भोजपुर: जिले के बड़हरा प्रखंड के दर्जनों गांव इन दिनों गंगा के कटाव से दहशत में है. गंगा नदी के तेज बहाव के कारण इन दिनों बड़हरा के कई गांवों में भीषण कटाव हो रहा है. पिछले 25 से 30 साल के अंदर खेती करने वाली सैकड़ों एकड़ खेत गंगा में विलीन हो चुके हैं. इन सब गांवों के कई किसान अब भूमिहीन हो चुके है.
कटाव से ग्रामीणों में दहशत
बड़हरा प्रखंड के पिपरपति, अचरजटोला, केवटिया, बलुआ, मनीरा का टोला, शलेमपुर इसके अलावा भी कई ऐसे गांव है जहां दशकों से गंगा का कटाव हो रहा है. लेकिन अब तक प्रशासन ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे यहां के किसानों की जमीन को बचाया जा सके. प्रशासन ने कुछ साल पहले कुछ जगहों पर कटाव निरोधी कार्य किये थे, लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो वो सिर्फ प्रशासन और ठेकेदारों के द्वारा खानापूर्ति किया गया था.
सैकड़ों एकड़ खेत गंगा में विलीन
आज की परिस्थिति ऐसी है पिपरपति, अचरजटोला, केवटिया, बलुआ, मनीरा का टोला, शलेमपुर इन सभी गांवों में हर दिन एक एकड़ से ज्यादा खेत प्रत्येक गांवो में कट रहा है. मतलब लगभग एक दर्जन गांवों में करीब 12 एकड़ खेत हर दिन कट रहे हैं. बदनसीब किसान अपने खेतों को कटते हुए देखने के अलावा कुछ नहीं कर सकते.
ग्रामीणों के बेघर होने का डर
कुछ गांवों में स्थिति ऐसी है कि खेत कटते हुए गंगा अब गांव के बिल्कुल समीप आ चुकी है. आने वाले समय में सरकार और प्रशासन के द्वारा अगर कटाव रोकने सम्बंधित ठोस काम नहीं किया गया तो कई गांवों की हजारों आबादी बेघर हो सकते हैं.
प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा यहां सीमेंट का बांध बनाया जाय तब ही कहीं ये भीषण कटाव रुक सकता है. अन्यथा जिन बोरों में मिट्टी डालकर किनारों पर रखा जाता है वो किसी काम का नहीं है. कटाव पीड़ितों ने ईटीवी भारत के माध्यम से भोजपुर प्रशासन और बिहार सरकार से मांग की है कि या तो सरकार कटाव निरोधी ठोस कार्य करवाये अन्यथा ग्रामीणों को कहीं जमीन उपलब्ध कराए, ताकि वो नए जगह अपना बसेरा बना सके.