भागलपुर: बिहार में एनआरसी लागू करने को लेकर बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषिदेव ने बैठक की है. अति पिछड़ा कल्याण मंत्री विनोद सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिहार में एनआरसी लागू होना बहुत आवश्यक है. ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के सीमांचल इलाके में बहुत सारे विदेशी और बांग्लादेशी घुसपैठिये घुस आए हैं. जिसे बाहर करने के लिए एनआरसी लागू करना आवश्यक हो गया है.
एनआरसी लागू करने पर हो रहा काम
एनआरसी पर बिहार कैबिनेट के पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषिदेव ने कहा कि एनआरसी पर केंद्र सरकार काम कर रही है. बिहार और केंद्र सरकार को मिलकर निर्णय लेना है. जिसके बाद जो निर्णय लिया जाएगा वही सही माना जाएगा. वहीं मंत्री विनोद सिंह कुशवाहा ने कहा कि एनआरसी लागू होने पर भारतीय होने का गर्व महसूस होगा. यहां रह रहने वाले लोग राष्ट्रीय नागरिकता में अपना पंजीकरण होने पर गौरवान्वित महसूस करेंगे. लोग खुद पर गौरव महसूस करेंगे कि वह भारतीय राष्ट्रीयता के अंदर हैं.
जाने क्या है एनआरसी
नेशनल सिटिजन रजिस्टर (NRC) असम में रहने भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए बनाई गई एक सूची है. जिसका मकसद राज्य में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों खासकर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करना है. इसकी पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई.इस प्रक्रिया के लिए 1986 में सिटीजनशिप एक्ट में संशोधन कर असम के लिए विशेष प्रावधान किया गया. इसके तहत रजिस्टर में उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जो 25 मार्च 1971 के पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं. इस बात का सत्यापन सरकारी दस्तावेजों के जरिए किया गया.