भागलपुर: भागलपुर रिंग बांध ( Bhagalpur Ring Barrage) का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. जबकि बांध निर्माण ( Dam Construction ) के लक्षित समयावधि (Due Date) को तीन महीने से अधिक बीत चुके हैं. अभी तक बांध का महज 50 प्रतिशत ही काम पूरा हुआ है. इधर, बिहार में मानसून ( Monson In Bihar ) ने दस्तक दे दी है. नदियों का जल स्तर बढ़ना शुरू हो चुका है. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आधे काम से पूरी निजात कैसे मिलेगी.
55 करोड़ की लागत से चल रहा निर्माण कार्य
55 करोड़ की लागत से भागलपुर के नवगछिया जाह्नवी चौक से इस्माइलपुर की तरफ लगभग 10.5 किलोमीटर लंबे बांध निर्माण कार्य किया जा रहा है. हर साल बरसात के मौसम ( Rainy Season ) में गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण इस इलाके में बाढ़ आ जाती थी. जिससे हजारों हेक्टेयर में लगे फसलों को नुकसान होता था. इस बांध के बन जाने से इस्माइलपुर, गोपालपुर, नवगछिया, रंगरा सहित अन्य जगहों के किसानों को फायदा मिलेगा, लेकिन इसका काम आज भी अधूरा है.
31 मार्च तक की थी समयावधि
रिंग बांध के इस हिस्से का निर्माण का काम 17 अप्रैल 2018 को शुरू किया गया था. 31 मार्च 2021 को कार्य समाप्त की तिथि थी. लेकिन काम काफी धीमी गति से चला. जिस कारण इसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका है.
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अब अगस्त के पहले महीने तक पूरा करने का निर्देश
भागलपुर डीएम सुब्रत कुमार सेन ( Bhagalpur DM Subrat Kumar Sen ) ने तटबंध के 10.5 किलोमीटर के इस हिस्से को निर्माण को जून महीने तक पूरा करने का निर्देश दिया था. लेकिन कोरोना और लगातार हो रही बारिश के चलते एक बार फिर इसके निर्माण लक्ष्य पूरा करने की निर्धारित तिथि को आगे बढ़ाया गया है. अब इसे अगस्त महीने के पहले सप्ताह तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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पूरे तटबंध निर्माण में 2845.15 लाख रुपये का खर्च
पूरे तटबंध निर्माण में 2845 .15 लाख रुपये की लागत का आकलन किया गया है. श्री राम एंटरप्राइजेज भागलपुर (Shri Ram Enterprises Bhagalpur) को इस तटबंध का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया है. सहायक अभियंता रविंद्र कुमार कार्य की गुणवत्ता का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं.
बाढ़ से बचाव को लेकर चल रहे कई कार्य
तटबंध को लेकर जिला अधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि कोशी व गंगा में बाढ़ से बचाव के कई कार्य चल रहे हैं. जहान्वी चौक से इस्माइलपुर तक लगभग 10 किलोमीटर में तटबंध का निर्माण कार्य करीब 50 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है. जिनमें 3-4 स्ट्रक्चर निर्माण जैसे स्लूइस गेट व अन्य शामिल हैं.
'यह काम कई सालों से बंद था. इस कार्य को जनवरी में मेरे आने के बाद से शुरू किया गया है. इसके बन जाने से नवगछिया, गोपालपुर और इस्माइलपुर के लोगों को बाढ़ से राहत मिलेगी. जलजमाव से छुटकारा मिलेगा. बगजान तटबंध और गुवारीडीह पुरातत्व स्थल को भी बचाने का काम हो रहा है. वहां भी तटबंध बनाया जा रहा है. कोशी में पायलट चैनल का निर्माण हो रहा है. पायलट चैनल के बन जाने से हजारों एकड़ की जमीन निश्चित रूप से निकलेगी, जहां खेती की जा सकेगी'.- सुब्रत कुमार सेन, डीएम
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कटाव के कारण गंगा में समा जाने का है डर
बता दें कि नवगछिया अनुमंडल के सैदपुर और आसपास के गांव कटाव क्षेत्र में शामिल हैं. बरसात के दिनों में लोग हमेशा डर के साए में जीते हैं. पूर्व में भी कटाव के कारण एक दर्जन से अधिक गांव गंगा नदी में समा चुके हैं. इसके कारण विस्थापित परिवार जहां-तहां रहने को विवश है. जिले में बाढ़ से लोगों को सुरक्षित रखने की कोशिश को लेकर जल संसाधन विभाग ने तटबंध निर्माण कराने का निर्णय लिया. 4 साल बीत जाने के बाद भी तटबंध का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. बारिश और गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी ने इलाके में भय का माहौल पैदा कर दिया है.