों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इसे लेकर खनन महकमे ने महुआंव घाट पर छापामारी कर बालू के अवैध परिवहन के रास्तों को कटवा दिया है.
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कोर्ट में है मामला
औरंगाबाद के जिला खनन पदाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करा दी है. अवैध खनन के खिलाफ लगभग 58 लाख रुपया जुर्माना लगाया गया है. और अब मामला कोर्ट में है. कोर्ट के आदेशानुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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बटाने नदी पर बनाया गया अवैध घाट
बता दें कि बालू के इस काले धंधे में शामिल बालू माफिया जिले की सोन और बटाने नदी पर कई अवैध घाट बनाकर बड़ी ही बेरहमी से इनका दोहन कर रहे हैं. लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. ऐसे में अब लोग बालू के इन काले कारोबारियों के साथ पुलिस और खनन विभाग की मिलीभगत के आरोप भी लगाने लगे हैं. लेकिन खनन विभाग कि इस कार्रवाई से अवैध खनन बालू माफियाओं में हड़कंप है.