भागलपुर: नागरिकता संशोधित अधिनियम को लेकर जदयू में दो तरफा बयानबाजी हो रही है. जहां एक ओर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर इसके विरोध में हैं. वहीं, जदयू नेता सह नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने सीएए का समर्थन किया है. उन्होंने पीके के बयान को उनका व्यक्तिगत विचार (पर्सनल व्यू) बताया है.
शनिवार को भागलपुर पहुंचे अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि पार्टी लाइन के खिलाफ जो नेता बयान देते हैं, वो उनका व्यक्तिगत विचार होता है. जेडीयू का स्टैंड क्लियर है. पार्टी ने सीएबी बिल का लोकसभा और राज्यसभा में समर्थन किया है. पार्टी की तरफ से लोकसभा में ललन सिंह और राज्यसभा में आरपी सिंह ने विस्तारपूर्वक चर्चा की है. अशोक चौधरी ने कहा कि सिटीजन अमेंडमेंट बिल किसी के खिलाफ नहीं है. यह बिल पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक लोगों को, जो वहां प्रताड़ित हो रहे थे. उन्हें अपने यहां संरक्षण देने के लिए लाया गया है. यहां रह रहे लोगों के लिए यह बिल किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाएगा. विपक्ष इस बिल को लेकर लोगों में दुष्प्रचार कर रहा है, लोगों में भ्रम फैला रहा है.
बिहार में अल्पसंख्यक महफूज- भवन निर्माण मंत्री
अशोक चौधरी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग हमें सेक्युलरिज्म समझा रहे हैं. 15 साल सत्ता में थे, तो अल्पसंख्यकों का बजट कम कर दिया था. अभी नीतीश कुमार कि सरकार ने बिहार में अल्पसंख्यकों के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई गई हैं. बजट को बढ़ाया है. मदरसा में सातवां वेतन लागू किया गया है. अशोक चौधरी ने एनआरसी बिल को लेकर कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही इसको लेकर ऐलान कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के अल्पसंख्यक को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्हें परेशान नहीं होना है. जब तक नीतीश कुमार प्रदेश में हैं, अल्पसंख्यक महफूज हैं.