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रियल स्टेट के कारोबार पर मंदी की मार, निवेशक प्लॉट और फ्लैट नहीं मिलने से निराश

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Published : Aug 21, 2019, 5:35 PM IST

नगर निगम के उप महापौर राजेश वर्मा ने सारा ठीकरा नगर आयुक्त पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इससे पहले के नगर आयुक्त के कार्यकाल में सारे काम ठप पड़े थे.

रियल एस्टेट

भागलपुरः रियल स्टेट का कारोबार इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है. कंपनियों के प्रोजेक्ट अधर में लटके पड़े हैं. इससे कारोबारी तो परेशान हैं ही निवेशक भी समय पर प्लॉट और फ्लैट नहीं मिलने से हताश हैं.

भागलपुर
स्मार्ट सिटी भागलपुर

स्मार्ट सिटी से थी उम्मीदें
दरअसल, भागलपुर शहर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल किया गया था. जिसके बाद से शहर वासियों और रियल एस्टेट कारोबारियों में खासा उत्साह देखा जा रहा था. स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद बाहर की कम्पनियां भी यहां प्रोजेक्ट शुरू करने लगी. लेकिन शहर को स्मार्ट बनाने वाली योजना धरातल पर उतरी ही नहीं. बताया जाता है कि इस बीच नोटबंदी की वजह से रियल एस्टेट के कारोबार में भारी गिरावट आई. उसके बाद से अभी तक कारोबार ढुलमुल ही चल रहा है.

भागलपुर
राजेश वर्मा, उप महापौर

'सरकारी नीति है बाधक'
कारोबारी बताते हैं कि बिक्री में गिरावट आने की एक वजह रियल एस्टेट से संबंधित सरकार की नीति भी है. सिमेंट, ईंट, बालू और गिट्टी के भाव भी बढ़ गए हैं. जिसकी वजह से फ्लैट महंगी हुई है. वहीं, जिले की नगर आयुक्त जे प्रियदर्शनी ने कहा कि स्मार्ट सिटी की योजनाएं महीने के अंत तक दिखनी शुरू हो जाएंगी.

पूरी रिपोर्ट

डिप्टी मेयर ने आयुक्त पर फोड़ा ठीकरा
इधर, नगर निगम के उप महापौर राजेश वर्मा ने सारा ठीकरा नगर आयुक्त पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इससे पहले के नगर आयुक्त के कार्यकाल में सारे काम ठप पड़े थे. नई आयी आयुक्त से कुछ बेहतर करने की उम्मीदें हैं.

भागलपुरः रियल स्टेट का कारोबार इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है. कंपनियों के प्रोजेक्ट अधर में लटके पड़े हैं. इससे कारोबारी तो परेशान हैं ही निवेशक भी समय पर प्लॉट और फ्लैट नहीं मिलने से हताश हैं.

भागलपुर
स्मार्ट सिटी भागलपुर

स्मार्ट सिटी से थी उम्मीदें
दरअसल, भागलपुर शहर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल किया गया था. जिसके बाद से शहर वासियों और रियल एस्टेट कारोबारियों में खासा उत्साह देखा जा रहा था. स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद बाहर की कम्पनियां भी यहां प्रोजेक्ट शुरू करने लगी. लेकिन शहर को स्मार्ट बनाने वाली योजना धरातल पर उतरी ही नहीं. बताया जाता है कि इस बीच नोटबंदी की वजह से रियल एस्टेट के कारोबार में भारी गिरावट आई. उसके बाद से अभी तक कारोबार ढुलमुल ही चल रहा है.

भागलपुर
राजेश वर्मा, उप महापौर

'सरकारी नीति है बाधक'
कारोबारी बताते हैं कि बिक्री में गिरावट आने की एक वजह रियल एस्टेट से संबंधित सरकार की नीति भी है. सिमेंट, ईंट, बालू और गिट्टी के भाव भी बढ़ गए हैं. जिसकी वजह से फ्लैट महंगी हुई है. वहीं, जिले की नगर आयुक्त जे प्रियदर्शनी ने कहा कि स्मार्ट सिटी की योजनाएं महीने के अंत तक दिखनी शुरू हो जाएंगी.

पूरी रिपोर्ट

डिप्टी मेयर ने आयुक्त पर फोड़ा ठीकरा
इधर, नगर निगम के उप महापौर राजेश वर्मा ने सारा ठीकरा नगर आयुक्त पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इससे पहले के नगर आयुक्त के कार्यकाल में सारे काम ठप पड़े थे. नई आयी आयुक्त से कुछ बेहतर करने की उम्मीदें हैं.

Intro:smart_city_me_real_state_ka_karobar_me_mandi_pkg_7202641

भागलपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट सिटी की योजना नहीं होने की वजह से भागलपुर का रियल एस्टेट का कारोबार इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है 2015 के अंत में भागलपुर स्मार्ट सिटी के तौर पर घोषित हुआ था लेकिन पूरे शहर में कहीं भी स्मार्ट सिटी की कोई योजना नहीं दिख रही है जैसे ही स्मार्ट सिटी की घोषणा होने के साथ ही भागलपुर में रियल स्टेट का कारोबार काफी बड़ी बड़ी कंपनियों के द्वारा शुरू कर दिया गया लेकिन जैसे ही स्मार्ट सिटी की योजना नहीं दिखने लगी तो लोगों ने भी जमीन और फ्लैट खरीदना कम कर दिया और रियल स्टेट का कारोबार काफी मंदी के दौर में चला आया ।


Body:नतीजतन कई बड़ी बड़ी रियल एस्टेट की कंपनियां खरीदार नहीं होने की वजह से अपने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पा रही है और जो अपार्टमेंट कल्चर भागलपुर में वर्षों पूर्व शुरू हुआ था धीरे धीरे उसमें मंदी दिखाई देने लगी है बिल्डर का कहना है कि जो भी नहीं थी सरकार ने बनाई है उससे रियल स्टेट पूरी तरह से प्रभावित हो गया है क्योंकि जो भी कायदे कानून खरीदारों के फायदे को लेकर बनाया गया है उससे रियल एस्टेट कारोबारी पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं साथ ही साथ जो बिल्डिंग मैटेरियल्स का कॉस्ट था उसके भाव में भी काफी तेज़ी आ गई है इसकी वजह से कई प्रोजेक्ट्स अधूरे पड़े हुए हैं और कारोबारी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं ।


Conclusion:हालांकि नई नगर आयुक्त के आने के बाद स्मार्ट सिटी के काम में तेजी आने की बात की जा रही है और कारोबारियों को भी अपने कारोबार मैं आ गए मंदी के दौर से उबरने की उम्मीद दिखाई पड़ रही है और नगर आयुक्त ने भी कहा है की स्मार्ट सिटी की कई योजनाएं जल्द ही दिखनी शुरू हो जाएगी भागलपुर के डिप्टी मेयर राजेश वर्मा का भी कहना है की नई नगर आयुक्त के आने के बाद पार्षदों और नेताओं के साथ बेहतर सामंजस्य के साथ अरे काम करने की तैयारी शुरू हो गई है जो कि जल्द ही भागलपुर में दिखने शुरू हो जाएगी आज जो भी कार्य स्मार्ट सिटी योजना में नहीं हो पाया उसकी बड़ी वजह नगर आयुक्त एवं अन्य कर्मचारी रहे हैं नई पदाधिकारी के आने से लोगों को उम्मीदें जगी हैं और हम भी उम्मीद करते हैं कि नई नगर आयुक्त भागलपुर शहर के लिए बेहतर काम करेंगे ।

बाइट बिट्टू कुमार रियल एस्टेट कारोबारी
बाइट जे प्रियदर्शनी नगर आयुक्त भागलपुर नगर निगम
बाइट राजेश वर्मा डिप्टी मेयर भागलपुर नगर निगम
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