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अब NH-30 पर लगेगी पाठशाला... ढाई साल पहले तोड़े गए स्कूल को पाने के लिए छात्रों का अनोखा आंदोलन

आरा के कोइलवर में बच्चों ने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक आंदोलन की शुरुआत की है. वे अब एनएच पर बैठ कर ही पढ़ाई करेंगे. क्योंकि दो साल पहले फोरलेन बनाने को लेकर स्कूल का भवन तोड़ दिया गया था. स्कूल का नया भवन देने की बात भी कही गई थी. लेकिन ऐसा ना हुआ. माले विधायक ने मामला संसद में भी उठाया. लेकिन मायूसी हाथ लगी. अब सभी ने आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है.

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Published : Sep 1, 2021, 8:55 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 9:29 PM IST

भोजपुरः आरा (Aara News) में बुधवार को एनएच 30 (NH30) पर ही बच्चों की क्लास लगी. कोइलवर (Koilwar Block) प्रखंड के तारामणि भगवान साव उच्चतर विद्यालय (Taramani Bhagwan Saw Higher School) के बच्चों ने प्रार्थना भी सड़क पर की और पढ़ाई भी. लचर शैक्षणिक व्यवस्था के खिलाफ अब जनप्रतिनिधि, अभिभावक और छात्र एकजुट हो गए हैं. अगिआंव से माले विधायक मनोज मंजिल के नेतृत्व में यह अनूठा प्रदर्शन हुआ.

यह भी पढ़ें- विकास की रफ्तार: स्कूल पर बना हाईवे, अब हाईवे पर लगेगी क्लास

बता दें कि मनोज मंजिल ने कई बार सदन से लेकर सड़क पर आंदोलन किया. स्कूल को भवन देने की उनकी मांग को जब दरकिनार किया गया, तो वो आज व्यवस्था के खिलाफ स्कूली बच्चों के साथ बीच सड़क पर स्कूल लगा बैठे. पठन पाठन का कार्य सड़क पर ही सुरू करवा दिया गया.

देखें वीडियो

बच्चों के विरोध प्रदर्शन में भाकपा माले के नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका भी देखने को मिली है. स्कूल से पहले छोटे-छोटे स्कूली बच्चों ने बीच सड़क पर राष्ट्रगान करते हुए प्रार्थना की. इसके बाद माले नेताओं के नेतृत्व में उन्हें पढ़ाया गया. सड़क पर स्कूल चलाने की वजह से उस मार्ग पर आवागमन भी पूरी तरह से बाधित हो गई.

'बच्चों के भविष्य के साथ यह सरकार खिलवाड़ कर रही है. सड़क बनाने के नाम पर कोईलवर स्थित तारामणि भगवान साव उच्चतर विद्यालय को तोड़ दिया गया और अब तक उन स्कूली बच्चों के लिए विद्यालय भवन का निर्माण तक नहीं कराया गया. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण बात है. हम लोगों ने बच्चों के अधर में पड़े भविष्य के सवाल को लेकर संसद में भी आवाज लगाई, लेकिन उसका कुछ ठोस उपाय नहीं किया गया. जिससे आज बाध्य होकर हम तमाम स्कूली बच्चों के साथ सड़क पर स्कूल का संचालन कर रहे हैं. ताकि गहरी नींद में सोई हुई सरकार को दिखे कि बच्चे बिना स्कूल भवन के कैसे पढ़ाई करने को मजबूर हैं.' -मनोज मंजिल, माले विधायक, अगिआंव

स्थानीय लोगों ने जानकारी दी कि सड़क बनाने के लिए भवन का अधिग्रहण कर जनवरी 2019 में विद्यालय को तोड़ दिया गया था. तब जल्द विद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहित कर नए भवन की बात कही गई थी, लेकिन ढाई वर्षों के बाद भी इस विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई. इस स्कूल की स्थापना 1955 में की गई थी. स्कूल से सटे मैदान के बड़े हिस्से को भी अधिग्रहित कर लिया गया है.

कोइलवर हाईस्कूल में 1600 छात्रों का नाम दर्ज है. यानी इतने ही बच्चों का भविष्य अधर में है. स्कूल का भवन पूरी तरह से टूट चुका है. जो बचा है, वो खंडहर बन गया है. लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही इस विद्यालय को बनवाकर अध्यापन व्यवस्था को बहाल करें.

कोइलवर हाईस्कूल आरा-पटना मुख्य मार्ग पर 1955 से स्थापित है. 5 एकड़ 39 डिसमिल के विशाल भूभाग पर 31 क्लासरूम और एक विशाल ऑडिटोरियम था. विद्यालय में फिलहाल कोइलवर समेत आसपास के इलाके के तकरीबन डेढ़ हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वहीं परिसर के दूसरी ओर बड़ा सा खेल मैदान अब भी क्षतिग्रस्त हालत में है.

यह भी पढ़ें- शिक्षक की अनोखी पहल, माइकिंग के जरिए स्कूल आने के लिए बच्चों को किया जागरुक

भोजपुरः आरा (Aara News) में बुधवार को एनएच 30 (NH30) पर ही बच्चों की क्लास लगी. कोइलवर (Koilwar Block) प्रखंड के तारामणि भगवान साव उच्चतर विद्यालय (Taramani Bhagwan Saw Higher School) के बच्चों ने प्रार्थना भी सड़क पर की और पढ़ाई भी. लचर शैक्षणिक व्यवस्था के खिलाफ अब जनप्रतिनिधि, अभिभावक और छात्र एकजुट हो गए हैं. अगिआंव से माले विधायक मनोज मंजिल के नेतृत्व में यह अनूठा प्रदर्शन हुआ.

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बता दें कि मनोज मंजिल ने कई बार सदन से लेकर सड़क पर आंदोलन किया. स्कूल को भवन देने की उनकी मांग को जब दरकिनार किया गया, तो वो आज व्यवस्था के खिलाफ स्कूली बच्चों के साथ बीच सड़क पर स्कूल लगा बैठे. पठन पाठन का कार्य सड़क पर ही सुरू करवा दिया गया.

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बच्चों के विरोध प्रदर्शन में भाकपा माले के नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका भी देखने को मिली है. स्कूल से पहले छोटे-छोटे स्कूली बच्चों ने बीच सड़क पर राष्ट्रगान करते हुए प्रार्थना की. इसके बाद माले नेताओं के नेतृत्व में उन्हें पढ़ाया गया. सड़क पर स्कूल चलाने की वजह से उस मार्ग पर आवागमन भी पूरी तरह से बाधित हो गई.

'बच्चों के भविष्य के साथ यह सरकार खिलवाड़ कर रही है. सड़क बनाने के नाम पर कोईलवर स्थित तारामणि भगवान साव उच्चतर विद्यालय को तोड़ दिया गया और अब तक उन स्कूली बच्चों के लिए विद्यालय भवन का निर्माण तक नहीं कराया गया. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण बात है. हम लोगों ने बच्चों के अधर में पड़े भविष्य के सवाल को लेकर संसद में भी आवाज लगाई, लेकिन उसका कुछ ठोस उपाय नहीं किया गया. जिससे आज बाध्य होकर हम तमाम स्कूली बच्चों के साथ सड़क पर स्कूल का संचालन कर रहे हैं. ताकि गहरी नींद में सोई हुई सरकार को दिखे कि बच्चे बिना स्कूल भवन के कैसे पढ़ाई करने को मजबूर हैं.' -मनोज मंजिल, माले विधायक, अगिआंव

स्थानीय लोगों ने जानकारी दी कि सड़क बनाने के लिए भवन का अधिग्रहण कर जनवरी 2019 में विद्यालय को तोड़ दिया गया था. तब जल्द विद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहित कर नए भवन की बात कही गई थी, लेकिन ढाई वर्षों के बाद भी इस विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई. इस स्कूल की स्थापना 1955 में की गई थी. स्कूल से सटे मैदान के बड़े हिस्से को भी अधिग्रहित कर लिया गया है.

कोइलवर हाईस्कूल में 1600 छात्रों का नाम दर्ज है. यानी इतने ही बच्चों का भविष्य अधर में है. स्कूल का भवन पूरी तरह से टूट चुका है. जो बचा है, वो खंडहर बन गया है. लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही इस विद्यालय को बनवाकर अध्यापन व्यवस्था को बहाल करें.

कोइलवर हाईस्कूल आरा-पटना मुख्य मार्ग पर 1955 से स्थापित है. 5 एकड़ 39 डिसमिल के विशाल भूभाग पर 31 क्लासरूम और एक विशाल ऑडिटोरियम था. विद्यालय में फिलहाल कोइलवर समेत आसपास के इलाके के तकरीबन डेढ़ हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वहीं परिसर के दूसरी ओर बड़ा सा खेल मैदान अब भी क्षतिग्रस्त हालत में है.

यह भी पढ़ें- शिक्षक की अनोखी पहल, माइकिंग के जरिए स्कूल आने के लिए बच्चों को किया जागरुक

Last Updated : Sep 1, 2021, 9:29 PM IST
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