आरा: दानापुर रेल मंडल के कोइलवर सोन नदी पर बने अब्दुल बारी पुल के साथ इस कोइलवर स्टेशन से रेलवे को हर महीने लाखों का राजस्व प्राप्त होता है. बावजूद इसके कोइलवर स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज नहीं बन सका है. इसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है. अक्सर ट्रैक पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो जाती है तो कई घायल हो जाते हैं.
हर वक्त बना होता है खतरा
कोईलवर स्टेशन की बात करें तो बिहार का इकलौता मानसिक आरोग्यशाला, सीआरपीएफ 47 बटालियन का मुख्यालय, गीधा औद्योगिक क्षेत्र, गौरया घाट स्थित बाबा दिनेश्वर नाथ धाम, बखोरापुर मां काली मंदिर जाने का ये एकलौता स्टेशन है. यहां से उतरकर लोग इन जगहों पर आते-जाते हैं. इसके साथ ही भाड़ी संख्या में बच्चे भी पढ़ाई के लिए आरा और पटना आते जाते हैं. वही पटना सचिवालय में काम करने वाले कर्मी भी रोजाना ट्रेन से आवाजाही करते हैं. बावजूद इसके कोईलवर स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज नहीं है. इससे हर वक्त खतरा बना होता है.
स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं का है अभाव
जब डाउन और अप लाइन पर गाड़ियां एक साथ आ जाती है,उस वक्त लोगों की मुसीबत और ज्यादा बढ़ जाती है. इससे लोग एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं. वहीं यात्रियों की माने तो कोइलवर स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएं लोगों को नहीं मिल रही है. न स्टेशन पर शौचालय की व्यवस्था है न ही अच्छे पानी की. लाखों का राजस्व देने वाला कोइलवर का यह स्टेशन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस बारे में स्टेशन पर तैनात बुकिंग क्लर्क से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने ऑन कैमरा कुछ भी कहने से इंकार किया.