भोजपुर: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की प्रक्रिया चल रही है. इसके चलते गांवों में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने भोजपुर (Bhojpur) जिले के बड़हरा प्रखंड के पश्चिमी बबुरा पंचायत की स्थिति जानने की कोशिश की तो कई चौकाने वाली बातें सामने आईं. जहां वर्तमान मुखिया पार्वती देवी के काम से कई लोग असंतुष्ट दिखें तो कई लोगों ने उनके काम की सराहना की.
पश्चिमी बबुरा पंचायत की आबादी करीब 25 हजार है. इस पंचायत के परिसीमन में 6 गांव (बबुरा, दुसरियां, दोकरिया, कपूर दियरा, शिवनचक और कुतुबपुर के डेरा) शामिल हैं. हमने दुसरियां गांव का हाल जानने की कोशिश की तो पता चला कि मुखिया द्वारा जो गली नली का निर्माण कराया गया है उसकी गुणवत्ता सही नहीं है. गांव के बुजुर्ग जनेश्वर सिंह ने अपने हाथ में लिये लाठी से ही मुखिया के काम की पोल खोल दी.
कपूर दियरा गांव की ग्रामीण महिलाओं ने मुखिया पर आवास योजना में नजराना मांगने का भी आरोप लगा दिया. उनका कहना था कि आवास योजना में कर्मचारी और मुखिया की मिलीभगत से मोटी रकम की मांग की जा रही है. इस वजह से उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका. बबुरा गांव के लोगों ने मुखिया के काम की सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान मुखिया द्वारा किया गया काम सराहनीय है. चाहे गली नली की बात हो या फिर नल जल योजना.
आरोप प्रत्यारोप के इस दौर में जब वर्तमान मुखिया पार्वती देवी से उनके द्वारा किये गए काम के बारे में जानने की कोशिश की गई तो पता चला कि उनकी तबीयत खराब है. वह अस्पताल में भर्ती हैं. मुखिया के पति राज किशोर प्रसाद ने कहा, 'पंचायत के कुछ लोगों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे गलत हैं. इस पंचायत में जितना विकास हुआ है शायद ही पूरे प्रखंड के किसी भी पंचायत में हुआ होगा. सरकार की हर योजना का लाभ यहां के लोगों को मिला है. हर क्षेत्र में पंचायत का विकास हुआ है.'
बहरहाल बबुरा पश्चिमी पंचायत में जहां एक ओर मुखिया के काम से कुछ लोगों में नाराजगी है तो कुछ लोग सराहना भी कर रहे हैं. ऐसे में चुनावी मैदान में कूदे प्रत्याशियों के लिए जनता का विश्वास जीतना फिलहाल टेढ़ी खीर नजर आ रही है. बता दें कि भोजपुर में 10 चरणों में पंचायत चुनाव होने वाले हैं. दूसरे चरण के चुनाव के लिए कुछ जगह उम्मीदवारों द्वारा नामांकन का पर्चा भी भरा जा रहा है.
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