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भागलपुर: विराज सागर अपने विशाल संघ के साथ पहुंचे चंपापुर सिद्धक्षेत्र - सहिष्णुता

नाथनगर कबीरपुर स्थित चंपापुर दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र में परम पूज्य मुनिराज गणाचार्य विराग सागर अपने विशाल संघ के साथ पहुंचे. जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वसुपूज्य की पंचकल्याणक स्थली पर पहुंचकर सभी संतो के चेहरे पर असीम आनंद की अनुभूति झलक रही थी.

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परम पूज्य मुनिराज गणाचार्य विराग सागर पहुंचे चंपापुर सिद्धक्षेत्र
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Published : Nov 26, 2019, 2:06 PM IST

भागलपुर: जिले के नाथनगर कबीरपुर स्थित चंपापुर दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र में परम पूज्य मुनिराज गणाचार्य विराग सागर अपने विशाल संघ के साथ पधारे. देश के अनेक राज्यों से आए स्त्री और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए यह क्षण उत्साह भरा और ऐतिहासिक रहा.

12वें तीर्थंकर भगवान वसुपूज्य की पंचकल्याणक स्थली
श्रद्धालुओं के जयघोष से पूरा सिद्ध क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वसुपूज्य की पंचकल्याणक स्थली पर पहुंचकर सभी संतो के चेहरे पर असीम आनंद की अनुभूति झलक रही थी. 23 मुनिराज और 25 आर्यका माताजी ने मंदिर के जिनालय का दर्शन वंदना किया.

परम पूज्य मुनिराज गणाचार्य विराग सागर पहुंचे चंपापुर सिद्धक्षेत्र

'अहिंसा को अपनाने की जरूरत'
भगवान वसुपूज्य की मूंगे वर्ण की प्रतिमा के समक्ष गणाचार्य विराग सागर जी ने संघ सहित ध्यान किया. साथ ही संघ ने कोतवाली चौक स्थित जैन मंदिर का भी दर्शन किया. गणाचार्य विराग सागर ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का समाज मानव मूल्यों के जिस संकट के दौर से गुजर रहा है. उससे उबरने के लिए अहिंसा को अपनाने की जरूरत है.

'प्रेम क्षमा और सहिष्णुता में ही सबका भला'
गणाचार्य ने कहा कि जिसके हृदय में प्रतिशोध या विरोध की भावना है वह व्यक्ति धन सत्ता आदि से चाहे जितना समर्थ हो लेकिन शांति प्राप्त नहीं कर सकता. प्रेम क्षमा और सहिष्णुता में ही सबका भला है. स्वार्थ सोच को संकीर्ण बना देता है.

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श्रद्धालु

कई गणमान्य लोग रहे उपस्थित
सभा का संचालन और अतिथियों का स्वागत सिद्ध क्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने किया. मौके पर मोतीलाल पाटनी, भंवरलाल विनायका, श्रीचंद पाटनी, पवन बड़जातिया, सुमंत पाटनी, सज्जन विनायका, अशोक पाटनी ,उत्तम पाटनी, शांति जैन, विजय जैन आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे.

भागलपुर: जिले के नाथनगर कबीरपुर स्थित चंपापुर दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र में परम पूज्य मुनिराज गणाचार्य विराग सागर अपने विशाल संघ के साथ पधारे. देश के अनेक राज्यों से आए स्त्री और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए यह क्षण उत्साह भरा और ऐतिहासिक रहा.

12वें तीर्थंकर भगवान वसुपूज्य की पंचकल्याणक स्थली
श्रद्धालुओं के जयघोष से पूरा सिद्ध क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वसुपूज्य की पंचकल्याणक स्थली पर पहुंचकर सभी संतो के चेहरे पर असीम आनंद की अनुभूति झलक रही थी. 23 मुनिराज और 25 आर्यका माताजी ने मंदिर के जिनालय का दर्शन वंदना किया.

परम पूज्य मुनिराज गणाचार्य विराग सागर पहुंचे चंपापुर सिद्धक्षेत्र

'अहिंसा को अपनाने की जरूरत'
भगवान वसुपूज्य की मूंगे वर्ण की प्रतिमा के समक्ष गणाचार्य विराग सागर जी ने संघ सहित ध्यान किया. साथ ही संघ ने कोतवाली चौक स्थित जैन मंदिर का भी दर्शन किया. गणाचार्य विराग सागर ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का समाज मानव मूल्यों के जिस संकट के दौर से गुजर रहा है. उससे उबरने के लिए अहिंसा को अपनाने की जरूरत है.

'प्रेम क्षमा और सहिष्णुता में ही सबका भला'
गणाचार्य ने कहा कि जिसके हृदय में प्रतिशोध या विरोध की भावना है वह व्यक्ति धन सत्ता आदि से चाहे जितना समर्थ हो लेकिन शांति प्राप्त नहीं कर सकता. प्रेम क्षमा और सहिष्णुता में ही सबका भला है. स्वार्थ सोच को संकीर्ण बना देता है.

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श्रद्धालु

कई गणमान्य लोग रहे उपस्थित
सभा का संचालन और अतिथियों का स्वागत सिद्ध क्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने किया. मौके पर मोतीलाल पाटनी, भंवरलाल विनायका, श्रीचंद पाटनी, पवन बड़जातिया, सुमंत पाटनी, सज्जन विनायका, अशोक पाटनी ,उत्तम पाटनी, शांति जैन, विजय जैन आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे.

Intro:भागलपुर:-

नाथनगर:- परम पूज्य मुनिराज गणाचार्य विराग सागर अपने विशाल संघ के साथ सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे नाथनगर कबीरपुर स्थित चंपापुर दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र पधारे। देश के अनेक राज्यों से आये स्त्री, पुरुष श्रद्धालुओं के लिए यह क्षण उत्साह भरा व ऐतिहासिक रहा। श्रद्धालुओं के जयघोष से पूरा सिद्ध क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वसुपूज्य की पंचकल्याणक स्थली पर पहुंचकर सभी संतो के चेहरे पर असीम आनंद की अनुभूति झलक रही थी। 23 मुनिराज 25 आर्यका माताजी ने मंदिर के प्रति जिनालय का दर्शन वंदन किया और भगवान वसुपूज्य की मूंगे वर्ण की प्रतिमा के समक्ष गणाचार्य विराग सागर जी ने संघ सहित ध्यान किया तो यह दृश्य बड़ा ही दर्शनीय बन गया। इसके बाद समस्त संघ ने कोतवाली चौक स्थित जैन मंदिर का भी दर्शन किया। समस्त संघ समूह को मार्ग में पद बिहार करते देख स्थानीय वासी भी रुक कर नमन वंदन कर रहे थे। गणाचार्य विराग सागर ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा आज का समाज मानव मूल्यों के जिस संकट के दौर से गुजर रहा है उससे उबरने के लिए अहिंसा को अपनाने की महती आवश्यकता है। जिसके हृदय में प्रतिशोध या विरोध की भावना है वह व्यक्ति धन सत्ता आदि से चाहे जितना समर्थ हो लेकिन शांति प्राप्त नहीं कर सकता। हिंसा को प्रतिहिंसा से दूर नहीं किया जा सकता है।प्रेम क्षमा और सहिष्णुता में ही सबका भला है। स्वार्थ सोच को संकीर्ण बना देता है। पाद प्रक्षालन विजय रारा, गोपाल जैन, पदम पाटनी, जयकुमार काला ने किया। वहीं सभा का संचालन एवं आगत अतिथियों का स्वागत सिद्ध क्षेत्र मंत्री सुनील जैन द्वारा किया गया। इस अवसर पर अशोक पांडेय,मनीष गंगवाल, अजीत जैन, नितिन बड़जात्या ने मंगल आरती की। Body:देश के अनेक राज्यों से आये स्त्री, पुरुष श्रद्धालुओं के लिए यह क्षण उत्साह भरा व ऐतिहासिक रहा।Conclusion:मौके पर मोतीलाल पाटनी, भंवरलाल विनायका, श्रीचंद पाटनी, पवन बड़जातिया, सुमंत पाटनी, सज्जन विनायका, अशोक पाटनी ,उत्तम पाटनी, शांति जैन, विजय जैन आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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