भोजपुर: एक बार फिर भोजपुर का कोइलवर इतिहास रचने वाला है. भोजपुर और समस्त बिहार की जीवन रेखा कहलाने वाले सोन नदी पर कोइलवर अवस्थित ऐतिहासिक अब्दुलबारी पुल के समानांतर दूसरा ऐतिहासिक पुल बन कर तैयार है. बता दें कोइलवर अब्दुल बारी पुल पर रोजाना महाजाम से लोगों को जल्द छुटकारा मिलने वाला है.
जाम से मिलेगी राहत
सोन नदी पर बन रहे नये 6 लेन पुल का बायां लेन लगभग बनकर तैयार हो गया है. पुल का निर्माण होने से अब सड़क यातायात पूरी तरह से इस नए पुल पर शिफ्ट हो जाएगा. वहीं रेल का परिचालन पुराने अब्दुल बारी पुल से ही जारी रहेगा. नया पुल बन जाने से अब्दुल बारी पुल और इससे संबंधित आरा-पटना एनएच 30, आरा-छपरा गंगा पुल रोड समेत अन्य लिंक रोड़ों में जाम से राहत मिलेगी.
कोरोना से निर्माण कार्य बाधित
जानकारी के अनुसार निर्माण कार्य की शुरुआत 22 जुलाई 2017 को आरा के सांसद आरके सिंह ने की थी. नवनिर्माण कार्य में लगे एक इंजीनियर की माने तो नव निर्मित 6 लेन पुल का एक लेन 31 मार्च 2020 तक कंप्लीट हो जाना था. लेकिन कोरोना जैसी महामारी से निर्माण कार्य पूरी तरह बाधित था. पुनः निर्माण कार्य में तेजी आया है और अनुमानतः अगस्त माह के अंतिम में पूरा हो जाएगा.
194 करोड़ की लागत
मैनेजर प्लानिंग एस.के राज ने निर्माण कार्य की जानकारी देते हुए बताया कि 1.528 किलोमीटर लंबे इस पुल में कुल 74 स्पेन होंगे. जो पुल को मजबूती देंगे. पुराने अब्दुल बारी पुल से करीब 500 मीटर दक्षिण की ओर ये नया पुल बन रहा है. 194 करोड़ की लागत से बन रहा ये पुल 6 लेन पुल होगा.
नए पुल की लंबाई 1528 मीटर
मैनेजर प्लानिंग ने बताया कि निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. जानकारी के अनुसार सोन नदी में 1862 में बने कोइलवर के अब्दुल बारी पुल के ऊपरी लेन से अबतक रेलगाड़ियां गुजरती हैं. इसी पुल के नीचे चारपहिया वाहन भी चलते हैं. इस पुल की कुल लंबाई 1440 मीटर है. नए पुल की लंबाई 1528 मीटर होगी.
बिहार की दूसरी जीवनरेखा
स्थानीय लोगों का भी मानना है कि नए पुल के बन जाने से भोजपुर वासियों को जाम से जरूर निजात मिलेगी. यह पुल बिहार की दूसरी जीवनरेखा साबित होगी. बिहार को उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से जोड़ने वाला ये पुल राज्य के कई जिलों के लोगों के लिये आशा की किरण लेकर आया है. जो घंटों और कई बार दिन के जाम में फंस कर जीवन तक गंवा बैठते थे और कोई विकल्प नहीं था.
31 अगस्त तक शुरू होने की संभावना
अब राज्य सरकार यदि बालू के ट्रकों की अराजकता और रोड जाम करने की उनकी प्रवृति पर रोक लगा पाई तो, यह पुल बिहार और भोजपुर समेत आरा, छपरा और पटना के नागरिकों के लिये वरदान साबित होगा. इस पुल को 31 अगस्त तक चालू कर दिये जाने की संभावना है. जनता और प्रशासन दोनों को इस ऐतिहासिक पल का इंतजार है.