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करोड़ों की लागत से अस्पताल तो बन गया.. लेकिन नहीं आते हैं डॉक्टर, बना मवेशियों का अड्डा

भोजपुर में करोड़ों की लागत से बने नए अस्पताल में डॉक्टरों की बहाली तो हो गयी, लेकिन अब तक डॉक्टर यहां आए नहीं हैं. फिलहाल इस अस्पताल की शोभा मवेशी बढ़ा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

भोजपुर जिले का नया स्वास्थ्य केंद्र
भोजपुर जिले का नया स्वास्थ्य केंद्र
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Published : Oct 6, 2021, 11:18 AM IST

भोजपुर: सरकार (Government) अस्पतालों को हाईटेक बनाने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. ग्रामीण इलाके में बने स्वास्थ्य केंद्रों की हालत और भी खराब है. कहीं डॉक्टर (Doctor) है, तो भवन नहीं है और कहीं भवन है, तो डॉक्टर नहीं. ऐसा ही एक मामला भोजपुर (Bhojpur) जिले के कोइलवर प्रखंड (Koilwar Block) के बिंदगांवा का है. जहां करोड़ों की लागत से बना स्वास्थ केंद्र मवेशियों के लिए तबेला बनकर रह गया है.

ये भी पढ़ें:PMCH के वर्ल्ड क्लास होने का दावा फेल, अव्यवस्थाओं के चलते मरीज परेशान

प्रखंड क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में तो स्वास्थ्य केंद्रों की हालत और भी खराब है. दवाइयां और अन्य सुविधाओं का अभाव ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबक बना हुआ है. प्रखंड के श्रीपालपुर में सालों से कागजों पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. कभी कभार डॉक्टर अपना चेहरा दिखाने स्वास्थ्य केंद्र आ जाते हैं. वही प्रखंड के बिंदगांवा में बना दूसरा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी अब तक शुरू नहीं हुआ है.

देखें ये वीडियो

17 अगस्त 2019 को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भोजपुर जिले के कोइलवर प्रखण्ड के बिंदगावा में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए शिलान्यास किया था. जिस पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से दो साल में नये एडिशनल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन तैयार कर लिया गया. पिछले सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में दो डॉक्टर समेत 12 स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गई, लेकिन नये एडिशनल अस्पताल में डॉक्टर तो नहीं पहुंचे, फिलहाल यहां मवेशियों ने अपना बसेरा बना लिया है.

अस्पताल का प्रशासनिक भवन और डॉक्टरों के लिये बने घर में सिर्फ मवेशी दिखाई दे रहे हैं. जिसके चलते अस्पताल का बरामदा गन्दगी से भरा पड़ा है. इस सम्बंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने स्थानीय लोगों से बात की तो ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल बन गया है, लेकिन कब से डॉक्टर आएंगे इसकी जानकारी नहीं है. जानकारी के मुताबिक सितंबर महीने में सीएस के निर्देश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोईलवर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंजू सिन्हा के द्वारा दो डॉक्टर और एएनएम को तिथिवार रोस्टर के अनुसार ड्यूटी बांटी गई है. लेकिन स्वास्थ्य केंद्र पर ना डॉक्टर आ रहे हैं और ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मी जा रहा है. जिससे क्षेत्र के लोगों को 30 किलोमीटर दूर आरा नहीं तो 12 किलोमीटर दूर कोइलवर इलाज के लिए जाना पड़ रहा है.

जानकारी के मुताबिक किसी भी एडिशनल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन डॉक्टर, एक जीएनएम, दो एएनएम, लिपिक, चतुर्थवर्गीय कर्मी और फार्मासिस्ट की ड्यूटी लगती है, लेकिन नये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की शोभा इन दिनों मवेशी बढ़ा रहे हैं. बता दें कि प्रखंड में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 27 उपस्वास्थ्य केंद्र हैं. जिसमें से कई उपस्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

वहीं जब इस संबंध में मोबाइल से कोइलवर पीएचसी प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है. जल्द ही अस्पताल का ओपीडी शुरू हो जाएगा.

ये भी पढ़ें:भवन निर्माण के बाद भी नहीं चालू हुआ उप स्वास्थ्य केंद्र, लोगों की टूटी आस

भोजपुर: सरकार (Government) अस्पतालों को हाईटेक बनाने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. ग्रामीण इलाके में बने स्वास्थ्य केंद्रों की हालत और भी खराब है. कहीं डॉक्टर (Doctor) है, तो भवन नहीं है और कहीं भवन है, तो डॉक्टर नहीं. ऐसा ही एक मामला भोजपुर (Bhojpur) जिले के कोइलवर प्रखंड (Koilwar Block) के बिंदगांवा का है. जहां करोड़ों की लागत से बना स्वास्थ केंद्र मवेशियों के लिए तबेला बनकर रह गया है.

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प्रखंड क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में तो स्वास्थ्य केंद्रों की हालत और भी खराब है. दवाइयां और अन्य सुविधाओं का अभाव ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबक बना हुआ है. प्रखंड के श्रीपालपुर में सालों से कागजों पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है. कभी कभार डॉक्टर अपना चेहरा दिखाने स्वास्थ्य केंद्र आ जाते हैं. वही प्रखंड के बिंदगांवा में बना दूसरा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी अब तक शुरू नहीं हुआ है.

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17 अगस्त 2019 को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भोजपुर जिले के कोइलवर प्रखण्ड के बिंदगावा में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए शिलान्यास किया था. जिस पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से दो साल में नये एडिशनल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन तैयार कर लिया गया. पिछले सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में दो डॉक्टर समेत 12 स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गई, लेकिन नये एडिशनल अस्पताल में डॉक्टर तो नहीं पहुंचे, फिलहाल यहां मवेशियों ने अपना बसेरा बना लिया है.

अस्पताल का प्रशासनिक भवन और डॉक्टरों के लिये बने घर में सिर्फ मवेशी दिखाई दे रहे हैं. जिसके चलते अस्पताल का बरामदा गन्दगी से भरा पड़ा है. इस सम्बंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने स्थानीय लोगों से बात की तो ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल बन गया है, लेकिन कब से डॉक्टर आएंगे इसकी जानकारी नहीं है. जानकारी के मुताबिक सितंबर महीने में सीएस के निर्देश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोईलवर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंजू सिन्हा के द्वारा दो डॉक्टर और एएनएम को तिथिवार रोस्टर के अनुसार ड्यूटी बांटी गई है. लेकिन स्वास्थ्य केंद्र पर ना डॉक्टर आ रहे हैं और ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मी जा रहा है. जिससे क्षेत्र के लोगों को 30 किलोमीटर दूर आरा नहीं तो 12 किलोमीटर दूर कोइलवर इलाज के लिए जाना पड़ रहा है.

जानकारी के मुताबिक किसी भी एडिशनल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन डॉक्टर, एक जीएनएम, दो एएनएम, लिपिक, चतुर्थवर्गीय कर्मी और फार्मासिस्ट की ड्यूटी लगती है, लेकिन नये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की शोभा इन दिनों मवेशी बढ़ा रहे हैं. बता दें कि प्रखंड में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 27 उपस्वास्थ्य केंद्र हैं. जिसमें से कई उपस्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

वहीं जब इस संबंध में मोबाइल से कोइलवर पीएचसी प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है. जल्द ही अस्पताल का ओपीडी शुरू हो जाएगा.

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