भोजपुरः समाधान यात्रा के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Samadhan Yatra in Bhojpur) आज 19 जनवरी को भोजपुर के दौरे पर हैं. इस दौरान शहर में होने वाले कार्यक्रम की वजह से महादलितों के घरों को बैरिकेडिंग (Barricading Infront of Mahadalit House In Arrah) कर कपड़े से ढक दिया गया है, या यूं कहें कि उनको बैरिकेडिंग के पीछे कैद कर दिया गया है. उनके आने-जाने के रास्ते तक बंद हैं, ताकि ये गरीब अपने मुखिया की एक झलक तक ना देख सकें और ना ही सीएम शहर के हालात से रू-ब-रू हों सकें.
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जीविका दीदियों से सीएम करेंगे सवांदः दरअसल समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री का शहर में कई कार्यक्रम होने वाले है. इस बीच वो महादलित इलाके के पास से होकर भी गुजरेगें. सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सक्कड़ी, धनडीहा और तीर्थकोल गांव में अलग-अलग योजनाओं का निरीक्षण करेंगे उसके बाद आरा के नागरी प्रचारिणी सभागार में जीविका दीदियों के हैंड मेड क्राफ्ट का अवलोकन करेंगे और जीविका दीदियों से सवांद करेंगे.
महादलितों के घर की बास और बल्ले से बैरिकेडिंगः आपको बता दें कि जिस नागरी प्रचारिणी सभागर में सीएम आने वाले हैं, उसके पास रहने वाले महादलितों और उनके घरों को छुपाने के लिए टेंट के कपड़ों से ढक दिया गया है. उनके घर के बाहर बास और बल्ले से बैरिकेडिंग की गई है. बैरिकेडिंग लगने के वजह से सैकड़ों महादलित एक तरफ कैद हो गए हैं. उनके लिए घर के अंदर और बाहर जाने तक का रास्ता नहीं छोड़ा गया है.
परेशान हैं महादलित बस्ती के लोगः जब इस सिलसिले में ईटीवी भारत के संवाददाता ने उनसे बात की तो उनलोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री की वजह से हमलोग को कैद कर दिया गया है. हमलोग ना ड्यूटी जा सकते हैं, ना हम लोग शौच के लिए बाहर निकल सकते हैं. हमलोग के लिए एक जगह चापाकल है, जहां से पानी लेने जाते हैं लेकिन पानी भी नहीं ले सकते. भुवर राम नाम के एक व्यक्ति हैं, जिनका घर और परिवार इस बैरिकेडिंग के वजह से फंसा हुआ है.
'हमलोगों की वजह मुख्यमंत्री के कुर्सी पर बैठे नीतीश' : एक अन्य युवक मनोज रावत भी मौके पर मौजूद था, उसने कहा कि- "हमलोग की वजह से ही वो मुख्यमंत्री के कुर्सी पर बैठे हैं. लेकिन आज हमलोगों को नजरअंदाज कर कार्यक्रम से दूर कर दिया गया और एक तरफ जेल की तरह रख दिया गया है. हमारी समस्या का समधान तो नहीं निकाला गया लेकिन हमें कैद जरूर कर दिया गया".
"मुख्यमंत्री आने वाले हैं तो देखिए ना हमलोगों को कैद कर दिया गया है. हमलोग अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराना चाहते थे, लेकिन यहां तो उनकी वजह से कैद होना पड़ गया. हम ना ड्यूटी जा सकते हैं, ना हम लोग शौच के लिए बाहर निकल सकते हैं. कई सालों से हमलोग इस जगह पर रहते हैं. आज तक हमारे मकान को पक्का नहीं किया गया. आज तक हमारे लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई"- भुवर राम, स्थानीय