भोजपुर: सोन नदी (Son River) में बालू का अवैध खनन (Illegal Sand Mining) रोकने के लिए सरकार और पुलिस-प्रसाशन की ओर से हर संभव कार्रवाई हो रही है. इसको लेकर कई थाना प्रभारी समेत एसपी (SP) बदल दिये गये लेकिन फिर भी किसी चूक की वजह से बालू माफिया (Sand Mafia) अवैध बालू खनन करने में सफल हो रहे है. भोजपुर जिले में रविवार को एसपी के नितृत्व में कई घन्टे तक बालू घाटों पर छापेमारी (Raid) की गई. इस दौरान कई नावों को जब्त किया गया. साथ ही खनन कर रहे दर्जनों मजदूर पकड़े गये.
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अगले दिन सोमवार को एसडीएम और एसडीपीओ के नेतृत्व में फिर से घण्टों छापेमारी की गई लेकिन परिणाम फिर वही रहा. छापेमारी खत्म होते ही सैकड़ों की संख्या में नावें फिर से पीला सोना लूटने सोन नदी में उतर गई. इसका एक वीडियो भी समाने आया है जिसमें देखा जा रहा है कि शाम होते ही सैकड़ों नावें पीला सोना लूटने सोन नदी में उतरी हुई हैं. वीडियो सोमवार की शाम का बताया जा रहा है.
सोमवार को सदर एसडीएम वैभव श्रीवास्तव और सदर एसडीपीओ विनोद कुमार के नेतृत्व में छापेमारी के दौरान बालू लोड 18 नावें जब्त की गई थीं. छापेमारी के दौरान जिला पुलिस बल, सीआईएटी, स्टेट रैपिड एक्शन फोर्स, दंगा निरोधक दस्ता, आंसू गैस दस्ता, वज्र वाहन के साथ मुफस्सिल, कृष्णागढ़, सिन्हा, धोबहां, बड़हरा, कोइलवर और चांदी थाने के थानाध्यक्ष शामिल थे.
इससे पहले रविवार को एसपी विनय तिवारी के नेतृत्व में सोन नदी में करीब 11 घंटे तक की गई कार्रवाई में चार दर्जन मजदूर और तस्कर पकड़े गये थे. वहीं 9 नावें भी जब्त की गई थीं लेकिन इस कार्रवाई का कोई असर नहीं दिखा. रविवार को छापेमारी खत्म होने के दो घंटे बाद एक बार फिर सैकड़ों नाव गंगा नदी के रास्ते सोन नदी में पहुंच गयीं.
सोमवार दोपहर बाद एसडीएम वैभव श्रीवास्तव और एसडीपीओ विनोद कुमार पूरे दल बल के साथ नाव और स्टीमर के सहारे कोईलवर में सोन नदी में छापेमारी करने उतरे. देर शाम तक चली कार्रवाई में डेढ़ दर्जन से अधिक नावों को जब्त किया गया. अलग-अलग नाव व स्टीमर से टीम बनाकर छापेमारी करने उतरी टीम ने नदी के डाउन स्ट्रीम में सुरौधा, महादेवचक, सेमरिया, महुई महाल, कमालुचक, सेमरा, फुहां, बिन्दगांवा के दियारा इलाके तक सघन छापेमारी की.
कोईलवर सोन नदी में डिपिंग क्षेत्रों से शाम में नावें आती हैं. सोन नदी से नाव द्वारा उत्खनन किया गया बालू गंगा, सरयू और गंडक के रास्ते सारण, वैशाली, उतर बिहार और पूर्वांचल के जिलों तक पहुंच जाता है. प्रतिदिन दो से ढाई हजार नाव सोन नदी से बालू निकाल उसे जिलों और राज्य की सीमा से बाहर भेजा जाता है. इन नावों की लदान क्षमता 4 से 14 ट्रक तक ही होती है. छोटी नावों से 4 ट्रक और बड़ी नावों से 14 ट्रक से अधिक बालू का उठाव होता है. ऐसी ढाई से तीन हजार नावों से प्रतिदिन सोन से बालू की लूट होती है.
आपको बता दें की बालू खनन रोकने के लिए नीतीश सरकार सख्त कदम उठा रही है. बालू कार्रवाई में बड़े-बड़े अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. इसके बाद भी प्रशासन सोन नदी से पीला सोना लूट को रोक नहीं पा रहा है. पिछले दिनों भोजपुर के पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार दुबे को सिर्फ 3 महीने के अंदर ट्रांसफर कर पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया. इसके बाद से कयास लगाया जाने लगा कि बालू खनन रोकने में विफल होने पर एसपी का ट्रांसफर किया गया था. इसके अलावा कई थाना प्राभारियों का भी ट्रान्सफर किया गया था. इन सब के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है.
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