भोजपुरः बिहार में कोरोना महामारी के विस्फोट को सम्भालने की तैयारियों की पोल उस समय खुल गई. जब भोजपुर जिले का आईएसओ मानक उपाधि से नवाजा गया आरा सदर अस्पताल में बीती रात इमरजेंसी सेवा में भर्ती कोरोना मरीज की मौत उचित सुविधाओं के अभाव में हो गई. जिसके बाद अस्पताल परिसर में भगदड़ मच गया और डॉक्टर सहित सारे कर्मी इमरजेंसी सेवा छोड़कर भाग खड़े हुए.
सदर अस्पताल की स्थिति दयनीय
इस बाबत सिविल सर्जन एलपी झा से बात करने पर उन्होंने स्टॉफ के भाग जाने की बात से इंकार किया. उनके अनुसार मरीज को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. जांच करने पर उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. जिसके कारण उसे एनएमसीएच रेफर कर दिया गया. अटेंडेंट के मरीज को छोड़ कर भाग जाने के कारण मरीज समय से एनएमसीएच पटना नहीं भेजा जा सका और उसकी मृत्यु हो गई.
सदर अस्पताल में सुविधाओं का अभाव
समाजसेवी और जनसमस्या समाधान केंद्र, बबुरा के निदेशक डॉ० अनिल कुमार सिंह अनल ने जिला प्रशासन से कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुये सदर अस्पताल में चिकित्सा की समुचित व्यवस्था करने और वेंटिलेटर तुरंत उपलब्ध कराने की मांग की है.
जिला प्रशासन की तैयारियां नाकाफी
समाजसेवी ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन की कोरोना से निपटने की तैयारियों को नाकाफी बताते हुये कहा कि कोरोना से निपटने के लिये पीपीई किट, तुरंत कोरोना जांच की प्रभावी किट, सेनेटाइजेशन मशीनें, उचित मात्रा में जीवन रक्षक दवाइयां और वेंटिलेटर की सुविधा आवश्यक है, जो कि सदर अस्पताल आरा और अन्य जिला अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण गंभीर मरीजों की निर्भरता एनएमसीएच जैसे अस्पतालों पर बढ़ी है और वहां भी स्थान नहीं है. उन्होंने सभी नागरिकों से घर के भीतर रहने और बाहर जाने पर सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करने की अपील की है.