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भोजपुर: 24 आंगनबाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण वर्षों से अधूरा, लोगों के लिए बना डंपिंग ग्राउंड

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Published : Jan 22, 2021, 8:37 PM IST

तरारी प्रखंड में समेकित बाल विकास परियोजना का बुरा हाल है. इस प्रखंड में 24 आंगनबाड़ी केंद्र कई वर्षों से अधूरे पड़े हैं.

Anganwadi center building incomplete for years
Anganwadi center building incomplete for years

भोजपुर: जिले के तरारी प्रखंड में समेकित बाल विकास परियोजना का बुरा हाल है. इस प्रखंड में 24 आंगनबाड़ी केंद्र कई वर्षों से अधूरे पड़े हैं. वहीं इस तरफ विभाग का कोई ध्यान नहीं है. इन आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन निर्माण जिला पार्षद निधि और पंचायत राशि से होना था. जो अभी तक नहीं हो पाया है.

जिले के विशनपुरा गांव के वार्ड नम्बर 5 का आंगनबाड़ी केंद्र भवन करीब आठ सालों से अधूरा पड़ा है. निर्माणाधीन भवन का निर्माण अधूरा रहने के कारण यह ग्रामीणों का कूड़ा-कड़कट फेंकने की जगह बन गयी है. भवन नहीं होने के कारण दूसरे जगह किराए के मकान में आंगनबाड़ी केंद्र चलता है. जिसका किराया विभाग को 500 रु प्रति माह देना पड़ता है.

8 सालों से अधूरा पड़ा निर्माण कार्य
ग्रामीणों ने बताया कि भवन अभी तक क्यों अर्धनिर्मित है, इसका निर्माण क्यों नहीं हुआ, यह किसके फंड से बनेगा, किसी को मालूम नहीं है. दूसरी ओर बहादुरपुर, भकुरा, मोआप कला, कपुरडीहरा, धनगांवा सहित अन्य गांवों में अर्धनिर्मित भवन 6 से 8 वर्षों से निर्माण पूरा होने की बाट जोह रहे हैं. साथ ही जो अर्धनिर्मित भवन हैं, वे भी जर्जर होने की कगार पर हैं. जबकि, समेकित बाल विकास परियोजना द्वारा कई बार भवन निर्माण सबंधित रिपोर्ट विभाग को भेजी जा चुकी है.

ये भी पढ़ें:- मार्च से बंद हो जाएंगे 100 रुपये के पुराने नोट : आरबीआई

कई आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन अर्धनिर्मित
बता दें कि तरारी में कुल 223 आंगनबाड़ी केंद्र है. जिसमें 54 केंद्रों का अपना सरकारी भवन है. निर्माणाधीन भवनों की संख्या 24 है. कुल 26 केंद्र भवन के निर्माण के लिए एनओसी मिल चुका है. लेकिन भवन बनने के लिए कोई कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. वहीं, 119 आंगनबाड़ी केंद्रों का भूमि अभी तक उपलब्ध नहीं हुई है. इस बीच सीडीपीओ ने बताया कि भवन निर्माण संबंधित रिपोर्ट पूर्व में भेजी गई है.

भोजपुर: जिले के तरारी प्रखंड में समेकित बाल विकास परियोजना का बुरा हाल है. इस प्रखंड में 24 आंगनबाड़ी केंद्र कई वर्षों से अधूरे पड़े हैं. वहीं इस तरफ विभाग का कोई ध्यान नहीं है. इन आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन निर्माण जिला पार्षद निधि और पंचायत राशि से होना था. जो अभी तक नहीं हो पाया है.

जिले के विशनपुरा गांव के वार्ड नम्बर 5 का आंगनबाड़ी केंद्र भवन करीब आठ सालों से अधूरा पड़ा है. निर्माणाधीन भवन का निर्माण अधूरा रहने के कारण यह ग्रामीणों का कूड़ा-कड़कट फेंकने की जगह बन गयी है. भवन नहीं होने के कारण दूसरे जगह किराए के मकान में आंगनबाड़ी केंद्र चलता है. जिसका किराया विभाग को 500 रु प्रति माह देना पड़ता है.

8 सालों से अधूरा पड़ा निर्माण कार्य
ग्रामीणों ने बताया कि भवन अभी तक क्यों अर्धनिर्मित है, इसका निर्माण क्यों नहीं हुआ, यह किसके फंड से बनेगा, किसी को मालूम नहीं है. दूसरी ओर बहादुरपुर, भकुरा, मोआप कला, कपुरडीहरा, धनगांवा सहित अन्य गांवों में अर्धनिर्मित भवन 6 से 8 वर्षों से निर्माण पूरा होने की बाट जोह रहे हैं. साथ ही जो अर्धनिर्मित भवन हैं, वे भी जर्जर होने की कगार पर हैं. जबकि, समेकित बाल विकास परियोजना द्वारा कई बार भवन निर्माण सबंधित रिपोर्ट विभाग को भेजी जा चुकी है.

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कई आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन अर्धनिर्मित
बता दें कि तरारी में कुल 223 आंगनबाड़ी केंद्र है. जिसमें 54 केंद्रों का अपना सरकारी भवन है. निर्माणाधीन भवनों की संख्या 24 है. कुल 26 केंद्र भवन के निर्माण के लिए एनओसी मिल चुका है. लेकिन भवन बनने के लिए कोई कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. वहीं, 119 आंगनबाड़ी केंद्रों का भूमि अभी तक उपलब्ध नहीं हुई है. इस बीच सीडीपीओ ने बताया कि भवन निर्माण संबंधित रिपोर्ट पूर्व में भेजी गई है.

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