भोजपुरः बिहार विधानसभा चुनाव का मौसम जबसे आया है तब से विधानसभा टिकट के दावेदार पटना की ओर दौड़ लगाना शुरु कर दिए है. लेकिन दौड़ में उनके साथ उदवंतनगर का खुरमा भी उनका बखुबी साथ दे रहा है. जानकार बता रहे हैं कि जिले के साथ-साथ विधानसभा प्रत्याशी अपने नेताओं को खुश करने के लिए टिकट की लालसा में तोहफे के तौर पर यहां का खुरमा ले जा रहे हैं. खुरमा को तोहफे के तौर पर देने में भोजपुर के हर दल के नेता शामिल है. चाहे वो जेडीयू हो, आरजेडी हो या लोजपा से ही क्यों ना हो.
बिहार विधानसभा चुनाव
देश-विदेश मशहूर है उदवंतनगर का खुरमा अनगढ़ शक्ल सूरत व ऊपर से दिखने में भले ही कठोर, मगर अंदर से सरस और मुलायम. ठीक वैसे ही जैसे भोजपुरिया लोग. बात कर रहे है भोजपुर के सबसे लोकप्रिय और स्वदिष्ट मिठाई उदवंतनगर के खुरमे की. खाने वालों को इसकी मीठास अपना मुरीद बना लेती है. शुद्धता की 100 फीसदी गारंटी देती. इसकी मिठास देश के विभिन्न नगरों से होती अब पटना में बैठे पार्टी सुप्रीमो को खुश करने में काम आ रही है.
प्रत्याशियों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है उदवंतनगर का खुरमा
करीब 100 वर्ष पूर्व इस अनगढ़ मिठाई के सफर की शुरूआत उदवंतनगर निवासी हलवाई स्व. उदित साह ने की थी. धीरे-धीरे खुरमा भोजपुरवासियों की पहली पसंद बन गई. एक निश्चित तौर पर छेना को चीनी के पाक में पकाने पर तैयार हुई, इस मिठास को लोगों ने खूब सराहा. उदवंतनगर में स्व. साह के परिजनों के अलावा अब अन्य लोग भी इस व्यवसाय से जुड़ गए है. उदवंतनगर के अलावा अन्य स्थानों पर भी खुरमा बनाई जाती है, पर उदवंतनगर के खुरमे की बात ही कुछ और है.