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बिहार का बदहाल स्वास्थ्य सिस्टम! आरा सदर अस्पताल में बेटी को नहीं मिला स्ट्रेचर.. गोद में लेकर दौड़ता रहा पिता - etv bharat

भोजपुर के आरा सदर अस्पताल में लापरवाही (Arrah Sadar Hospital) देखने को मिली. जहां एक पिता सड़क हादसे में घायल अपनी बच्ची के लिए भटकता दिखाई दिया. पिता को अपनी बच्ची के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिली. जिसके बाद पिता अपनी बेटी को गोद में लेकर ही दौड़ लगाता रहा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

भोजपुर के आरा सदर अस्पताल में लापरवाही
भोजपुर के आरा सदर अस्पताल में लापरवाही
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Published : Apr 30, 2022, 5:53 PM IST

भोजपुर: भोजपुर का आरा सदर अस्पताल (Negligence in Arrah Sadar Hospital) से एक बार फिर लापरवाही की तस्वीरें सामने आई हैं. जहां एक पिता अपनी 6 साल की बेटी के इलाज के लिए सदर अस्पताल का चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसकी मदद के लिए कोई सामने नहीं आया. आंखें नम कर देने वाली ये तस्वीर आरा सदर अस्पताल की है.

ये भी पढ़ें- बिहार का लचर हेल्थ सिस्टम! झुलसी पत्नी को गोद में लिए दौड़ता रहा पति.. नहीं मिला स्ट्रेचर

अस्पताल में बच्ची को नहीं मिली स्ट्रेचर: दरअसल, आरा शहर के रामगढ़िया निवासी मुन्ना केसरी फेरी लगाकर बिस्किट का कारोबार करता है. जिसकी 6 साल की बेटी शिवन्या केसरी अपने घर के बाहर गली में खेल रही थी. तभी एक तेज रफ्तार बाइक ने उसे टक्कर मार दी, जिससे उसका पैर टूट गया. शिवन्या के माता-पिता उसे बेहोशी की हालत में उसे लेकर तत्काल आरा सदर अस्पताल पहुंचे. जहां शुरुआती इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे बच्ची के पैर का एक्स रे कराने के लिए भेज दिया. जख्मी बच्ची के पिता ने बच्ची को ले जाने के लिए स्ट्रेचर खोजा, लेकिन किसी ने उसे स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराई.

बेटी को गोद में लेकर दौड़ता रहा पिता: बच्ची की तबीयत बिगड़ती देख मजबूर पिता उसे गोद मे लेकर ही एक्स रे कराने के लिए काफी देर तक सदर अस्पताल के चक्कर लगाता रहा. बच्ची को गोद में लेकर और काफी देर तक इधर-उधर का चक्कर लगाने के बाद जैसे-तैसे मजबूर पिता सदर अस्पताल के एक्स रे सेंटर पहुंचा, लेकिन यहां भी उसकी किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और लाइट चले जाने के कारण काफी देर के बाद बच्ची का एक्सरे हुआ.

''हमें मांगने पर भी स्ट्रेचर नहीं दिया गया. हमको तो बोला गया कि बाहर से जाकर एक्स रे करवाना होगा. एक्स रे करवाने के लिए हम बाहर आ गए. हमको तो जल्दी पहुंचना था, इसलिए बच्ची को गोद में लेकर ही पहुंचे. हमको सिस्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोई नहीं बताया कि स्ट्रेचर कहां मिलेगा. इसलिए हम बच्ची को गोद में लेकर ही दौड़ रहे थे.''- मुन्ना केसरी, जख्मी बच्ची का पिता

स्वास्थ्य व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती तस्वीर: इन दौरान उस मजबूर पिता को स्ट्रेचर तो क्या छोटी सी मदद देने की जहमत भी किसी स्वास्थ्यकर्मी ने नहीं दिखाई. बिहार के बदहाल स्वास्थ्य सिस्टम की तस्वीरें (Bihar Poor Health System) आरा सदर अस्पताल की है. जहां एक पिता अपनी बेटी को गोद मे लिए सदर अस्पताल में इधर-उधर भटक रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती आरा सदर अस्पताल की ये तस्वीर सर्मसार करने वाली है.

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भोजपुर: भोजपुर का आरा सदर अस्पताल (Negligence in Arrah Sadar Hospital) से एक बार फिर लापरवाही की तस्वीरें सामने आई हैं. जहां एक पिता अपनी 6 साल की बेटी के इलाज के लिए सदर अस्पताल का चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसकी मदद के लिए कोई सामने नहीं आया. आंखें नम कर देने वाली ये तस्वीर आरा सदर अस्पताल की है.

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अस्पताल में बच्ची को नहीं मिली स्ट्रेचर: दरअसल, आरा शहर के रामगढ़िया निवासी मुन्ना केसरी फेरी लगाकर बिस्किट का कारोबार करता है. जिसकी 6 साल की बेटी शिवन्या केसरी अपने घर के बाहर गली में खेल रही थी. तभी एक तेज रफ्तार बाइक ने उसे टक्कर मार दी, जिससे उसका पैर टूट गया. शिवन्या के माता-पिता उसे बेहोशी की हालत में उसे लेकर तत्काल आरा सदर अस्पताल पहुंचे. जहां शुरुआती इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे बच्ची के पैर का एक्स रे कराने के लिए भेज दिया. जख्मी बच्ची के पिता ने बच्ची को ले जाने के लिए स्ट्रेचर खोजा, लेकिन किसी ने उसे स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराई.

बेटी को गोद में लेकर दौड़ता रहा पिता: बच्ची की तबीयत बिगड़ती देख मजबूर पिता उसे गोद मे लेकर ही एक्स रे कराने के लिए काफी देर तक सदर अस्पताल के चक्कर लगाता रहा. बच्ची को गोद में लेकर और काफी देर तक इधर-उधर का चक्कर लगाने के बाद जैसे-तैसे मजबूर पिता सदर अस्पताल के एक्स रे सेंटर पहुंचा, लेकिन यहां भी उसकी किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और लाइट चले जाने के कारण काफी देर के बाद बच्ची का एक्सरे हुआ.

''हमें मांगने पर भी स्ट्रेचर नहीं दिया गया. हमको तो बोला गया कि बाहर से जाकर एक्स रे करवाना होगा. एक्स रे करवाने के लिए हम बाहर आ गए. हमको तो जल्दी पहुंचना था, इसलिए बच्ची को गोद में लेकर ही पहुंचे. हमको सिस्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोई नहीं बताया कि स्ट्रेचर कहां मिलेगा. इसलिए हम बच्ची को गोद में लेकर ही दौड़ रहे थे.''- मुन्ना केसरी, जख्मी बच्ची का पिता

स्वास्थ्य व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती तस्वीर: इन दौरान उस मजबूर पिता को स्ट्रेचर तो क्या छोटी सी मदद देने की जहमत भी किसी स्वास्थ्यकर्मी ने नहीं दिखाई. बिहार के बदहाल स्वास्थ्य सिस्टम की तस्वीरें (Bihar Poor Health System) आरा सदर अस्पताल की है. जहां एक पिता अपनी बेटी को गोद मे लिए सदर अस्पताल में इधर-उधर भटक रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती आरा सदर अस्पताल की ये तस्वीर सर्मसार करने वाली है.

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