भोजपुर: जिले के गीधा इंडस्ट्रियल एरिया के 3 किलोमीटर के क्षेत्र में वायु, जल प्रदूषण से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी और कचरे ने एक जहरीले तालाब का रूप ले लिया है.
बदबू से लोगों का जीना मुहाल
जहरीले तालाब ने क्षेत्र के लोगों के जीवन पर बुरा असर डाला है. तालाब के आसपास बदबू ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. इंसान तो क्या जानवरों ने भी जहरीले पानी के चलते अपना ठिकाना बदल लिया है. स्थानीय बताते हैं कि इस जहरीले तालाब का पानी पीने वाले या इसमें गिरने वाले जानवर की मौत तक हो जाती है. ऐसे दर्जनों घटनाएं घट चुकी हैं.
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आसपास का भू-जल भी हुआ प्रदूषित
वहीं, तालाब के आसपास के खेत में लगी फसलें भी सूख जाती हैं. राहगीर श्याम बाबू ने बताया कि पेपर मिल से निकलता काला धुआं लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है. जिससे क्षेत्र में रहने वाले लोग अस्थमा और सांस संबंधित बीमारी के चपेट में आ रहे हैं. वहीं, हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि आसपास के चापाकल में भी दुर्गंध युक्त पानी आ रहा है. फैक्ट्री से निकलता काला धुआं और कचरा से बहुत परेशानी हो रही है.
विधायक ने सदन में उठाया था प्रश्न
इस रास्ते से गुजरने वाले लोगो को सांस की बीमारी, आंख का लाल होना लगातार जारी है. जहरीले तालाब के पास इतना दुर्गंध है कि क्षेत्र से गुजरने वाले लोग नाक पर रूमाल, गमछा लपेटकर ही आने जाने में भलाई समझते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि बरहरा के राजद विधायक सरोज यादव को इसकी लिखित शिकायत की गई थी. मामले को गंभीरता से देखते हुए विधायक ने विधानसभा में 11 जुलाई 2019 को तारांकित प्रश्न और 13 जुलाई को शून्यकाल में मामला उठाया था. बावजूद इसके सरकार प्रदूषण को लेकर कोई संज्ञान नहीं ले रही है.