भागलपुर: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भागलपुर जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाया है. इस दौरान निजी वाहनों समेत यात्री बसों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा की गई है. इसके बावजूद शुक्रवार शाम 4 बजे कोलकाता से बेगूसराय जा रही बस भागलपुर के डिक्शन मोड़ स्थित प्राइवेट बस स्टैंड पहुंची. यहां से भी यात्रियों की टिकट बुकिंग की गई और वह बेगूसराय के लिए चली गई.
चेकअप के लिए नहीं कोई मेडिकल टीम
बस स्टैंड पर उतरने और चढ़ने वाले यात्रियों की जांच के लिए किसी भी तरह की कोई मेडिकल की टीम नहीं थी. डिक्शन मोड में शाम को सब्जी का मार्केट लगती है, जिसमें हजारों की भीड़ जुटती है. तो ऐसे में सवाल यह है कि जिला प्रशासन ने जिसे रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया है वह कैसे सफल होगा.
ईटीवी भारत संवाददाता ने दी एसपी को जानकारी
भागलपुर के डिक्शन मोड़ स्थित बस स्टैंड में बस को देखकर ईटीवी भारत संवाददाता ने इस बात की सूचना सीनियर एसपी आशीष भारती और सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज को फोन पर दी, जिसके बाद बस स्टैंड में कोतवाली और तिलकामांझी थाना पुलिस को भेजा गया. पुलिस ने वहां मौजूद स्टैंड के किरानी, बस ड्राईवर व कांट्रैक्टर को चेतावनी देते हुए बस को बेगूसराय के लिए रवाना कर दिया.
बेरोक टोक जा रही थी बस
कोलकाता से बस में आ रहे यात्री भागलपुर उतरे और बिना रोक-टोक के अपने घर के लिए चले गए. वही कुछ यात्री यहां से बस में सवार हुए. सवाल यह भी है कि बस ने बाईपास होकर गुजरते हुए तीन थाना क्षेत्रों को पार किया. इस दौरान बस को रास्ते में बनाए गए चेक पोस्ट पर क्यों नहीं रोका गया? इस लापरवाही से कोरोना के संक्रमण को रोकना संभव नहीं है. जिला प्रशासन ने लॉकडाउन तो लगा दिया लेकिन इसका अनुपालन करवाना भूल गया.